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बलिया एक्सप्रेस की भविष्यवाणी हुई सच : आर्यन मोह से निकल नही पाये नगरपालिका अध्यक्ष, फिर से बोर्ड से पास करा दिया आर्यन के कार्य करने का प्रस्ताव , अब डीएम बलिया सोचे किसका चल रहा है राज ?

बलिया एक्सप्रेस की भविष्यवाणी हुई सच : आर्यन मोह से निकल नही पाये नगरपालिका अध्यक्ष, फिर से बोर्ड से पास करा दिया आर्यन के कार्य करने का प्रस्ताव , अब डीएम बलिया सोचे किसका चल रहा है राज




बलिया 20 अक्टूबर 2019 ।। जिस आर्यन ग्रुप ने बलिया नगर पालिका परिषद में कार्य कराते हुए नगर  पालिका के साथ किये गये एग्रीमेंट की धज्जियां उड़ाते हुए 18 माह तक काम किया, बिना बायोमेट्रिक हाजिरी के मन माफिक संख्या में कर्मचारियों के नाम पर लाखों रुपये प्रतिमाह भुगतान लिया, 18 माह से पीएफ काट कर कर्मचारियों के पीएफ जमा नही कराया, सरकारी गाड़ियों का प्रयोग करके मरम्मत नियम विरुद्ध नगर पालिका से कराया ,जिला अधिकारी बलिया द्वारा करायी गयी जांच में दोषी गया पाया , जिलाधिकारी के ही आदेश पर नगर पालिका ने नया टेंडर निकाला, जब आर्यन का नही निकला तो बोर्ड से प्रस्ताव पारित कराया,फिर से 5 साल के शेष समय के लिये आर्यन को ही बुलाया, ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि अब जिला अधिकारी महोदय क्या करेंगे ? क्योकि पिछले 19 अगस्त 2019 की कलेक्ट्रेट सभागार में स्वयं जिलाधिकारी बलिया ने मीटिंग में घोषणा की थी कि आर्यन ग्रुप ने एग्रीमेंट की शर्तों के खिलाफ कार्य करते हुए भुगतान लिया है जो सरकारी धन की गबन की श्रेणी में आता है । इसी बैठक में यह भी कहा था कि आगामी 20 दिन के अंदर फ्रेश टेंडर करके नई व्यवस्था लागू की जाय जो मात्र एक साल के लिये ही होगी और जिस भी संस्था की निविदा स्वीकृत हो वह मांग के अनुरूप मजदूरों, ऑपरेटरों की सप्लाई देगी , काम कहां और कैसे लेना है यह नगर पालिका के हाथ मे रहेगा , ठेकेदार के हाथ मे नही । इसी क्रम में टेंडर भी हुआ , एक कम्पनी के टेंडर को टेंडर समिति ने चयन करके अध्यक्ष के पास स्वीकृति के लिये भेजा ,लेकिन आर्यन के टेंडर न मिलने और आर्यन मोह में धृतराष्ट्र की तरह जकड़े चेयरमैन साहब ने टेंडर से चयनित कम्पनी को स्वीकृति न देकर बोर्ड से आर्यन को ही पुनः कार्य करने की स्वीकृति दिलाकर सीधे सीधे जिलाधिकारी बलिया को ही मात देने का काम किया है ।
 बता दे कि शनिवार को नगर पालिका बोर्ड की हंगामेदार बैठक हुई जिसमें मेला सम्बन्धी कई प्रस्ताव पारित हुए , उसी के साथ जिलाधिकारी के आदेश , जांच समिति की रिपोर्ट आदि को धत्ता बताते हुए आर्यन ग्रुप से ही साफ सफाई का कार्य लेने का भी प्रस्ताव पारित हो गया ।
   जिलाधिकारी बलिया ने 19 अगस्त की बैठक में और उससे पहले आर्यन को ईस्ट इंडिया कम्पनी कहा था वह आज गलत हो गया क्योंकि आर्यन की मैनेजमेंट के आगे ईस्ट इंडिया कम्पनी कही टिक भी नही पाती ? ऐसे ही पूरे प्रदेश में यह कम्पनी साफसफाई का कारोबार थोड़े ही करती है चाहे कूड़ा हो या सरकारी धन ? अब देखना है कि जिलाधिकारी बलिया का अगला कदम क्या होता है ?

19 अक्टूबर 2019 दिन शनिवार को हुई बोर्ड की सामाजिक समरसता वाली बैठक की कुछ एक्सक्लूसिव वीडियो








19 अगस्त को प्रकाशित समाचार
बलिया : आखिरकार टूट ही गया नगर पालिका द्वारा किया गया काला एग्रीमेंट ,डीएम ने दिया 20 दिनों के अंदर नया टेंडर कराने का आदेश ,समय से टेंडर न होने पर चेयरमैन व ईओ पर होगा एफआईआर और रिकवरी की कार्यवाई


बलिया 19 अगस्त 2019 ।। बलिया नगर में 11 वार्डो में साफ सफाई और सभी वार्डो में घर घर से कूड़ा कलेक्शन, नालियों में एंटी लार्वा का छिडकांव ,फॉगिंग छिडकांव आदि का कार्य करने वाली आर्यन ग्रुप के खिलाफ सभासदों द्वारा जनपद स्तर से लेकर शासन स्तर तक शिकायते, आम जन की शिकायतों के क्रम में डीएम बलिया ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में एक खुली बैठक का आयोजन किया । इस बैठक में डीएम बलिया भवानी सिंह खंगारौत ने सभी 25 वार्डो से आये सम्मानित नागरिको से पूंछताछ करके आर्यन कम्पनी के कार्यो की पड़ताल की । इस बैठक में जहां कुछ लोगो ने और लगभग 20 सभासदों ने आर्यन ग्रुप कार्यकाल को संतोषजनक बताया तो वही कुछ अन्य लोगो व सभासदों ने आर्यन कम्पनी के कार्य को खराब बताते हुए हटाने की मांग की । बैठक शुरू होते ही जिलाधिकारी ने ईओ डीके विश्वकर्मा और आर्यन ग्रुप के चेयरमैन संजय मिश्रा से सवाल जबाब की झड़ी लगा दी । डीएम बलिया ने साफ कहा कि एक वित्तीय वर्ष से ज्यादे समय वाला टेंडर किस नियम के तहत हुआ है , मुझको सबूत दीजिये ? इस पर संजय मिश्रा ने लखनऊ , उन्नाव आदि जगहों पर हुए एग्रीमेंट का हवाला देते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत 5 से 25 साल तक का एग्रीमेंट हुआ है । लेकिन जिलाधिकारी इस उत्तर से संतुष्ट नही हुए । जिलाधिकारी ने एग्रीमेंट की शर्तों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अनुबंध में लिखा है कि बायोमेट्रिक हाजिरी के बाद और गाड़ियों में जीपीएस के द्वारा दर्शाये गये किलोमीटर के हिसाब से भुगतान होना था तो आपने 11 माह बाद यह सिस्टम क्यो लागू किया है ? के जबाब में संजय मिश्रा ने कहा कि जिस दिन मुझे चिट्ठी मिली उस दिन यानी जून 2019 से लागू कर दिया है । जून 2018 से जून 2019 के बीच कितने सफाई कर्मी काम पर लगे थे उसकी सत्यता की पड़ताल माननीय सभासद गणों से कर लीजिये तो जिलाधिकारी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सभासदों के चाल और चरित्र को मै देख चुका हूं , कुछ को छोड़कर कभी ये लोग विरोध करने लगते है तो दूसरे दिन समर्थन ।
  सभासद सुमित मिश्र गोलू ने शुरुआत से ही अपना हमला ईओ डीके विश्वकर्मा पर करते हुए स्थानांतरण हो जाने के डेढ़ माह बाद स्थानांतरण रुकवा कर वापस आने और चेयरमैन अजय कुमार समाजसेवी द्वारा रात में ही चार्ज दिलवाने पर प्रश्न चिन्ह लगाया । कहा कि यह दो बातों की तरफ इशारा करता है - एक या तो यहां इनकी कमाई ज्यादे है या दूसरा ये यहां किये गए अपने काले कारनामों को मिटाने के लिये आये है । श्री गोलू से बलिया नगर पालिका में रोज रोज होने वाले विवादों की जड़ ईओ डीके विश्वकर्मा को ठहराया । वार्ड नम्बर 15 के सभासद होने और इस वार्ड में सफाई कार्य आर्यन ग्रुप द्वारा नही करने के कारण श्री गोलू सिर्फ चेयरमैन ईओ द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचारों पर ही हमलावर रहे । कहा कि प्रतिमाह डेढ़ लाख के चूना का छिडकांव , एंटी लार्वा छिडकांव के लिये 55 हजार का भुगतान , फॉगिंग के लिये भुगतान, प्रतिमाह वर्दी झाड़ू फरुही आदि का भुगतान आर्यन को करना सीधे सीधे ईओ चेयरमैन के द्वारा भ्रष्टाचार है । कहा हमारे चेयरमैन न राजनीति जानते है , न व्यवहार , न काम , ये तो स्टेचू है । इस पर डीएम बलिया ने कहा कि क्या ये स्टेचू ऑफ यूनिटी है ? तो गोलू ने कहा नही , तो डीएम ने कहा तो ये स्टेचू ऑफ लिबर्टी है । वही वार्ड नम्बर 15 में व्याप्त गंदगी ,साफसफाई की जर्जर व्यवस्था और कुंवर सिंह से कटहर नाले तक जाने वाले नाले के बिजली विभाग के पहले अवरोधित और गिर जाने का भी मुद्दा प्रमुखता से उठाया । कहा कि हमारे चेयरमैन साहब मैनेज करने के माहिर है , हो सकता है कल मैं भी इनके द्वारा वैसे ही मैनेज हो जाऊं जैसे हमारे अन्य साथ पाला बदल लिये है ।
 सिविल लाइन्स एरिया के सभासद अमित दुबे ने अपने क्षेत्र में सफाई की बदत्तर स्थिति की चर्चा करते हुए यह कहकर डीएम महोदय का ध्यान आकृष्ट किया कि सफाई नायक संजय सिंह के अनुसार 4 सफाई कर्मी डीएम साहब के आवास पर और 2 कर्मी चेयरमैन साहब के कार्यालय पर आपके वार्ड के लगे हुए है ऐसे में सफाई कैसे कराऊं ।


वही सबसे बड़ा हमला चेयरमैन पर सभासद विकास पांडेय लाला ने किया । चेयरमैन अजय कुमार समाजसेवी द्वारा अपने दामन को भ्रष्टाचार से मुक्त बताते हुए अपनी बेटी की जब कसम खायी गयी तो विकास पांडेय लाला ने इस पर चेयरमैन को झूठा कहते हुए ऊपर वाले से डरने की नसीहत दे डाली । सबसे बड़ा इल्जाम श्री लाला ने चेयरमैन पर सभासदों को खरीदने का लगाते हुए कहा कि शुरुआत में इन्ही साहब ने अपने कार्यालय में मुझे अपने हाथों से दस हजार रुपये वाला लिफाफा मिठाई खाने के लिये दिया था । कहा कि डीएम साहब मैंने उस दस हजार के दो नम्बर के रुपये से वार्ड में एक नम्बर का काम कर दिया । अपने वार्ड में 200 पैधे लगवाये , डस्टबिन रखवाये और छोटे छोटे बच्चों को खेल का सामान दिला दिया । वही यह भी आरोप लगाया कि बलिया नगर पालिका में एक नही तीन चेयरमैन है । इनके बड़े भाई मैनेज करने वाले चेयरमैन है , दूसरे भाई मैनेजमेंट करने वाले चेयरमैन है , तीसरे दोनो भाइयो की राय के बाद कार्य करने वाले हमारे अजय कुमार समाजसेवी जी है । आरोप लगाया कि चेयरमैन और ईओ द्वारा डस्टबिन की खरीद, ठेलिया की खरीद  आदि में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है । इसकी जांच कराकर दोषी पाये जाने पर दंडनात्मक कार्यवाई हो ।
  लोगो की राय जानने के बाद डीएम बलिया ने कहा कि आर्यन ग्रुप को नगर पालिका के कुल बजट का 1/3 मात्र 11 वार्डो लिये देना कहि से भी उचित नही है ,अध्यक्ष अजय कुमार समाजसेवी से लोगो के बीच मे कहा कि 20 दिन के अंदर इस साफसफाई के लिये टेंडर प्रक्रिया निकाल दीजिये अन्यथा की स्थिति में बिना बायोमेट्रिक हाजिरी के खिलाफ जाकर भुगतान है , उसके लिये आप चेयरमैन ईओ , सफाई निरीक्षकों , खाद्य निरीक्षकों के ऊपर एफआईआर दर्ज करा दूंगा  और आर्यन को एग्रीमेंट के विपरीत जाकर भुगतान किया गया है , रिकवरी करा दूंगा ।








वही आर्यन ग्रुप के चेयरमैन संजय मिश्रा ने मीडिया के द्वारा सवाल करने पर कि जिलाधिकारी बलिया ने तो आपके टेंडर को निरस्त कर दिया है ? के जबाब में कहा कि नही , डीएम साहब आउट सोर्सिंग कम्पनियों के नियम बता रहे थे जिसमें एक साल का टेंडर होता है , स्वच्छ भारत मिशन के तहत तो कम से कम 5 वर्ष और अधिकतम 25 वर्ष का होता है । वही जब पूंछा गया कि जब बायोमेट्रिक के आधार पर भुगतान होना था तो आपने यह शुरू क्यो नही किया था ? के जबाब में संजय मिश्रा ने कहा कि जिस दिन मुझको बताया गया उसी माह से  शुरू करा दिया हूं । सूच्य हो कि यही संजय मिश्रा ने एग्रीमेंट साइन किया है जिसमे स्पष्ट रूप से लिखा है कि बायोमेट्रिक हाजिरी और गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम्स लगने के बाद भुगतान किया जाएगा ।
सुनिये डीएम के स्पष्ठ आदेश के वावजूद आर्यन ग्रुप के चेयरमैन क्या कह रहे है ? इनके बयानों से साफ झलक रहा है कि ये जिलाधिकारी के आदेश के खिलाफ उच्चाधिकारियों या माननीय न्यायालय की शरण जा सकते है , जबकि स्पष्ट रूप से इन्होंने कहा नही है ।




इस निर्णय के बाद भी कौन कौन सी जांच है जो अभी भी चेयरमैन और ईओ पर लटकी है तलवार बनकर
 जिलाधिकारी बलिया द्वारा खुली बैठक के प्रारम्भ में ही कह दिया गया कि आज की यह बैठक साफसफाई का जिम्मा संभालने वाली कम्पनी आर्यन के खिलाफ की गई शिकायतों से ही सम्बन्धित है , लिहाजा यह उम्मीद मत रखिये कि नगर पालिका के सम्बंध में बड़ा फैसला करूँगा । आज सिर्फ आर्यन ग्रुप के टेक्निकल पक्ष और साफसफाई के सम्बंध में जनता की रायशुमारी के बाद निर्णय होगा ।
  आर्यन कम्पनी के समर्थन में बोलने वालों और विरोध में बोलने वालों को सुनने के बाद जिलाधिकारी ने साफ कहा कि कुछ लोग समर्थन में ऐसे बोल रहे थे जैसे कम्प्यूटर में सॉफ्टवेयर डालकर मनचाहा कार्य किया जाता है । यह कड़ी तिपड़ी यह साबित करने के लिये काफी थी कि जिलाधिकारी यह समझ चुके थे कि यह सारा पैसे का खेल वाले साफ्टवेयर का कमाल है । इसी लिये जिलाधिकारी को 5 साल के टेंडर को निरस्त करके 20 दिन के अंदर नया टेंडर निकालने का आदेश देने में देर नही लगी । डीएम का यह कहना कि नगर पालिका के खिलाफ अभी कई शिकायतें लम्बित है , जांच में है , जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कार्यवाई की जाएगी । आज की कार्यवाई पार्ट 1 है । 

अभी जो जांच चल रही है वो चेयरमैन और ईओ के द्वारा किये गये कथित भ्रष्टाचार से सम्बंधित है और जो अन्य अभी हो सकती है उनमें है ---

1 क्या आर्यन ग्रुप के साथ अन्य दो कम्पनियों ने टेंडर डाला है वे आर्यन ग्रुप के ही परिजनों की है ?

2 बहुत महीनों तक गीला कूड़ा और सूखा कूड़ा को अलग अलग करने के नाम पर आर्यन ग्रुप को जो प्रतिमाह लगभग एक लाख 85 हजार रुपये की धनराशि दी गयी है , जो कार्य हुआ ही नही है , की धनराशि आर्यन ग्रुप से रिकवरी की जाएगी ।

3 जब फॉगिंग हुई ही नही , एंटी लार्वा का छिडकांव हुआ ही नही तो इस मद में किये गये सरकारी धन का जो भुगतान किया गया है, उसकी रिकवरी कब होगी ?

4 सरकारी कर्मचारियों को दो से तीन वर्ष में वर्दी देने वाली नगर पालिका आर्यन ग्रुप पर इतनी मेहरबान क्यो हो गयी कि प्रत्येक माह वर्दी , झाड़ू , फरुही , दास्ताने के मद में लाखों रुपये का भुगतान करने लगी , जांच होनी चाहिये और रिकवरी भी होनी चाहिये ।

5 बलिया शहर में प्रत्येक माह लगभग डेढ़ लाख का चूना का छिडकांव किया जाता है , कही यह सरकारी तंत्र की आंखों में चूना तो नही लगाया जा रहा है , इसकी भी जांच और इस गलत निर्णय की समीक्षा आवश्यक है ।
वही गाड़ियों का रखरखाव जब आर्यन ग्रुप को करना था तो नगर पालिका चेयरमैन व ईओ ने नगर पालिका मद से क्यो किया ? इसकी भी जांच होनी चाहिये ।

6 डेढ़ साल हो गये है , आर्यन ग्रुप शुरुआत से ही अपने कर्मियों के वेतन से पीएफ की कटौती करती है लेकिन आज तक किसी भी कर्मी को पीएफ एकाउंट नम्बर नही दे पायी है जिससे पता चल पाये कि यह पैसा कितना कटा है ? सभासद सुमित मिश्र गोलू ने साफ कहा कि यह खाता अभी नही खुला है । अगर ऐसा है तो जिलाधिकारी को इसकी जांच कराकर पीएफ के नाम पर कर्मचारियों से कटौती करके अपने पास रखने वाली आर्यन ग्रुप के खिलाफ धोखाघड़ी का मुकदमा भी पंजीकृत कराना चाहिये क्योंकि यह अमानत में ख़यामत का मामला साफ दिख रहा है ।

7 सभासद विकास पांडेय लाला ने डस्टबिन , कूड़ा पात्र (बड़े साइज) ठेलिया आदि की खरीद में चेयरमैन व ईओ द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया है , इसकी शिकायत की गई और बताया गया कि साक्ष्यों के साथ इसकी लिखित शिकायत पहले ही कि जा चुकी है , इस पर कार्यवाई होनी चाहिये ।

ऐसी अभी तमाम शिकायते है जिनकी जांच चल रही है या होनी है । ये ऐसी शिकायते है जो वित्तीय अनियमितता की है, सरकारी धन की लूट की है । इन शिकायतों में अगर सत्यता जांच टीम को मिलती है तो निश्चित ही चेयरमैन और ईओ पर बहुत भारी पड़ेगी ।