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कुशीनगर में शीतगृह कम होने से घटा आलू की जगह दूसरी फसल बोने लगे किसान

कुशीनगर में शीतगृह कम होने से घटा आलू की जगह दूसरी फसल बोने लगे किसान
ए कुमार

कुशीनगर 6 दिसंबर 2019 ।।  जिले में कोल्ड स्टोरेज की कमी के चलते दिन पर दिन आलू की फसल का रकबा क्षेत्रफल कम होता जा रहा है। जिले में आलू बुआई के लिए उपयुक्त मानी जानी वाली मिट्टी पर किसान अन्य फसलों की बुआई को तरजीह दे रहे हैं। पडरौना व कसया समेत जिले में पांच जगहों पर आलू भंडारण के लिए कोल्ड स्टोरेज तो थे, लेकिन दो दशक में कसया को छोड़कर अन्य कोल्ड स्टोरेज पर ताला लग गया। इसके चलते सीजन में आलू भंडारण की समस्या के चलते किसानों ने आलू की बुआई करनी कम कर दी है।
      कुशीनगर जिले में वर्ष 2013 से 2015 तक 1600 हेक्टेयर में आलू की बुआई की गई, जिससे हर वर्ष 33600 मीट्रिक टन पैदावार हुआ। वर्ष 2016 में आलू का रकबा बढ़ा और 1650 हेक्टेयर में किसानों ने आलू की बुआई कर 35650 मीट्रिक टन उत्पादन किया। लेकिन वर्ष वर्ष 2017 से लगातार आलू की बुआई का क्षेत्रफल कम होता गया। अब आलम यह है कि गत वर्ष जिले में महज 1400 हेक्टेयर में इसकी खेती की गई । इससे 29000 मीट्रिक टन आलू का पैदावार हुआ। इस वर्ष भी जिले में आलू की बुआई 1400 हेक्टेयर ही अनुमानित की गई है, जिससे बीते वर्ष के समान ही उत्पादन होने की संभावना है। किसानों का कहना है कि जिले में कोल्ड स्टोरेज की कमी के चलते उन्हें सीजन में भंडारण के लिए भटकना पड़ता है। इसके चलते फसल की बुआई कम हो रही है। दरअसल, आलू उत्पादन के बाद उसको सुरक्षित रखने के लिए उनके आसपास साधन नही है। कृषि विभाग किसानों को सहफसली और वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देने के लिए जागरूक कर रहा है। गन्ने की फसल के साथ प्याज और लहसुन आदि की बुआई के लिए किसानों को प्रेरित कर रहे है। यदि जिले में पर्याप्त क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज उपलब्ध कराया जाए तो प्याज व लहसुन की तरह गन्ने की फसल के साथ आलू की सहफसली खेती कर किसान अपनी आय बढ़ा सकते है।


जिले में कोल्ड स्टोरेज का नाम स्थान क्षमता (एमटी ) कब बंद हुआ---

लारी कोल्ड स्टोरेज कसया,क्षमता- 2200 एमटी चालू है

भुवनेश्वरी शीत गृह कठकुइया--- क्षमता- 1800 एमटी--2005 से बंद हैं।

राजकीय शीत गृह कसया---क्षमता 2000एमटी-------1999 से बंद हैं।

रामकोला शीत गृह रामकोला--क्षमता 1250 एमटी----1998 से बंद हैं।

सहकारी शीत गृह फाजिलनगर -- क्षमता 4000 एमटी-- 1995 से बंद है ।