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आइंस्टीन के सिद्धांत को चुनौती देने वाले मां भारती के सपूत महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का हुआ निधन,पटना में ली अंतिम सांस

 आइंस्टीन के सिद्धांत को चुनौती देने वाले मां भारती के सपूत महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का हुआ निधन,पटना में ली अंतिम सांस


पटना 14 नवम्बर 2019 ।। महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का आज गुरुवार को पटना में निधन हो गया. वह 40 साल से मानसिक बीमारी सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित थे । पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर शोक जताया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके निधन पर शोक जताया है । बता दे कि महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का आज गुरुवार को पटना में निधन हो गया. 40 साल से मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया से पीड़ित वशिष्ठ नारायण सिंह पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. वह 74 साल के थे । वशिष्ठ नारायण सिंह पटना के कुल्हरिया काम्पलेक्स में अपने परिवार के साथ रहते थे. पिछले कुछ दिनों से वह बीमार थे और तबीयत खराब होने के बाद परिजन उन्हें पीएमसीएच लेकर गए, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. वहीं परिजनों का आरोप है कि उनके मृत्यु के 2 घंटे के बाद एम्बुलेंस उपलध कराया गया।
उनके निधन की खबर से पूरा बिहार गमगीन है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्रद्धांजलि आर्पित की. महान गणितज्ञ के निधन पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस निधन से दुखी हैं. वह बेहद सम्मानित सज्जन थे ।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी नारायण सिंह के निधन पर दुख जताया ।



आइंस्टीन के सिद्धांत को चुनौती

गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह ने महान वैज्ञानिक आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को चुनौती दी थी. उनके बारे में मशहूर है कि नासा में अपोलो की लांचिंग से पहले जब 31 कंप्यूटर कुछ समय के लिए बंद हो गए तो कंप्यूटर ठीक होने पर उनका और कंप्यूटर्स का कैलकुलेशन एक जैसा ही था।

पटना साइंस कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वह अक्सर अपने गणित के टीचर को दिया करते थे. इस बारे में जब कॉलेज के प्रिंसिपल को पता चला तो वशिष्ठ नारायण सिंह की अलग से परीक्षा ली गई जिसमें उनकी गणितज्ञता के बारे में पता चला.

पटना साइंस कॉलेज में पढ़ाई के दौरान कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जॉन कैली की नजर महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह पर पड़ी और उन्होंने उनकी प्रतिभा को पहचाना. 1965 में वह अमेरिका चले गए.

1969 में कैलिफोर्निया से PHD

गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह ने 1969 में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल की. इसके बाद वह वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर बन गए. वशिष्ठ नारायण ने नासा में भी काम किया, लेकिन वह 1971 में भारत लौट आए.

भारत लौटने के बाद वशिष्ठ नारायण ने आईआईटी कानपुर, आईआईटी बंबई और आईएसआई कोलकाता में नौकरी की. 1973 में उनकी शादी हो गई. शादी के कुछ समय बाद वह मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया से पीड़ित हो गए. इस बीमारी से ग्रसित होने के बाद उनकी पत्नी ने उनसे तलाक ले लिया।