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बलिया : विश्व एड्स दिवस (1 दिसंबर) पर होंगे विविध कार्यक्रम (गोष्ठी, रैली एवं कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन )

विश्व एड्स दिवस (1 दिसंबर) पर होंगे विविध कार्यक्रम
(गोष्ठी, रैली एवं कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन )

बलिया 30 नवम्बर 2019 ।। एड्स एक ला-इलाज बिमारी है। जिसके फैलने का सबसे बडा कारण असुरक्षित यौन सम्बन्ध है इस बिमारी से असल में बचाव सिर्फ सुरक्षा में ही निहित है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 प्रीतम कुमार मिश्रा का।
एचआईवी/एड्स से ग्रसित लोंगो की मदद करने के लिये धन जुटाना, लोगों में एड्स को रोकने के लिये जन-जागरूकता फैलाना और एड्स से जुड़े मिथक को दूर करते हुए लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से विश्व एड्स दिवस की शुरूआत 01 दिंसम्बर 1988 को की गयी। तभी से प्रति वर्ष 1 दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस बार एड्स-डे की थीम है-‘‘एचआईवी/एड्स महामारी समाप्त समुदाय से समुदाय तक’’ इस दिन लोगों को एड्स के लक्षण, इससे बचाव, उपचार के कारण इत्यादि के बारे में जानकारी दी जायेगी और कई अभियान चलाये जायेगें जिससे इस बिमारी को जड़ से खत्म करने के प्रयास किये जा सके।
जिला एचआईवी/एड्स एवं क्षय रोग अधिकारी, बलिया डा0 के0डी0 प्रसाद ने बताया की विश्व एड्स दिवस के दिन गोष्ठी का आयोजन जिला क्षय रोग नियत्रंण केन्द्र पर किया जायेगा, तत्पश्चात् एक रैली जिला क्षय रोग नियत्रंण केन्द्र से निकलकर रेलवे स्टेशन पर जाकर समाप्त होगी। साथ ही अपरान्ह 12:00 से 2:00 बजे के बीच कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन राजकीय इण्टर कालेज, बलिया के प्रांगण में किया जायेगा। डा0 के0डी0 प्रसाद ने बताया कि एड्स यानी एक्वायर्ड एम्यूनों डेफिशियेंसी सिंड्रोम एक ऐसी बिमारी है जो एक रोगी से दूसरे रोगी में फैलकर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता नष्ट कर देती है। एचआईवी का वायरस मानव शरीर में प्रवेश करने के बाद कई सालों तक निष्क्रिय रहता है, हालांकि इस दौरान वायरस शरीर के अन्दर अपनी संख्या बढाता रहता है और श्वेत रक्त कणिकाओं को नष्ट कर देता है। एचआईवी वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद भी 15-20 सालों तक मरीज स्वस्थ दिखता है लेकिन उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह खत्म हो जाती है।
बलिया जिला अस्पताल में तैनात एचआईवी परामर्शदाता राजीव सिंह सेंगर ने बताया कि एड्स का एक मात्र इलाज है बचाव। ‘सावधानी हटी दुर्घटना घटी’ यह शब्द एड्स के लिये बिल्कुल सही साबित होती है। आज कल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी और अनैतिक सम्बन्धों के बाढ़ में यह बिमारी और भी तेजी से फैल रही है। सिर्फ असुरक्षित यौन सम्बन्धों से ही नहीं यह बिमारी संक्रमित खून या संक्रमित इन्जेक्शन के वहज से भी फेलता है।
क्या कहते है आकड़ें-
बलिया जिला चिकित्सालय में तैनात एचआईवी परामर्शदाता राजीव सिंह सेंगर के अनुसार जिले में 2002 से अब तक 2745 एचआईवी के मामले सामने आ चुके है । वहीं इस वर्ष जनवरी 2019 से अब तक लगभग 27448 लोगों की काउंसलिंग की गयी एवं वहीं 27428 लोगो की जांच की गयी,जिसमें 358 नये एचआईवी से पीड़ित मरीज मिले है। इनका इलाज बलिया ए0आर0टी0 सेंटर से चल रहा है।