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कटु सत्य को दर्शाती कविता : देखते ही देखते जवान, पिताजी बूढ़े हो जाते हैं..

कटु सत्य को दर्शाती कविता : देखते ही देखते जवान,
पिताजी बूढ़े हो जाते हैं..

बलिया एक्सप्रेस की प्रस्तुति
28 अक्टूबर 2019 ।।

देखते ही देखते जवान,
पिताजी बूढ़े हो जाते हैं..

सुबह की सैर में,
कभी चक्कर खा जाते हैं,
सारे मौहल्ले को  पता है,
पर हमसे छुपाते हैं...

दिन प्रतिदिन अपनी,
खुराक घटाते हैं,
और तबियत ठीक होने की,
बात फ़ोन पे बताते हैं...

ढ़ीले हो गए कपड़ों,
को टाइट करवाते हैं,
देखते ही देखते जवान,
पिताजी बूढ़े हो जाते हैं...!

किसी के देहांत की खबर,
सुन कर घबराते हैं,
और अपने परहेजों की,
संख्या बढ़ाते हैं,

हमारे मोटापे पे,
हिदायतों के ढ़ेर लगाते हैं,
"रोज की वर्जिश" के,
फायदे गिनाते हैं,

‘तंदुरुस्ती हज़ार नियामत',
हर दफे बताते हैं,
देखते ही देखते जवान,
पिताजी बूढ़े हो जाते हैं..

हर साल बड़े शौक से,
अपने बैंक जाते हैं,
अपने जिन्दा होने का,
सबूत देकर हर्षाते हैं...

जरा सी बढ़ी पेंशन पर,
फूले नहीं समाते हैं,
और फिक्स्ड डिपॉजिट,
रिन्यू करते जाते हैं...

खुद के लिए नहीं,
हमारे लिए ही बचाते हैं,
देखते ही देखते जवान,
पिताजी बूढ़े हो जाते हैं...

चीज़ें रख के अब,
अक्सर भूल जाते हैं,
फिर उन्हें ढूँढने में,
सारा घर सर पे उठाते हैं...

और एक दूसरे को,
बात बात में हड़काते हैं,
पर एक दूजे से अलग,
भी नहीं रह पाते हैं...

एक ही किस्से को,
बार-बार दोहराते हैं,
देखते ही देखते जवान,
पिताजी बूढ़े हो जाते हैं...

चश्में से भी अब,
ठीक से नहीं देख पाते हैं,
बीमारी में दवा लेने में,
नखरे दिखाते हैं...

एलोपैथी के बहुत सारे,
साइड इफ़ेक्ट बताते है,
और होमियोपैथी,
आयुर्वेद की ही रट लगाते हैं..

ज़रूरी ऑपरेशन को भी,
और आगे टलवाते हैं.
देखते ही देखते जवान
पिताजी बूढ़े हो जाते हैं..

उड़द की दाल अब,
नहीं पचा पाते हैं,
लौकी तुरई और धुली मूंगदाल,
ही अधिकतर खाते हैं,

दांतों में अटके खाने को,
तीली से खुजलाते हैं,
पर डेंटिस्ट के पास,
जाने से कतराते हैं,

"काम चल तो रहा है",
की ही धुन लगाते हैं..
देखते ही देखते जवान,
पिताजी बूढ़े हो जाते हैं..

हर त्यौहार पर हमारे,
आने की बाट देखते हैं,
अपने पुराने घर को,
नई दुल्हन सा चमकाते हैं..

हमारी पसंदीदा चीजों के,
ढ़ेर लगाते हैं,
हर छोटी बड़ी फरमाईश,
पूरी करने के लिए,
माँ रसोई और पापा बाजार,
दौड़े चले जाते हैं..

पोते-पोतियों से मिलने को,
कितने आंसू टपकाते हैं..
देखते ही देखते जवान,
पिताजी बूढ़े हो जाते हैं...

देखते ही देखते जवान,
पिताजी बूढ़े हो जाते हैं...
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏