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बलिया से बड़ी खबर : 1 अरब 8 करोड़ का हुआ जीपीएफ घोटाला,माध्यमिक शिक्षा में अध्यापको के जीपीएफ में हुआ भारी घोटाला , 2017 से दबायी गयी है फ़ाइल

बलिया से बड़ी खबर : 1 अरब 8 करोड़ का हुआ जीपीएफ घोटाला,माध्यमिक शिक्षा में अध्यापको के जीपीएफ में हुआ भारी घोटाला , 2017 से दबायी गयी है फ़ाइल

मधुसूदन सिंह (पहली कड़ी)
बलिया 21 नवम्बर 2019 ।। यूपी में बिजली कर्मचारियों के जीपीएफ में घोटाला के बाद बलिया जनपद में माध्यमिक शिक्षकों और कर्मचारियों के जीपीएफ में यूपी का दूसरा बड़ा घोटाला सामने आया है । इस घोटाले का खुलासा 2017 में ही तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक अमर नाथ राय ने वित्त नियंत्रक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय उत्तर प्रदेश इलाहाबाद  को पत्र भेजकर अवगत करा दिया था । इसके बाद भी जब कुछ कार्यवाही नही हुई तो श्री राय ने 13 अक्टूबर 2017 को  शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर लंबित भुगतान कैसे किया जाय , निर्देश की अपेक्षा की थी लेकिन आज तक इस घोटाले को साजिशन ऐसे छुपाया गया था कि अबतक किसी को भनक तक नही लगी ।
बता दे कि माध्यमिक शिक्षा परिषद के 90 अशासकीय विद्यालयों  के भविष्य निधि के जमा 1,14,10,92024 रुपये (एक अरब 14 करोड़ 10लाख92हजार 24 रुपये)में से कोषागार बलिया में 31 मार्च 17 तक जी पी एफ 5करोड़14लाख29 हजार7सौ 64 रुपये अवशेष है । जब कि 100 करोड़ से अधिक का देयक है । वर्तमान समय मे बलिया कोषागार से 1अरब 8 करोड़ 96लाख 62 हजार 2सौ 60 रुपये का पता नही है । श्री राय ने यह भी लिखा है कि पहली बार इसकी सूचना वित्त नियंत्रक को 24 अगस्त 2017 को और दूसरी बार 11 सितंबर 2017 को पत्र के माध्यम से सूचित करके सेवानिवृत हो रहे शिक्षकों और कर्मचारियों का भुगतान और अपनी पुत्री की शादी , बीमारी आदि के समय अपने जीपीएफ से ऋण लेने वालों का भुगतान कैसे किया जाय , इस संबंध में मार्गदर्शन करने की विनती की गयी थी, लेकिन कोई जबाब नही आया ।
   आलम यह है कि इस 1 अरब से अधिक के घोटाले के बाद सेवानिवृत्त हो रहे शिक्षकों और कर्मचारियों को उनके देयकों का भुगतान कैसे हो, यह विकट संकट खड़ा हो गया है । इसके साथ ही सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब जिला विद्यालय निरीक्षक बलिया ने 2017 में ही इस घोटाले के होने की जानकारी वित्त नियंत्रक और शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय दोनो को दे दी थी तो इस पर कार्यवाई क्यो नही हुई ? क्या उपरोक्त दोनो तत्कालीन अधिकारी भी घोटाले में शामिल रहे है ? तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक बलिया का पत्र चीख चीख कर घोटाले की जानकारी दे रहा है , फिर भी 2017 से लेकर 2019 तक कोई जांच नही हुई तो यह साबित होता है कि इस भ्रष्टाचार की जड़े बलिया से लेकर इलाहाबाद और लखनऊ तक फैली हुई है । अब देखना है कि इस खुलासे के बाद कब सरकार हरकत में आती है ? इस संबंध में जब वर्तमान जिला विद्यालय निरीक्षक भाष्कर मिश्र से बात की गयी तो कुछ भी कहने से इंकार कर दिये ।