राज ठाकरे या शिवपाल यादव जैसा हाल न हो जाये यह जानते हुये अजीत पवार ने यह कदम उठाया है !
राज ठाकरे या शिवपाल यादव जैसा हाल न हो जाये यह जानते हुये अजीत पवार ने यह कदम उठाया है !
ए कुमार
मुम्बई 23 नवम्बर 2019 ।।
अजीत पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत करते हुये भाजपा का हाथ थामा है ...
उद्धव ठाकरे और शरद पवार साथ में प्रेस कांफ्रेंस करने वाले हैं ...
असली खेल तो अब शुरू होगा ...
अजीत पवार की अपनी पार्टी पर उतनी ही पकड़ है जितनी अखिलेश यादव की सपा पर थी .... अंत में सपा अखिलेश के हाथों में आयी ... वैसा ही कुछ इधर भी हो सकता है ...
NCP का टुटना तय हो चुका है ... पवार साहेब NCP अपनी बेटी सुप्रिया सुले को सबकुछ सौंपना चाहते हैं जैसे बालासाहेब ने उद्धव को सौंपा था ... जबकि हकदार राज ठाकरे थे ... वैसे ही NCP को बनाने में शरद पवार के बाद किसी की सबसे ज्यादा मेहनत है तो वह उनके भतीजे अजीत पवार की ही है .... NCP के हकदार अजीत पवार हैं ...
स्वयं का राज ठाकरे या शिवपाल यादव जैसा हाल न हो जाये यह जानते हुये अजीत पवार ने यह कदम उठाया है ...
अभी यह सत्ता की लड़ाई लंबी चलेगी ....
चुनाव से पहले अमित शाह ने शरद पवार के विधायकों ... घनिष्ठ मित्रों को तोड़ा था .... चुनाव बाद शरद पवार ने भाजपा और शिवसेना का गठबंधन ही तोड़ दिया ... तो अब अमित शाह ने शरद पवार का परिवार और पार्टी ही तोड़ कर रख दी ...
मामला विधानसभा में बहुमत शामिल करने तक जायेगा ... वहीं सब अब साफ होगा कि कौन किसके साथ है ... बाकी सब जो हो रहा है उसका अब कोई महत्व नहीं रह जाता ...
खेल दो शातिर मदारीयों शरद पवार और अमित शाह के बीच चल रहा है .... काँग्रेस और शिवसेना तो जमूरे हैं ...।
ए कुमार
मुम्बई 23 नवम्बर 2019 ।।
अजीत पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत करते हुये भाजपा का हाथ थामा है ...
उद्धव ठाकरे और शरद पवार साथ में प्रेस कांफ्रेंस करने वाले हैं ...
असली खेल तो अब शुरू होगा ...
अजीत पवार की अपनी पार्टी पर उतनी ही पकड़ है जितनी अखिलेश यादव की सपा पर थी .... अंत में सपा अखिलेश के हाथों में आयी ... वैसा ही कुछ इधर भी हो सकता है ...
NCP का टुटना तय हो चुका है ... पवार साहेब NCP अपनी बेटी सुप्रिया सुले को सबकुछ सौंपना चाहते हैं जैसे बालासाहेब ने उद्धव को सौंपा था ... जबकि हकदार राज ठाकरे थे ... वैसे ही NCP को बनाने में शरद पवार के बाद किसी की सबसे ज्यादा मेहनत है तो वह उनके भतीजे अजीत पवार की ही है .... NCP के हकदार अजीत पवार हैं ...
स्वयं का राज ठाकरे या शिवपाल यादव जैसा हाल न हो जाये यह जानते हुये अजीत पवार ने यह कदम उठाया है ...
अभी यह सत्ता की लड़ाई लंबी चलेगी ....
चुनाव से पहले अमित शाह ने शरद पवार के विधायकों ... घनिष्ठ मित्रों को तोड़ा था .... चुनाव बाद शरद पवार ने भाजपा और शिवसेना का गठबंधन ही तोड़ दिया ... तो अब अमित शाह ने शरद पवार का परिवार और पार्टी ही तोड़ कर रख दी ...
मामला विधानसभा में बहुमत शामिल करने तक जायेगा ... वहीं सब अब साफ होगा कि कौन किसके साथ है ... बाकी सब जो हो रहा है उसका अब कोई महत्व नहीं रह जाता ...
खेल दो शातिर मदारीयों शरद पवार और अमित शाह के बीच चल रहा है .... काँग्रेस और शिवसेना तो जमूरे हैं ...।