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बलिया में डीएसओ कार्यालय का नया कारनामा : प्रधान के सगे भतीजे को बना दिया कोटेदार ,गांव में कोटे के चयन में धांधली पर ग्रामीणों ने दिया एसडीएम को ज्ञापन

बलिया में डीएसओ कार्यालय का नया कारनामा : प्रधान के सगे भतीजे को बना दिया कोटेदार ,गांव में कोटे के चयन में धांधली पर ग्रामीणों ने दिया एसडीएम को ज्ञापन 
मधुसूदन सिंह

बलिया 26 नवम्बर 2019 ।। बलिया का जिला पूर्ति कार्यालय वर्तमान डीएसओ साहब के कार्यकाल में एक से बढ़कर एक कारनामे करता जा रहा है । पहले पटखौली में 5 साल पहले स्वर्ग सिधार चुके दो लोग प्रतिमाह राशन की दुकान से आकर राशन उठाते रहे और जिलापूर्ति कार्यालय राशन दुकानदार के साथ मिलकर स्वर्गवासियों को राशन देते रहे । उसी तरह अब दूसरी घटना सामने आयी है जिसमे डीएसओ ऑफिस की मिलीभगत से ग्रामप्रधान ने अपने भतीजे को कोटेदार बना दिया । अब गांव वाले इसका विरोध कर रहे है ।
घटना के सम्बंध में बताया जा रहा है कि सिकंदरपुर( बलिया)  तहसील क्षेत्र के जमालपुर गांव में विगत दिनों प्रधान द्वारा अपने भतीजे को कोटे की दुकान आवंटित करने पर गांव वासियों ने सोमवार को उप जिलाधिकारी व खण्ड विकास अधिकारी को ज्ञापन देकर दूसरी खुली बैठक कराने की मांग की है । ज्ञात हो कि जमालपुर के कोटे की दुकान   विगत 19 नवंबर को खुली बैठक की चयन प्रक्रिया में प्रधान द्वारा एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए अपने भतीजे वीर बहादुर पुत्र संजय को आवंटित करा दिया गया। प्रशासनिक लोगों द्वारा भी प्रधान की मिलीभगत के द्वारा विरोध में आवेदन किए व्यक्ति का प्रस्ताव ही नही लिया गया  । जनता द्वारा मौके पर मौजूद अधिकारियों से विरोध करने पर पुलिस द्वारा उनको डरा दिया गया और एक पक्षिय करवाई करते हुए शासनादेश के विरुध्द प्रधान के परिजन को कोटे की दुकान आबंटित कर दी गई ।  गांव वालों ने उप जिलाधिकारी सिकंदरपुर को ज्ञापन देकर न्याय की मांग करते हुए दूसरे खुली बैठक कराकर चयन करने की मांग की है । इस दौरान अजीत सिंह, देवनाथ राजभर, प्रकाश राजभर, घनश्याम सिंह ,त्रिलोकी सिंह, झूनखुन सिंह,अंगद सिंह, रामसूदिं राजभर , कपिल राजभर सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे ।

इनसेट

जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि अखिलेश कुमार उर्फ गुड्डू सिंह ने कहा कि प्रशासन द्वारा प्रधान की मिलीभगत से लोकतंत्र का गला घोट आ जा रहा है प्रधान के कहने पर उनके घर के व्यक्ति को कोटे की दुकान आवंटित कर दी गई जबकि दूसरे पक्ष के आवेदक का प्रस्तावना लेना प्रशासन द्वारा आम जनता की आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है ।