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बलिया से बड़ी खबर : बैरिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने शिवसेना प्रमुख पर बोला बड़ा हमला : सेना प्रमुख की मांग को बताया पुत्रमोह से ग्रसित और औकात से ज्यादे, नही माने तो लगेगा राष्ट्रपति शासन

बलिया से बड़ी खबर : बैरिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने शिवसेना प्रमुख पर बोला बड़ा हमला : सेना प्रमुख की मांग को बताया पुत्रमोह से ग्रसित और औकात से ज्यादे, नही माने तो लगेगा राष्ट्रपति शासन

बलिया 5 नवम्बर 2019 ।। भारतीय जनता पार्टी के बैरिया से बयानवीर विधायक सुरेंद्र सिंह ने शिवसेना प्रमुख द्वारा 3 नबम्बर को दिये गये बयान कि एनसीपी कांग्रेस के साथ मिलकर शिवसेना सरकार बना लेगी , के जबाब में कहा कि पुत्रमोह में पड़ गये है शिवसेना प्रमुख । साथ ही यह भी कहा कि सेना प्रमुख की मांग औकात से ज्यादे है । कहा कि अभी भी कुछ नही बिगड़ा है ,ठाकरे जी भाजपा के साथ सरकार में शामिल हो , भाजपा के शीर्ष नेतृत्व आदरणीय मोदी जी व अमित शाह जी की दरियादिली सर्व विदित है , हैसियत के अनुसार सरकार में भागेदारी मिलेगी । नही तो देेश की जनता सेना प्रमुख को सबक सिखा देगी । कहा कि अगर सेना प्रमुख भाजपा की जगह कांग्रेस व शरद पंवार जी की पार्टी से सरकार बनायेगे तो यह ठीक नही होगा । क्योकि यह उसी तरह का होगा - कह रहीम कैसे निभे केर बेर के संग, वो डोलत रस आप ने उनके फाटत अंग ।
   साथ ही यह जनता के साथ छल होगा क्योंकि जनता ने तो भाजपा शिवसेना के गठबंधन को सरकार बनाने का जनादेश दिया है , एनसीपी कांग्रेस गठबंधन को नही । वही 50-50 प्रतिशत भागीदारी के शिवसेना की मांग पर बोलते हुए श्री सिंह ने कहा कि सीएम पद व 50 प्रतिशत मंत्रालय मांगना औकात से ज्यादे की चाहत रखना है । कहा कि अगर श्री ठाकरे जी अपनी जिद पर अड़े रहे तो राष्ट्रपति शासन लगना तय है ।



यहां देखिये 3 नवम्बर को क्या कहा था शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने


शिवसेना का भाजपा को झटका, कहा- कांग्रेस, एनसीपी के सपोर्ट से बना लेंगे सरकार

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उद्धव ठाकरे

मुंबई/नवप्रदेश। शिवसेना (shivsena) ने रविवार को स्पष्ट कर दिया कि वह महाराष्ट्र में कांग्रेस (congress) व एनसीपी (ncp) के साथ मिलकर (with the support of) सरकार बना (form government) लेगी।
पार्टी (shivsena) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा कि यदि भाजपा ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद के वादे पर सहमत नहीं होती है तो वह कांगे्रेस (congress) व एनसीपी (ncp) के साथ मिलकर (with the support of)  सरकार बना लेगी (form government)। पार्टी ने यह भी कहा कि भाजपा ने उसे अपने साथ नहीं लिया तो वह सरकार बनाने का दावा करने पर बहुमत सिद्ध नहीं कर पाएगी। गौरतलब है भाजपा-शिवसेना के गठबंधन (महायुति) को महाराष्ट्र में स्पष्ट बहुमत मिला है।

नतीजों के दिन से चल रही ही रस्साकसी

लेकिन नतीजों के दिन से ही दोनों में सरकार बनाने को लेकर रस्साकसी चल रही है। शिवसेना ढाई साल के मुख्यमंत्री पद के साथ ही मंत्रिमंडल में विभागों के बराबर-बराबर बंटवारे की मांग पर अड़ी है। वहीं भाजपा ने भी जिद पकड़ रखी है कि मुख्यमंत्री पांच साल के लिए उसके नेता व मौजूदा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही होंगे।

शिवसेना ने ऐसे चेताया भाजपा को

  • हमारे पास होगा 170 का आंकड़ा
शिवसेना (shivsena) ने अपने मुखपत्र में कहा है, ‘भाजपा के बहुमत सिद्ध कर पाने विफल होने के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते शिवसेना सरकार गठन (form government) का दावा पेश करेगी। और हमारे पास कांग्रेस (congress) व राकांपा (ncp) की मदद से (with the support of) 170 का आंकड़ा होगा।’
  • वाजपेयी की तरह चलानी होगी सरकार
शिवसेना ने यह भी कहा कि अलग विचारधारा होने के कारण उसे, एनसीपी व कांग्रेस को सरकार चलाने के लिए समन्वित रूप से रणनीति पर काम करना होगा। ठीक उसी प्रकार जिस तरह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयाी ने दिल्ली में सरकार चलाई थी। सबको इसी तरह से आगे बढऩा होगा। इसीमें महाराष्ट्र का भला होगा।
  • हमसे गठबंधन किया इसलिए भाजपा को 105 सीटें
शिवसेना के मुताबिक भाजपा यदि चुनाव पूर्व उससे गठबंधन नहीं करती तो उसे 105 सीटें भी हासिल नहीं होती। गौरतलब है कि महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार का कार्यकाल 8 नवंबर को खत्म हो रहा है। वहीं नतीजों की बात करें तो 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के खाते में 105 व शिवसेना को 56 सीटें आई हैं।