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डीएम बलिया ने किया गो आश्रय स्थल का निरीक्षण, चार बोरे भूसे में खाते है 82 जानवर , फिर भी आल इज वेल


 डीएम बलिया ने किया गो आश्रय स्थल का निरीक्षण, चार बोरे भूसे में खाते है 82 जानवर , फिर भी आल इज वेल
संतोष द्विवेदी





नगरा बलिया 17 नवम्बर 2019 ।। नगरा ब्लाक क्षेत्र के रघुनाथपुर स्थित गौवंश आश्रय स्थल का निरीक्षण रविवार को डीएम बलिया ने किया। जिलाधिकारी को निरीक्षण में सब कुछ आल इज वेल दिखा। डीएम बछड़ों की मौत से लगायत चारे की कमी की शिकायतों को गम्भीरता से नहीं लिए। बछड़ों के रख रखाव व चारा आदि की जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारियों द्वारा बछड़ों की झूठी संख्या डीएम से बताई गई। वहीं मरे बछड़ों के शव को इधर उधर फेके जाने पर डीएम ने बीडीओ नगरा को मृत बछड़ों को गाड़ने हेतु निर्देशित किया।



        नगरा विकास खंड के रघुनाथपुर स्थित गोवंश आश्रय स्थल का निरीक्षण करने जिलाधिकारी बलिया श्रीहरि प्रताप शाही अपने काफिला के साथ पहुंचे। डीएम ने पहुंचते ही बछड़ों के रख रखाव, चारा के वावत जानकारी खंड विकास अधिकारी नगरा राम अशीष से प्राप्त की। बछड़ों के रख रखाव हेतु अन्य सुविधाएं बढ़ाने हेतु ब्लाक के अन्य ग्राम पंचायतों से बीडीओ से धन लेने की बात कही ताकि चारा के रख रखाव व बछड़ों की सुरक्षा की जा सके। बछड़ों की मौत की जानकारी भी ली किन्तु पशु पालन विभाग ने झूठा आकड़ा बता दिया। जिलाधिकारी ने बछड़ों का चारा भी देखा। चार बोरे में रखे थोड़े से भूसा को देखकर भी डीएम को आश्चर्य नहीं हुआ कि इस चारे से  82 बछड़ों का काम कैसे चलेगा। मरे बछड़ों के खुले में फेंके जाने की शिकायत पर डीएम ने बीडीओ से कहा कि मरे बछड़ों को जमीन में गड्ढा खुदवा कर गड़वा दे। जिलाधिकारी ने जब बछड़ों की संख्या पूछी तो झूठी संख्या 82 बता दी गई, जबकि 5 दिन में 10 बछड़े चारे के अभाव में दम तोड चुके है। इसकी जानकारी जब डीएम को दी गई तो कहे कि मुझे सब जानकारी है। जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान एसडीएम रसड़ा विपिन जैन, एसडीएम सिकंदरपुर अन्नपूर्णा गर्ग,डिप्टी सीवीओ डॉ बीएन पाठक आदि मौजूद रहे।


डीएम बलिया के आने के पहले आश्रय स्थल में आये 66 बछड़े , पर डीएम को बतायी गयी संख्या 82, चार बोरे भूसे में खाते है 82 जानवर
संतोष द्विवेदी
नगरा बलिया 17 नवम्बर 2019 ।। रघुनाथपुर  स्थित गोवंश आश्रय स्थल पर डीएम के आने से पहले सभी बछड़े आश्रय स्थल के बाहर इधर उधर घूम रहे थे। वहीं खंड विकास अधिकारी नगरा व डिप्टी सीवीओ आश्रय स्थल पर मौजूद थे।

 जब मौजूद अधिकारियों को जिलाधिकारी के आने का लोकेशन प्राप्त हुआ तो आश्रय स्थल में लगभग 66 बछड़ों को इकट्ठा कर घुसा दिया गया तथा नाद चरण में भूसा भर दिया गया। जब भी कोई अधिकारी जांच हेतु आता है, तभी बछड़ों को चारा नसीब होता है। अन्यथा बछड़े गौ आश्रय स्थल पर चारे के लिए तड़पते रहते है। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण 5 दिन में दस बछड़ों की मौत है। बछड़े डीएम साहब के आने से पहले कहां थे इसको वीडियो देखकर जाना जा सकता है । वही जब 82 बछड़े यहां है तो 16 बछड़े गये कहां ? यह बड़ा सवाल है ।

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