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बलिया के माध्यमिक शिक्षा विभाग के 1 अरब से अधिक के जीपीएफ घोटाले की तीसरी कड़ी : साहब यहां पैसे दीजिये वेतन लीजिये, नही तो घर बेचिये मुकदमा लड़िये

बलिया के माध्यमिक शिक्षा विभाग के 1 अरब से अधिक के जीपीएफ घोटाले की तीसरी कड़ी : साहब यहां पैसे दीजिये वेतन लीजिये, नही तो घर बेचिये मुकदमा लड़िये
मधुसूदन सिंह

बलिया 2 दिसंबर 2019 ।। बलिया जनपद के 91 सरकारी सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में हुए 1 अरब 8 करोड़ से अधिक के जीपीएफ घोटाले ने अपनी खून पसीने की कमाई को पाई पाई जोड़कर जमा करने वालो को सदमे में डाल दिया है । वही इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी जिस अधिकारी पर है वह बेपरवाह तरीके से कहते है , इसमे परेशान होने की क्या बात है , जांचोपरांत जो भी दोषी होगा , उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी ।
आहिस्ता कीजिये कत्ल मेरे अरमानों का……
कहीं सपनों से लोगों का ऐतबार ना उठ जाए..

वही इस घोटाले को उजागर करके इसके गुनाहगारो को सजा दिलाने के लिये सतत प्रयत्नशील रेवती इंटर कालेज के मृतक आश्रित कोटे से लिपिक पद पर नियुक्त जितेंद्र कुमार तिवारी पूंछ रहे है --
साहब ! किश्तों में क्यो बलि ले रहे हो , कह दो एक बार मे ही पूरे परिवार की बलि आपकी चौखट पर चढ़ा दूं । साहब !इलाज के अभाव में मेरी बेटी गुजर गयी , बेटे को कैंसर है , इलाज कराते कराते दो दो घर बिक गया , फिर भी मेरा वेतन नही मिल रहा है । साहब क्या मोदी योगी राज में भी आप बिना पैसा लिये मेरा वेतन जारी नही करेंगे ? आखिर एक ही अनुमोदन से 4 लोगो की नियुक्ति होती है , तीन लोगों को आप वेतन देते है और मुझे चढ़ावा न देने के कारण वेतन से वंचित रखे है आखिर क्यों ? साहब आप बता दीजिये मैने पैसे के अभाव में इलाज के बगैर अपनी मासूम को मौत के मुंह मे जाने से नही रोक पाया और आप लोगो की दक्षिणा वाली बलि वेदी पर बलि दे दी, फिर बच्चे के कैंसर के इलाज के लिये दो दो मकान बेचकर रोड पर आ गया हूँ । डीआईओएस साहब इतना बता दीजिये कि क्या मेरे बेटे और परिवार की बलि लेने के बाद आप मेरा वेतन जारी करेंगे ?
   जी हां, यह सिर्फ एक आदमी की दास्तां है , यह इनके साथ इस लिये हो रहा है क्योंकि ये ओरिजनल है । जबकि जिनकी नियुक्तियां विभिन्न जांचों में फर्जी घोषित हो गयी है ,वे लोग दक्षिणा चढ़ाकर मजे से वेतन आहरित कर रहे है । बता दे कि जब इस घोटाले की जानकारी सबसे पहले शासन को हुई तो शासनादेश संख्या 108/39-4-2016-51(1)/2011 सतर्कता अनुभाग -4 उ0प्र0 शासन लखनऊ के द्वारा जांच बैठा दी गयी । इस जांच के अनुपालन में निदेशक सतर्कता अधिष्ठान उ0प्र0 लखनऊ की अंतिम जांच आख्या संख्या अ0/अनु0-2-अ-12/2011 दिनांक 10.6.2015 की मु0अ0सं036/2011 तथा मु0अ0सं0 03/2011 धारा 409 भा0दं0वि0 धारा 409, 201 भा0दं0वि0 तथा धारा 13(1)डी सपठित 13(2) भ्र0नि0अधि01988 थाना कोतवाली जनपद बलिया को बाधित करने के लिये एक फर्जी ऑडिट रिपोर्ट 28.07.2017 को प्रस्तुत कर के यह कहा गया कि जीपीएफ मद में घोटाला हुआ ही नही है और कूटरचित पत्रजात बनाकर सतर्कता जांच के दोषियों को बचाने , फर्जी नियुक्तियों के सहारे नौकरी कर रहे लोगो को आज भी राजकोष से अनियमित भुगतान हो रहा है । सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब कई जांचों में नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा होने की पुष्टि के साथ फर्जी तरीक़े से नियुक्ति पाने वालों के खिलाफ एफआईआर तक करा दिया गया है , उसके बावजूद अगर ऐसे लोगो को वेतन मिल रहा है तो निश्चित ही इसमे जिला विद्यालय निरीक्षक बलिया की भूमिका संदेहों के घेरे में है ।

कब से हुई है घोटाले की शुरुआत

  रेवती इंटर कालेज रेवती बलिया में मृतक आश्रित कोटे से बाबू के पद पर नियुक्त जितेंद्र कुमार तिवारी पुत्र स्व इंद्रदेव तिवारी के शब्दों में यह घोटाला 1995 से शुरू हुआ है और इसकी जड़ रेवती इंटर कालेज से निकली है । इस कॉलेज में हुई 12 अनियमित नियुक्तियों को बचाने के चक्कर मे बलिया जनपद में प्रबंधतंत्रो और तत्कालीन डीआईओएस/नगर मजिस्ट्रेट आर गणेश ने ऐसा षडयंत्र रचा कि आजतक जो सही है वो वेतन नही प्राप्त कर रहे है, लेकिन जिनकी नियुक्तियां जांचों में फर्जी पायी गयी है वो वेतन आहरित कर रहे है ।
बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह का इस विषय पर बयान



    बता दे कि जब 1995 में यह मामला चला तो यहां कूट रचित माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद (बलिया में तब इस कूट रचित वाले आदेश को बहेरी हाईकोर्ट का आदेश कहा गया था ) का आदेश दिखाकर और आर गणेश से सांठगांठ करके अनियमित नियुक्ति प्राप्त किये लोगो ने वेतन आहरित करना शुरू कर दिया । चूंकि इनके पद शासन से अनुमोदित नही थे लिहाजा शासन ने इनके लिये वेतन मद में कोई भी बढ़ोत्तरी नही की । नतीजा ये लोग अन्य शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मियों के जीपीएफ़ मद से ही वेतन आहरित करके दीमक की तरह धीरे धीरे चट गये । आज स्थिति यह है कि सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों को अपना जीपीएफ़ भुगतान लेने के लिये तीन से चार साल तक इंतजार करना पड़ रहा है और जितेंद्र तिवारी जैसे लोगो को बेटी खोकर मकान बेचकर भी वेतन के लिये कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है । लेकिन शासन में बैठे लोग ऐसे कानो में रुई डालकर बैठे है और आंखों पर भ्रष्टाचार का चश्मा लगाये बैठे है कि न कुछ सुनाई दे रहा है , न कुछ इनको दिखायी दे रहा है ।
   ऐसे में पीएम मोदी और सीएम योगी का भ्रष्टाचारमुक्त भारत और यूपी का सपना साकार होगा , खुद सोचिये ?
डीआईओएस बलिया ने चिट्ठी जारी कर विद्यालयों से मांगी जीपीएफ़ कटौती की रिपोर्ट

मामले को बढ़ता देख जिला विद्यालय निरीक्षक भाष्कर मिश्र अपने कार्यालय से 25 नबम्बर 2019 को एक पत्र जारी कर 91 अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के प्रबंध तंत्रों/प्रधानाचार्यो से 2002 से 2019 तक हुई जीपीएफ़ मद में हुई कटौतियों का ब्यौरा दो दिवस में उपलब्ध कराने का निर्देश दिये था । पर आज तक इनके पास इसकी सूचना नही पहुंची है ।

(अगली कड़ी में घोटाले से सम्बंधित और तथ्य उजागर होगा)