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बलिया : ददरी मेला के भारतेंदु कला मंच पर बही लोक गीत व लोक संस्कृति की मधुर बयार ,पर एक सभासद के कृत्य से आयोजक हुए शर्मसार

 बलिया : ददरी मेला के भारतेंदु कला मंच पर बही लोक गीत व लोक संस्कृति की मधुर बयार ,पर एक सभासद के कृत्य से आयोजक हुए शर्मसार



बलिया 2 दिसंबर 2019 ।। दुश्मन मिले सवेरे ... मगर मतलबी यार ना मिले...व जा रे चन्दा जा रे तू संदेश ले के, अइह बिहाने दे के। सुर संग्राम 2011 के विजेता गायक मनोहर सिंह के इस गीत से ददरी महोत्सव की शाम को गुलजार हो गई। इसके बाद महुआ चैनल द्वारा आयोजित लोकगीत की 2013 की विजेता बिहार गोपालगंज की गायिका अलका सिंह पहाड़िया ने फैसला हम कर चुकल हंई, रउरे से माँग भरवाइब ....., दुल्हनिया बनके डोली चढ़ कर, तोहरे ही घरवा आइब... के बाद कई गीत प्रस्तुत कर हज़ारों श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर एक अलग ही शमा बांध दिया। इसके बाद प्रियंका सिंह प्रिया ने सोच - सोच जिया काहे हमरो घबड़ाता दरोगा जी हो, चार दिन से पियवा बा लापाता ..... के बाद कई सारे गीत प्रस्तुत किये. जिसके बाद पूरा पंडाल तालियो से गुंज उठा । बता दे कि ददरी मेला के भारतेन्दु कला मंच पर रविवार को देर शाम ददरी महोत्सव का आयोजन हुआ. मुख्य अतिथि उपजिलाधिकारी अश्वनी कुमार श्रीवास्तव व विशिष्ट अतिथि सदर कोतवाल विपिन कुमार सिंह ने कार्यक्रम का फीता काट व दीप प्रज्वलन कर शुभारम्भ किया. इसके बाद नपा अध्यक्ष अजय कुमार समाजसेवी ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्रम भेंट कर सम्मानित किया. इसी क्रम में मेला सकुशल सम्पन्न कराने के लिए मेला चौकी प्रभारी विवेक कुमार पांडेय को भी नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा सम्मानित किया गया. जिसके बाद आये हुए गायको को भी मालायार्पण एवं अंगवस्त्रम दे कर सम्मानित किया. श्रोताओं ने लोकगीतो पर गायको का तालियों से उत्साह वर्धन किया।



लोकगीत की गायिकी का सिलसिला पूरी रात तक चलता रहा. कार्यक्रम की शुरुआत अयोध्या से आये मुकेश कुमार की टीम ने फौवाई नृत्य, गाजीपुर के जीवन राम की टीम ने धोबिया नृत्य व अयोध्या के कलाकारो द्वारा रामलीला प्रस्तुत कर किया गया । वाराणसी बीएचयू की छात्रा स्नेहा ने कथक नृत्य कर सबका मनमोह लिया. इसके बाद वाराणसी के अमलेश शुक्ल ने मां अन्नपूर्णा भैरो बाबा रहा ना कोई बाकी ... बम - बम बोल रहा है काशी व चल हो भईया, चल हो बहिनी, तनि मान कहनवा ना, बलिया में लागलबा ददरी क मेला, जहां जुटल जहनवा बा... के साथ कई सारे भजनो को गाया. कार्यक्रम के आखिरी में दिल्ली से आयी गायिका कल्पना पाण्डेय ने सुना है असर है हमारी बातो में, वरना तो लोग भूल जाते हैं दो - चार मुलाकातो में...व सितारों को गीन पाना मुश्किल है, हमको भूल पाना मुश्किल है, के बाद कई गीतो की प्रस्तुति की. ददरी महोत्सव में गीतो का आनंद लेने के लिए श्रोता रात भर जगे रहे. कार्यक्रम का संचालन अनूप जेडी ने किया. कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा को लेकर मेला थाना प्रभारी विवेक पांडेय के नेतृत्व में उनकी टीम पूरी तरह सक्रिय रही।













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सुर संग्राम विजेता मनोहर सिंह की गायिकी में सुप्रसिद्घ लोकगीत गायक स्व. बलेसर के बोल झलक रहे थे. ऎ बूढउ काजल लगाल, फिर से अइहे जवानी...के बोल से गायक स्व. बलेसर के बोलो को जीवनत कर दिया. इसके बाद इन्होने भोजपुरी गायक गोपाल राय की गीतो को भी गाया.

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मेरे जख्मो के चाहत पर पट्टी कौन बांधेगा, अगर बेटियाँ नही होंगी तो कलाइयो पर राखी कौन बांधेगा .... इस बोल के साथ आये हुए कलाकारो, गायक व गायिकाओ ने नारी व्यथा को अपने गीतो के माध्यम से प्रस्तुत किया. वही हैदराबाद में दुष्कर्म कर एक नारी की निर्मम हत्या किये जाने की घोर निन्दा की गयी. भारतेन्दु कला मंच से अपराध मुक्त समाज बनाने के लिए लोगों से अपील की.

भारतेन्दु कला मंच की मर्यादा हुई धूमिल


ऎतिहासिक ददरी मेला के मंच की मर्यादित परम्परा उस वक्त धूमिल हो गई जब नगरपालिका के एक सभासद को ददरी महोत्सव में कार्यक्रम प्रस्तुत करने आयी कलाकार को नशे में धुत स्थिति में रुपये को अश्लील तरीके से दिखाते हुए मेला थाना प्रभारी ने देख लिया । मेला चौकी प्रभारी द्वारा नशे में धूत इस सभासद को तत्काल पकड़ कर मेला थाना में बैठा दिया गया । जिसके बाद वहां उपस्थित अन्य सभासदो ने मेला थाना प्रभारी विवेक पांडेय के खिलाफ लामबंदी कर डाली. आक्रोशित सभासदो ने चल रहे ददरी महोत्सव कार्यक्रम को बीच में ही बंद करवा दिया.  वहां मौजूद रहे नगरपालिका अध्यक्ष अजय कुमार समाजसेवी बुजुर्ग गोविंद जी पेंट वाले को  छोड़ने गये , इसी बीच यह घटना हो गयी. मौके पर मौजूद सदर कोतवाल विपिन कुमार सिंह ने नशे में धूत सभासद को पुलिस की देखरेख में घर भेजवा दिया. आक्रोशित सभासदो को समझा बुझाकर सदर कोतवाल ने पुनः बंद हुए ददरी महोत्सव कार्यक्रम को शुरू करवाया. दूर दराज से आये श्रोताओं ने इस घटना की बहुत निन्दा की. श्रोताओं का कहना था कि इस पावन मंच पर अपनी प्रस्तुति देने आने वाली महिला कलाकारों को अगर सभासद ही इज्जत नही देंगे, सुरक्षा नही देंगे तो इस मंच पर आगे से महिला कलाकारों का आगमन ही बाधित हो जायेगा । लोगो का कहना था कि इस प्रकार की घटना शर्मनाक और बहुत ही निन्द्नीय है ।कलाकारो के साथ यदि ऎसा व्यवहार होगा तो आगे से कोई भी कलाकार ददरी मेला में आने से बचेगा । जब रक्षक ही भक्षक हो जाएगा तो ऐसी घटनाएं तो होंगी ही । लोगो ने इस प्रकार की घटनाओ के लिये नगरपालिका अध्यक्ष व सभासद गण व नगर पालिका के अधिकारी कर्मचारियों की संयुक्त पूरी टीम जिम्मेदार है. इस घटित घटना ने अब तक हुए ददरी मेला के इतिहास में एक नया ही काला अध्याय लिख डाला है । पुलिस अगर संयम से काम नही ली होती तो मेले में रविवार की रात कुछ भी हो सकता था ।