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सीवर प्रोजेक्ट का जिलाधिकारी बलिया ने किया निरीक्षण : इंजीनियरों को चेताया, जांच में कोई दोषी मिला तो जाएंगे जेल

सीवर प्रोजेक्ट का जिलाधिकारी बलिया ने किया निरीक्षण : इंजीनियरों को चेताया, जांच में कोई दोषी मिला तो जाएंगे जेल
लेटलतीफी से प्रोजेक्ट की लागत बढ़ने के साथ लोगों को हुई असुविधा




बलिया 6 दिसंबर 2019: शहर में निर्माणाधीन सीवर प्रोजेक्ट की प्रगति पर जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने भी अब नजर दौड़ा दी है। शुक्रवार को उन्होंने भ्रमण कर इसका जायजा लिया। एनसीसी तिराहे से लेकर मिड्ढी व काजीपुरा तक पैदल भ्रमण अंदर बिछाए गए पाईप की जानकारी जल निगम के अधिकारियों से ली। कलेक्ट्रेट व बेदुवा में बने इंटेक पावर स्टेशन को भी देखा। मिड्ढी—काजीपुरा के बीच आधी लम्बाई में पाईप नहीं बिछी होने पर डीएम ने सवाल किया तो इस पर जल निगम के अधिकारी चुप हो गए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि इसकी वजह को क्लियर करके बताएं। परियोजना से जुड़े कुछ अन्य सवालों का भी उत्तर गोलमटोल देने पर जिलाधिकारी ने इंजीनियर को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि जल्द ही इसकी विस्तृत जांच होगी। कार्य की एमबी कैसे और कितनी लंबाई तक तैयार हुई, यह भी देखा जाएगा।
लेटलतीफी से प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़ती गयी और जनता को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। ऐसे में इस परियोजना की जांच में अगर कोई दोषी मिला तो उसका जेल जाना तय है।
जिलाधिकारी ने

जीपीआर सर्वे की टीम बुलाने का दिया आदेश

— जिलाधिकारी ने जल निगम के अधिकारियों से कहा कि हफ्ते दिन के अंदर जीपीआर (ग्राउंड पेनेटरेटिंग रडार) सिस्टम की टीम भी मंगाने का प्रयास करें। जीपीआर सर्वें के जरिए बिना खुदाई किए पाइप लाइन कहाँ बिछी है और कहां नहीं, इसको आसानी से देखा जा सकता है। कोशिश करें कि खुदाई टीम के साथ जीपीआर सर्वे की भी टीम आ जाए। 

मिड्ढी चौराहे से काजीपुरा तक किया पैदल भ्रमण

जल निगम के अधिकारियों की निशानदेही पर डीएम ने मिड्ढी चौराहे से काजीपुरा तक पैदल भ्रमण किया। इस रोड में 300 मीटर तक पाईप नहीं डालने की बात कही गयी। जिलाधिकारी ने इसका कारण पूछा तो इसका जवाब जल निगम के किसी अधिकारी के पास नहीं था। एक्सईएन व अन्य इंजीनियरों को फटकार लगाते हुए कहा कि सिर्फ ऑफिस में बैठकर काम नहीं कराएं, बल्कि मौके पर जाकर भी प्रोजेक्ट की निगरानी करें।