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बलिया एक्सप्रेस की मुहिम लायी रंग : ददरी मेला में चलने लगी चर्खियाँ और झूले,संचालकों द्वारा झूला खोलने की दी गयी धमकी ने किया असर

बलिया एक्सप्रेस की मुहिम लायी रंग : ददरी मेला में चलने लगी चर्खियाँ और झूले,संचालकों द्वारा झूला खोलने की दी गयी धमकी ने किया असर
मधुसूदन सिंह






बलिया 17 नवम्बर 2019 ।। बलिया एक्सप्रेस की ददरी मेला में पांच दिनों से परमिशन के नाम पर चर्खी झूलो को चलने से रोकने की पड़ताल और नगर मजिस्ट्रेट से चर्चा ने रंग दिखाया है । पांच दिनों से चलने के लिये तैयार चर्खी झूले आज लगभग ढाई बजे परमिशन मिलते ही जब चले तो ददरी मेले में रौनक लौट आयी । जो चर्खी झूला संचालक रोज के लाखों रुपये के आने वाले खर्च से अधिकारियों के सामने बिलबिलाते हुए चलाने की अनुमति मांग रहे थे , जिनके चेहरों पर मरघट जैसी उदासी छायी हुई थी , आज खिलखिला उठे है । इनके चलते ही मेला चहचहाने लगा है ।








क्या था विवाद
बलिया में बाढ़ और बरसात के कारण मेला क्षेत्र की जमीन को सूखने और सुखाने में समय लगा । कई जगह दलदल की सी स्थिति थी । चर्खी झूला संचालकों द्वारा संचालन के लिये अनुमति हेतु बिजली विभाग,लोक निर्माण विभाग, फायर सर्विस, मनोरंजन कर (जीएसटी), पुलिस विभाग द्वारा नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट देने के वावजूद जब पांच दिन तक नगर मजिस्ट्रेट द्वारा अनुमति नही दी गयी तो आज चर्खी झूला संचालकों का सब्र टूट गया और उन्होंने लगभग रोते हुए कह दिया - भूखों मरने से अच्छा है कि हम लोग चर्खी झूला खोलकर वापस जा रहे है ।
मीडिया के सवालों से नगर मजिस्ट्रेट बौखलाये, ओकडेनगंज चौकी में वार्ता के बाद दी अनुमति
अनुमति देने के नाम पर पांच दिनों से चर्खी झूलो के संचालन को रोके रखने के क्या कारण है ? आखिर अनुमति न देने के पीछे क्या टेक्निकल प्रॉब्लम है ? के सवाल पर नगर मजिस्ट्रेट साहब मीडिया पर ही भड़क गये और सवाल कर बैठे कि चर्खी झूलो के सम्बंध में आप लोग इतना इंटरेस्ट क्यो ले रहे ? जब कहा गया कि मेले को बचाने के लिये हम लोग इंटरेस्ट ले रहे है , सुनने के बाद नगर मजिस्ट्रेट मेले से उठकर ओकडेनगंज पुलिस चौकी चले गये , जहां सीओ सिटी अरुण कुमार सिंह , मेला थानाध्यक्ष विवेक पांडेय और चेयरमैन अजय कुमार समाजसेवी और ईओ डीके विश्वकर्मा से विचार विमर्श के बाद अनुमति देने का आदेश निर्गत कर दिये ।

बता दे कि आज सुबह से ही चर्खी संचालकों का जमावड़ा नगर पालिका के नन्दी ग्राम कैम्प कार्यालय पर हुआ था । वहां पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट , सीओ सिटी , लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं की टीम से जब वार्ता होने के बाद भी जब अनुमति नही मिली तो संचालक अपना धैर्य खो बैठे ।

 पांच दिन से शुरू ददरी मेला आज भी अपने शबाब पर नही पहुंच पाया है । मेले में रौनक न आने की प्रमुख वजह चर्खी झूलो के अब तक चालू न होना है । आज मेला का पहला रविवार था लेकिन चर्खी झूला न चलने से परिवार संग मेला घूमने वाले बच्चे काफी मायूस दिखे । मेला घूमने वाले लोगो का साफ कहना था कि जब मेला में सर्कस नही आ रहा , जो आकर्षण का प्रमुख केंद्र होता था , उसके बाद चर्खी झूला लोगो का मनोरंजन करते थे । जब चर्खी झूले ही नही चलेंगे तो मेला का कोई मतलब ही नही है ।