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बलिया : एसडीएम रसड़ा ने पत्रकार के साथ जमीनी विवाद में निर्माण कार्य को बताया वैधानिक, पत्रकार अरविंद ने कहा 852 नम्बर की बाहरी तहसीलदार लेखपाल से करा दी जाय पैमाइश ,हकीकत आ जायेगी सामने


बलिया : एसडीएम रसड़ा ने पत्रकार के साथ जमीनी विवाद में निर्माण कार्य को बताया वैधानिक, पत्रकार अरविंद ने कहा 852 नम्बर की बाहरी तहसीलदार लेखपाल से करा दी जाय पैमाइश ,हकीकत आ जायेगी सामने

बलिया 22 नवम्बर 2019 ।। रसड़ा तहसील के तियरा हैदरपुर में पत्रकार अरविंद सिंह और उनके विरोधी के बीच विगत चार दिनों से चल रहे विवाद में आज एसडीएम रसड़ा विपिन जैन ने अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी बलिया को भेजकर पत्रकार के विरोधी द्वारा किये जा रहे निर्माण कार्य को वैधानिक और उसको रोकने में केवल दीवानी न्यायालय को ही सक्षम बताते हुए नही रोकने के अपने निर्णय को सही साबित किया है । यही नही एसडीएम रसड़ा ने पूर्व में भेजे गए जिलाधिकारी के ही पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि बिना सक्षम न्यायालय के आदेश के किसी भी आम नागरिक के निर्माण कार्य को रोकने की जो परम्परा चली है , उसको हतोत्साहित करने की आवश्यकता है ।
  बता दे कि पत्रकार अरविंद सिंह का आरोप है कि एसडीएम रसड़ा हमारा पक्ष जाने बगैर ही /हमारे नाम से दर्ज आराजी की माप कराये बिना ही ,विपक्षी के निर्माण कार्य को नही रोक रहे है । वही यही भी कहा है कि जिस आराजी नम्बर 852 में हमको कब्जा  दिखाया जा रहा है उसकी बाहरी तहसीलदार और लेखपालों से नापी करा दी जाय , दूध का दूध , पानी का पानी सामने आ जायेगा ।


जिलाधिकारी बलिया को भेजी गयी
कार्यालय उप जिलाधिकारी रसड़ा बलिया
पत्रांक संख्या 322/एस0टी0-एसडीoएम-जध दिनांकः नवम्बर 22.2019

सेवा में,

जिलाधिकारी,
बलिया।
महोदय,
     आप के निर्देश के कम में साम तियरा हैदरपुर परगना सिगी तहसील रसड़ा जनपद बलिया में श्री राम नारायण सिंह पुत्र वय विभूति विह(प्रथम पक्ष,जिसको आख्या में पक्ष कहा गया है) आदि तया (द्वितीय पक्ष/विपक्षी) श्री अजय कुमार सिंह पुत्र सूर्यनाथ सिंह के मध्य गाटा संख्या 882 के बीच जो भूमि विवाद है, के सम्बन्ध में तहसीलदार रसहा से स्थलीय जांच कराकर आख्या प्राप्त की गयी है।
तहसीलदार रसड़ा लेखपाल द्वारा विवादित भूमि का स्थलीय
निरीक्षण गांव वालों के उपस्थिति में दिनांक 20.11.2010 को किया गया है। जांच के दौरान राजस्व निरीक्षक/लेखपाल की आख्या दिनांक 21.11.2019 में उल्लेख है कि आवेदक श्री राम नारायण सिंह पुत्र या विभूति सिंह ग्राम तियरा हैदरपुर परगना सिग तहसील रसड़ा का के प्रार्थना पत्र के सम्बन्ध में स्थिति निम्नवत है -----
1 - ग्राम तियरा हैदरपुर परसिगी तहसील रसड़ा जनपद बलिया स्थित आनं0882 बोत्रफल वर्तमान खतौनी में 0.0280 व आकार पत्र 45 में क्षेत्रफल ০.028 20 बना है। किन्तु आकार पत्र 41 में आO60852 का क्षेत्रफल 0.00 हे बना है। जिसके विशेष विवरण के कालम में आबादी १0 अंकित है ,मौके पर आबादी 862 का क्षेत्रफल OB 0/डेसिमल के बजाय TR3D स्ववायर फीट यानी 0030
हे0/डेसिमल पर विपक्षी श्री अजय सिंह,संतोष सिंह,
राजबहादुर सिंह,अरविन्द सिंह निवासी तियरा हैदरपुर पक्का मकान बनाकर एवं चहारदीवारी कराकर काबिज है,जो रखने से ज्यादा है।
2-यह मामला गत माह से अधोहस्ताक्षरी के संज्ञान में है। प्रथम आख्या लेखपाल द्वारा दिनांक 01.11.2019 को उपलबा कराई गई,जिसमें विपक्षी श्री अजय सिंह.संतोष सिंह,राजबहादुर सिंह,अरविन्द सिंह निवासी तियरा हैदरपुर द्वारा किए जा रहे व्यवधान को अनुचित बताया गया। अधोहस्तावारी के लिखित आदेश के बावजूद विपक्षी श्री अजय सिंह,संतोष सिंह,राजबहादुर सिंह,अरविन्द सिंह निवासी तियरा हमीरपुर के द्वारा पुलिस बल की कार्यवाही
अनुपालन को बवाते लगातार व्यवधान पैदा किया गया एवं विधि व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न की गयी। उभय पक्षो को बारम्बर सुनवाई का मौका देते हुए दिनांक 18/11/2019
व दिनांक 19.11.2019 को सूना भी गया। प्रथम पक्ष द्वारा प्रपत्र ग चकबन्दी (1964 के समय) सुनवाई के समय प्रस्तुत किया गया,जिसमें उसने अपने कब्जे के सम्बंध में वाली भूमि (03 डि0) पर आबादी के रूप में सुदर्शन आदि का नाम विशेष विवरण में अंकित है। जबकि विपक्षी इस संबंध में कोई भी स्थगन आदेश अथवा भूमि की स्वामित्व से संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत करने में असमर्थ है।

4- रकबे से अधिक पर काबिज होने/अपने घर की बाउण्ड्रीवाल होने एवं बाउंड्रीवाल से विवादित जनीन के बीच चकरोड होने की मौके की स्थिति नक्शा संलग्न है। चकरोड के दूसरी तरफ स्थित आबादी (अभिलेख 2/ 8
कम से कम 55 वर्ष पुरानी) और अच्छा करना सर्वथा अनुचित है।
5- जिलाधिकारी महोदय के पत्र संख्या 2526/जन समस्या लि0 दिनांक 11 जून 2019 कार्यालय झापा में उल्लेख है कि "जनपद बलिया में अराजक तत्वों द्वारा बिना किसी सक्षम न्यायालय के आदेश के ही सामान्य व्यक्तियों के निर्माण
कार्य आदि में व्यवधान डाला जा रहा है। इस सम्बन्ध में कानूनी स्थिति स्पष्ट है कि ऐसे क्षेत्रों में जहाँ आबादी बसी है,वहाँ कोई निर्माण मा० सिविल न्यायालय द्वारा ही
रुकवाया जा सकता है। इस सम्बन्ध में राजस्व अधिकारियों तथा न्यायालयों को क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है,परंतु अराजक तत्व मनमाने ढंग से सामान्य नागरिकों को प्रताड़ित कर उनसे रंगदारी वसूल करने की मंशा से उनके वैध निर्माण कार्य भी
झूठे प्रार्थना पत्र देकर रोकता देते हैं। ऐसे प्रार्थना पत्रों को सरसरी तौर पर खारिज कर अराजक तत्वों के विरुद्ध कठोर दाण्डिक कार्यवाही अमल में लायी जाय।"
उक्त के अनुपालन में कोई भी स्थगन आदेश उपरोक्त विपक्षी द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है। स्पष्ट रूप से यह मामला ऐनकेन प्रकारेण निर्माणकर्ता का निर्माण रोक कर प्रताड़ित करने की अथया रंगदारी वसुलने की नियत का है।
जस सबके बावजूद इनके द्वारा एसओ0 नगरा, तहसीलदार, रसड़ा एवं उप जिलाधिकारी रसड़ा के खिलाफ मिथ्या प्रचार किया जा रहा है। पुलिस एवं राजरग की संयुक्त टीम द्वारा प्रस्तुत मामले में सुनवाई भी कई बार की गई है,एवं उपलब्ध तथ्यों के आधार पर ही निर्णय लिया गया है।
आख्या महोदय की सेवा में सादर प्रेषित ।

संलग्नक- यथोपरि।

उप जिलाधिकारी
रसड़ा बलिया
अस