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लखनऊ से बड़ी खबर : ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के अधिवक्ता ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को भेजी कानूनी नोटिस , जाने क्या रखी गयी है कानूनी पचड़े से बचने की शर्त ?

लखनऊ से बड़ी खबर : ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के अधिवक्ता ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को भेजी कानूनी नोटिस , जाने क्या रखी गयी है कानूनी पचड़े से बचने की शर्त ?
ए कुमार

लखनऊ 7 नवम्बर 2019 ।।
बिजली विभाग में हुआ कर्मचारियों के भविष्य निधि के पैसे के घोटाले की घटना अब राजनैतिक मंचो पर ट्वेंटी ट्वेंटी मंच की तरह हो गयी है । कभी विपक्षी दल आरोपो के बाउंसर से सत्ता पक्ष को सुरक्षित बैटिंग करने पर मजबूर कर रहे है तो कभी सत्ता पक्ष अपनी नपी तुली गुगली से विपक्षी दलों को बैकफुट पर भेजने की कोशिश कर रहे है । लेकिन बिजली विभाग के घोटाले का यह जिन्न ऐसा हो गया है कि यह प्रदेश से निकल कर देश और अब अतंतकवाद और देशद्रोह जैसे शब्दों से अपने आप को सुंदरतम बनाने में लगा हुआ है । विपक्षी दलों के आरोपो को लगातार तीन दिन से झेल रहे ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने विपक्षी नेताओं द्वारा लगाये जा रहे रोज रोज के आरोपो से आजिज होकर अब कानूनी दांवपेंच भी शुरू कर दिया है । आज ऊर्जा मंत्री के अधिवक्ता ने कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को विधिक नोटिस भेजकर आरोपो को सात दिन में साबित करने या क्षमा याचना करने की मांग की है । ऐसा न करने पर श्री लल्लू के खिलाफ मानहानि की कानूनी कार्यवाई शुरू करने की चेतावनी दी गयी है । इस नोटिस में यह कहा गया है कि श्रीकांत शर्मा कभी दुबई गये ही नही है ।जो कानूनी नोटिस भेजी गई है वह निम्न है --
सेवा में 
श्री अजय कुमार लल्लू
अध्यक्ष,
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी,
नेहरू भवन, 10, माल एवेन्यू
लखनऊ।

विषय- मानहानि की विधिक नोटिस।

महोदय
अपने मुवक्किल श्री श्रीकांत शर्मा, माननीय मंत्री ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिये गये अनुदेश के क्रम में और उनकी ओर से मैंआपको निम्नलिखित नोटिस देता हूँ -----
यह कि आपने प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के समक्ष असत्य, दुर्भावनापूर्ण एवं मामा बयान जारी किये है जो कि टेलीविजन पर विभिन्न चैनलों पर प्रसारित हुए हैं और दैनिक जागरण, अमर उजाला, नवभारत टाइम्स आदि समाचार पत्रों में दिनांक 04.11.2019 एवं 05.11.2019 को प्रकाशित किये गये हैं। उपरोक्त बयान के प्रसारण एवं प्रकाशन के कारण वह आम जनता द्वारा देख व पढे गये हैं।

आपने अपने उपरोक्त बयानों में कहा है कि डी एच एफ.एल. से सम्बन्धित व्यक्तियों ने मेरे मुवक्किल से उनके कार्यालय, उनके सरकारी आवास एवं उनके मथुरा स्थित आवास पर भेंट की। आपने अपनी दिनांक- 03.11.2019 की प्रेस वार्ता में
यह भी कहा कि गरीब जनता की बिजली कुछ सौ और हजार रूपये के बकाया पर कटवा देने वाले मंत्री जी विभाग के खजाने से हजारों करोड़ रूपये देशदोहियों दाउद इब्राहिम और इकबाल मिर्ची से जुड़ी कम्पनियों को देते हैं।

आपने 05.11.2019 को अपने बयान में यह भी कहा कि इस बात की जाँच की जानी चाहिये कि सितम्बर-अक्टूबर 2017 में ऊर्जा मंत्री किस प्रयोजन से दुबई गये थे और वहीं किन-किन लोगों से मुलाकात की। यह दौरा उसी समय किया जब
डी.एच.एफ.एल. का पैसा सन लिंक कम्पनी को जा रहा था ऊर्जा मंत्री 10 दिनों की आधिकारिक यात्राओं का उद्देश्य बताये । आपके द्वारा दिये गये उपरोक्त बयानों में लगाये गये लांछन द्वारा मेरे मुवक्किल के चरित्र, उनकी सत्यनिष्ठा उनकी ईमानदारी एवं देशभक्ति को कलंकित किया गया है एवं उनकी ख्याति को क्षति पहुंचायी गयी है । आपने अपने उपरोक्त
बयानों से यह सुझाया है कि मेरे मुवक्किल द्वारा डी एच. एफ.एल. के साथ साँठगाँठ कर ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों की भविष्य निधि का पैसा डी.एच.एफ.एल. को दे दिया गया, जो जोखिम में पड़ गया। आपने अपने बयान में यह भी सुझाया है कि मेरे मुवक्किल 10 दिन की आधिकारिक यात्रा पर सितम्बर-अक्टूबर माह में दुबई गये,जहाँ पर उनकी भेट डी.एच.एफ.एल. से सम्बन्धित लोगों से हुई और यह भी सुझाया है कि पब्लिक कम्पनी को धन हस्तांतरण में उनकी भूमिका है।

यहाँ यह स्पष्ट कर दिया जाये कि मेरे मुवक्किल की किसी डी एच एफ.एल. या पब्लिक कम्पनी को धन हस्तान्तरण में कोई भूमिका नहीं रही और जब मेरे मुवक्किल का निवेश प्रक्रिया से कोई सरोकार नहीं है तब उनका डी.एच.एफ.एल. या
उसके कर्मचारियों या अधिकारियों से मिलने या न मिलने का कोई औचित्य नहीं है।
यह भी सत्य है कि मेरे मुवक्किल माह सितम्बर-अक्टूबर में ही नहीं अपितु कभी भी दुबई अथवा किसी अन्य स्थान पर विदेश यात्रा पर नहीं गये । यह भी स्पष्ट करना आवश्यक है कि भविष्य निधि का प्रबन्धन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है जिसमें श्री श्रीकान्त शर्मा किसी भी पद पर नहीं हैं और उनकी इस कार्य में कोई भूमिका नहीं है। सत्यता यह है कि डी.एच एफ.एल. या सनलिंक नामक किसी कम्पनी से श्री श्रीकांत शर्मा का कोई सम्बन्ध या सरोकार नहीं है।

आपके द्वारा दिये गये बयान पूर्णतया असत्य, दुर्भावनापूर्ण और भ्रामक है।आपने बिना तथ्यों की जांच की सच्चाई जाने बिना एक षड़यन्त्र के तहत मेरे मुवक्किल की छवि धूमिल करने, उनकी प्रतिष्ठा की हानि करने एवं उनकी मानहानि
करने के उद्देश्य से उपरोक्त बयान जारी किये हैं।

आपके बयान जो कि प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में टेलीविजन पर एवं समाचार-पत्रों के माध्यम से देखे व पढ़े गये, उनमें लगाये गये लांछन से मेरे मुवक्किल की छवि धूमिल हुयी है ,उनकी प्रतिष्ठा, सत्यनिष्ठा एवं राष्ट्रभक्ति कलंकित हुई है एवं उनकी ख्याति को क्षति पहुंची है। आपके द्वारा दिये गये उपरोक्त बयान मेरे मुवक्किल की मानहानिकारक हैं ।
   अत. आपको सचेत किया जाता है कि भविष्य में
आप ऐसे असत्य व दुर्भावनापूर्ण बयान जारी न करें और उपरोक्त मानहानिकारक बयान जारी करने के लिये तत्काल स्पष्ट क्षमा याचना मेरे मुवक्किल से व्यक्तिगत
रूप से इस नोटिस की प्राप्ति के 7 दिन के भीतर करें।

मैं आपको यह भी नोटिस देता है कि यदि उपरोक्त अवधि में उपरोक्त वर्णितशैली में आपके द्वारा क्षमा याचना नहीं की गयी तो आपके विरूद्ध सुसंगत विधिककार्यवाही की जायेगी ।जिसमें आपके विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 499 एवं 500 के अन्तर्गत मानहानि की दाण्डिक कार्यवाही की जायेगी जिसमे दो वर्ष के कारावास एवं अर्थदण्ड का प्रावधान है। क्षमा चायना न करने पर आपके विरूद्ध सक्षम दीवानी न्यायालय में हो जान के लिये दीवानी कार्यवाही भी की जायेगी।
                                (अनुराग कुमार सिंह)




                                            अधिवक्ता