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बलिया : रामगोविंद चौधरी का बड़ा बयान : योगी सरकार के गो आश्रय स्थल को बताया आश्रय स्थल नही सबसे बड़ा कसाई स्थल, जितनी कसाईयो के हाथों नही कटी उससे ज्यादे यहां मर गयी गाये,विकास के नाम पर "मुंह मे राम बगल में छुरी" की तर्ज पर जनता के साथ कर रहे है छल

रामगोविंद चौधरी का बड़ा बयान : योगी सरकार के गो आश्रय स्थल को बताया आश्रय स्थल नही सबसे बड़ा कसाई स्थल, जितनी कसाईयो के हाथों नही कटी उससे ज्यादे यहां मर गयी गाये,विकास के नाम पर "मुंह मे राम बगल में छुरी" की तर्ज पर जनता के साथ कर रहे है छल







बलिया एक्सप्रेस एक्सक्लूसिव
 बलिया 6 नवम्बर 2019 ।। बिजली विभाग के घोटाले पर मुखर रूप से योगी सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को गिरफ्तार करने की मांग उठाने वाले नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने योगी सरकार पर एक बार फिर बड़ा हमला बोला है । इस बार श्री चौधरी ने योगी सरकार और भाजपा के द्वारा गो वंशो की सुरक्षा के लिये उठाये गये कदमो और गोवंश/निराश्रित पशु आश्रय स्थल को निशाने पर लिया है । श्री चौधरी के अनुसार यह गायों का आश्रय स्थल नही सबसे बड़ा कसाई स्थल है । सरकार आश्रय स्थल के नाम पर गाय को बचाने का ढोंग कर रही है । इन आश्रय स्थलों पर इनकी रखरखाव के लिये जो पैसा दिया जा रहा है वह बहुत ही कम है , उससे भी बड़ी बात यह है कि इनकी देखरेख करने वाले इसमे भी मुनाफा कमा रहे है । समय से और आवश्यक भोजन इनको मिल नही रहा है , जिसके कारण भूख से इन आश्रय स्थलों पर बड़ी संख्या में जानवरों की मौत हो रही है । मैं तो स्पष्टरूप से कहता हूं कि जितनी गाये कसाईयो द्वारा नही काटी जाती होगी , उससे बहुत अधिक गाये तो इन आश्रय स्थलों पर भूख से तड़प तड़प कर मर गयी है । यह योगी सरकार का गो- आश्रय स्थल नही कसाईयो से भी बड़े कसाई स्थल है ।



मुंह मे राम बगल में छुरी की कहावत को भरतीय जनता पार्टी के लोग चरितार्थ कर रहे है । अखिलेश यादव की सरकार के जमाने की शुरू हुई परियोजनाओं को ही अपना बताकर विकास करने का ढोंग कर रहे है । मैने विधान सभा मे प्रश्न उठाकर पूंछा था कि माननीय मुख्यमंत्री जी यह बता दीजिये कि आपकी सरकार ने दो अनुपूरक और दो बजट अब तक पेश कर दिया है लेकिन आप ने प्रदेश में अपने बजट से कही 1 किमी भी सड़क बनाने का काम किये है ? विकास का कार्य किये है ? लेकिन मुख्यमंत्री जी चुप रहे । बलिया में चाहे गंगा नदी पर बन रहा पुल हो या घाघरा पर बन रहा पुल हो ,पैसे के अभाव में आजतक लटके हुए है । यह सरकार विकास के नाम पर लोगो के साथ छल कर रही है ।"मुंह मे राम बगल में छुरी" के द्वारा राम को दिखाकर विकास के नाम पर जनता का गला छुरी से काट रही है । बलिया के विकास के लिये जो भी परियोजनाएं अखिलेश सरकार ने शुरू करायी थी - चाहे चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय हो, स्पोर्ट्स कालेज हो ,गंगा व घाघरा पर बन रहे पुल हो आदि के लिये जारी बजट को रोककर निर्माण कार्य अवरुद्ध कर दिया है । यह सरकार विकास के नाम पर केवल जनता को छल रही है ।