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दुबेछपरा बलिया : नौ दिन से कटान व बाढ़ पीड़ित अनशन करते हुए मैदान में,पर इनकी वेदना अबतक न पहुंची राजनेताओ व प्रशासनिक अधिकारियों के कान में

नौ दिन से कटान व बाढ़ पीड़ित अनशन करते हुए मैदान में,पर इनकी वेदना अबतक न पहुंची राजनेताओ व प्रशासनिक अधिकारियों के कान में
डॉ सुनील कुमार ओझा 

दुबेछपरा बलिया 18 दिसम्बर 2019 ।। राष्ट्रीय राजमार्ग 31 के दुबेछपरा हनुमत मंदिर परिसर में बाढ़ व कटानपीड़ितों द्वारा पांच सूत्री मांग को लेकर विगत नौ दिसम्बर से चल रहा क्रमिक अनशन इस कड़ाके के ठंड में बुधवार को भी नौवे दिन जारी रहा। लेकिन अफसोस इस बात का रहा कि इसी क्षेत्र के रहने वाले सांसद बलिया वीरेंद्र सिंह मस्त हो या स्थानीय विधायक सुरेंद्र सिंह ने इसी रास्ते से गुजरते हुए एक बार रुक कर इन अनशनकारियों को सांत्वना या आश्वासन देने के लिये 5 मिनट के लिये भी नही रुके या पहुंचे । इसके अलावा इन्ही लोगो के पद चिन्हों पर चलते हुए जिला प्रशासन के सक्षम अधिकारी भी इस अनशन स्थल पर झांकने के लिये भी नही पहुंचे । हां इतना जरूर हुआ कि जिसके पास देने का कोई अधिकार ही नही है वो दो अधिकारी बाढ़ खण्ड के जरूर पहुंचे । बता दे कि बाढ़ कटान से पीड़ित ग्रामीणों के शांतिपूर्ण अनशन स्थल पर बुधवार को दोपहर बाढ़ विभाग के अधीक्षण अभियंता भानुप्रताप सिंह व अधिशासी अभियंता वीरेंद्र सिंह मौके पर पहुंच कर कटान पीड़ितों के बीच बताया कि आप लोगों के मांग के अनुरूप एक सप्ताह के अंदर प्रस्ताव बनाकर भेज दिया जाएगा। इन अधिकारियों ने यह भी कहा कि हमारे भेजे गये प्रस्ताव को शासन मंजूर करेगा की नहीं करेगा, हम नहीं बता सकते हैं। शासन से प्रस्ताव को पूरा कराने में आप लोगों को सहयोग करना पड़ेगा। इस पर अनशनकारियों ने कहा कि पहले आपलोग प्रस्ताव तो बनाकर भेजिये । अनशनरत पीड़ितों ने साथ ही चेताया कि अब तक  किसी भी प्रकार की कारगर पहल नहीं होने से हम लोग सड़क पर है । कहा कि अगर 20 दिसम्बर तक हमारी मांगो पर कारगर पहल होती नही दिखी तो पूर्व में दी गयी नोटिस के अनुसार  आगामी 21 दिसंबर को राष्ट्रीय राजमार्ग 31 को दुबेछपरा ढाला पर जाम किया जाएगा । छात्रनेता अतुल कुमार मिश्र ने कहा कि अब भी अगर शासन प्रशासन नहीं चेता तो हम कटानपीड़ित बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
अनशन स्थल पर अयोध्या प्रसाद हिंद (जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि), खेदन तिवारी, शिवनरायन तिवारी, ब्रह्म शंकर राम, रिंकू तिवारी, पंकज तिवारी, पवन चौबे, हरेराम चौधरी, मुन्ना पांडेय, सर्वजीत प्रधान, ओंकार तिवारी, मैनेजर सिंह, नंदकिशोर चौबे, राम सहूं तिवारी, महेश तिवारी, अखिलेश दुबे, अमित दुबे, मैनेजर सिंह, चिंटू तिवारी, सुदर्शन ठाकुर, मनु मिश्र, नागेंद्र तिवारी, नमू प्रसाद, राजकिशोर, अमर रजक, राजनाथ यादव, काशीनाथ तिवारी, अमित तिवारी सहित दर्जनी गांव के कई लोग मौजूद रहे।

इन अनशनकारियों की एकजुटता और जीवटता देख कर चंद लाइनें याद आ गयी है --
पसीने की स्याही से जो लिखते हैं इरादें को,
उसके मुक्कद्दर के सफ़ेद पन्ने कभी कोरे नही होते…।।
मौजों की सियासत से मायूस न हो 'फ़ानी'
गिर्दाब की हर तह में साहिल नज़र आता है ।।
साहिल के सुकूँ से किसे इंकार है लेकिन
तूफ़ान से लड़ने में मज़ा और ही कुछ है ।।