सघन टीबी रोग खोज अभियान शुरू : अभियान को लेकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय बलिया में हुई संवेदी करण बैठक
सघन टीबी रोग खोज अभियान शुरू : अभियान को लेकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय बलिया में हुई संवेदी करण बैठक
बलिया 14अक्टूबर 2019 ।।सघन टीबी रोगी खोज अभियान 12 अक्टूबर से शुरू होकर 22 अक्टूबर को समाप्त होगा। इस अभियान को लेकर कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधिकारी / जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ० के डी प्रसाद और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ० बी पी सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधिकारी / जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ० के डी प्रसाद ने बताया कि टीबी के बैक्टीरिया हवा के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के फेफड़ों में पहुंचकर उन्हें संक्रमित कर देते हैं ।टीबी की संभावना होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सक की सलाह जरूर लें जिले के 32 प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र पर टीबी की जांच एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध है । उन्होंने वहाँ उपस्थित समस्त चिकित्सकों से अपील की कि संभावित टीबी वाले मरीजों के बलगम को चिन्हित डीएमसी पर बलगम की जांच के लिए संदर्भित करें ताकि ज्यादा से ज्यादा टीबी के रोगियों को खोज किया जा सके और उन्हें तुरंत इलाज की सुविधा दी जा सके । मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉo बी पी सिंह ने कहा कि संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में न हो इसलिए खासते एवं छीकते समय मुंह पर कपड़ा जरूर रखें। जिससे संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में न हो। टीबी नाखून और बाल को छोड़कर शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है ।उन्होंने बताया कि 2 सप्ताह से ज्यादा खांसी,बलगम आना, बलगम में खून आना, लंबे समय से बुखार आना, भूख न लगना, वजन घटना, सीने में दर्द जैसे लक्षण मिलने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच अवश्य कराएं। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरतें।
इस बैठक में डॉक्टर संतोष चौधरी, डॉ मिथिलेश सिंह, अधीक्षक काजीपुरा डॉ एस पी सिंह,डॉक्टर एके सिंह, डॉक्टर एके स्वर्णकार, डॉक्टर वीनेश कुमार ,डॉक्टर अनिल सिंह डॉक्टर मनोज, आदि। साथ ही जिला क्षय रोग कार्यालय के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।
बलिया 14अक्टूबर 2019 ।।सघन टीबी रोगी खोज अभियान 12 अक्टूबर से शुरू होकर 22 अक्टूबर को समाप्त होगा। इस अभियान को लेकर कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधिकारी / जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ० के डी प्रसाद और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ० बी पी सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधिकारी / जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ० के डी प्रसाद ने बताया कि टीबी के बैक्टीरिया हवा के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के फेफड़ों में पहुंचकर उन्हें संक्रमित कर देते हैं ।टीबी की संभावना होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सक की सलाह जरूर लें जिले के 32 प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र पर टीबी की जांच एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध है । उन्होंने वहाँ उपस्थित समस्त चिकित्सकों से अपील की कि संभावित टीबी वाले मरीजों के बलगम को चिन्हित डीएमसी पर बलगम की जांच के लिए संदर्भित करें ताकि ज्यादा से ज्यादा टीबी के रोगियों को खोज किया जा सके और उन्हें तुरंत इलाज की सुविधा दी जा सके । मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉo बी पी सिंह ने कहा कि संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में न हो इसलिए खासते एवं छीकते समय मुंह पर कपड़ा जरूर रखें। जिससे संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में न हो। टीबी नाखून और बाल को छोड़कर शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है ।उन्होंने बताया कि 2 सप्ताह से ज्यादा खांसी,बलगम आना, बलगम में खून आना, लंबे समय से बुखार आना, भूख न लगना, वजन घटना, सीने में दर्द जैसे लक्षण मिलने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच अवश्य कराएं। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरतें।
इस बैठक में डॉक्टर संतोष चौधरी, डॉ मिथिलेश सिंह, अधीक्षक काजीपुरा डॉ एस पी सिंह,डॉक्टर एके सिंह, डॉक्टर एके स्वर्णकार, डॉक्टर वीनेश कुमार ,डॉक्टर अनिल सिंह डॉक्टर मनोज, आदि। साथ ही जिला क्षय रोग कार्यालय के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।