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बलिया जिला अस्पताल में मनाया गया विश्व रेडिएशन दिवस , केक काटकर मनाया गया 121 वी वर्षगांठ

बलिया जिला अस्पताल में मनाया गया विश्व रेडिएशन दिवस , केक काटकर मनाया गया 121 वी वर्षगांठ



बलिया 8 नवम्बर 2019 ।। आधुनिक एक्सरे का आविष्कार 8 नवम्बर, 1895 में हुआ था जो 121 वर्ष का हो गया है । जिला अस्पताल बलिया के एक्सरे विभाग ने शुक्रवार को विश्व रेडियोग्राफी दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया।बता दे कि विश्व रेडियोग्राफी दिवस एक्स-रेज के अविष्कारक सर विलहम कॉनरैड रॉटजन के सम्मान में मनाया जाता है। विश्व रेडियोग्राफी दिवस के अवसर पर जिला अस्पताल के एक्सरे/अल्ट्रासाउंड विभाग के डॉ संजय सिंह, डॉ अरुण सिंह,डॉ सुशील कुमार ओझा ,जेपी राय,अजय कुमार रावत ने केक काटकर इस दिवस को मनाया । 
विश्व रेडिएशन दिवस को लेकर डॉ संजय सिंह ने कहा कि एक्स-रेज़ की मदद से जहां लोगों को जीवनदान मिल रहा है वहीं इनका ज्यादा इस्तेमाल काफी घातक है। उन्होंने कहा कि मरीज का एक सी.टी. स्कैन छाती के 400 एक्स-रेज़ के बराबर है, और बच्चों पर तो इसका और ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे लोगों में जैनेटिक दुष्प्रभाव भी हो जाते हैं जो आने वाली पीढिय़ों में पाए जा सकते हैं।

एक्स-रे से हो रही कई बीमारियां :
डॉ संजय सिंह ने आगे कहाकि काफी केसों में इलाज के लिए एक्स-रे का इस्तेमाल जरूरी होता हैं लेकिन बार-बार एक्स-रे करवाने के घातक परिणाम भी हो सकते हैं। इससे कैंसर भी हो सकता है। इसके अलावा मातियाबिंद भी हो सकता है।  कहा कि एक्स-रे के ज्यादा प्रयोग से गर्भवती महिलाओं के डी.एन.ए. में जैनेटिक बदलाव हो सकते हैं जो हानिकारक हैं। ये बदलाव होने वाले बच्चे पर बुरा असर डाल सकतें है और बच्चों में विकलांगता भी हो सकती है ।  

डॉ सिंह ने कहा कि एक्स-रे का इलाज तो होता रहेगा मगर हम थोड़ी सी सावधानी से इसके दुष्प्रभावों से बच सकतें है। जैसे जब भी जरूरत हो तो क्वालिफाइड रेडियोग्राफर से ही एक्स-रे करवाएं। वहीं अगर फिर एक्स-रे करना पड़े तो डाक्टर से इसका कारण जरूर पूछें। अगर आपको एक्स-रे के बाद कोई समस्या महसूस होती है तो डाक्टर को अवश्य बताएं।