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नईदिल्ली : प्याज लहसुन की कीमतों को लेकर देश मे हाहाकार , पर संसद में "मैं नही खाती लहसुन प्याज" बोली मैडम सरकार


 नईदिल्ली : प्याज लहसुन की कीमतों को लेकर देश मे हाहाकार , पर संसद में "मैं नही खाती लहसुन प्याज" बोली मैडम सरकार

नईदिल्ली 5 दिसंबर 2019 ।।  सरकार के माननीय जो चीज नही खाते है , अगर उनकी कीमत बढ़ती है तो उनकी सेहत पर कोई असर नही होता है । ऐसा देश की वित्त मंत्री सीतारमण के संसद में दिये गये बयान से झलकता है । लहसुन प्याज की कीमतों से देश मे मचे हाहाकार के वावजूद अगर वित्त मंत्री कहती है कि मैं लहसुन प्याज नही खाती हूं , इससे तो यही मतलब निकलता है कि अगर हमारी वित्त मंत्री लहसुन प्याज खाती तो कीमतें आसमान नही छूती ।
देश में प्याज की कीमतों को लेकर आम आदमी बेहाल है और राजनीतिक दल मोदी सरकार पर इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं. वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि वह इतना लहुसन, प्याज नहीं खाती हैं और ऐसे परिवार से आती हैं जहां प्याज-लहुसन का ज्यादा मतलब नहीं है. निर्मला सीतारमण के इस जवाब पर सदन में ठहाके लगे.
असल में, संसद में प्याज खाने को लेकर लोकसभा में कुछ सदस्यों के सवालों पर निर्मला सीतारमण ने कहा, 'मैं इतना लहुसन, प्याज नहीं खाती हूं जी. मैं ऐसे परिवार से आती हूं जहां अनियन से मतलब नहीं रखते.' वित्त मंत्री महाराष्ट्र के बारामती से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले के सवालों पर जवाब देने के लिए खड़ी हुईं. उसी दौरान कुछ सदस्यों ने सवाल किया कि क्या आप (निर्मला सीतारमण) प्याज खाती हैं. सदस्यों के इसी सवाल पर निर्मला सीतारमण ने ये जवाब दिया.
प्याज किसानों का मुद्दा उठाया
इससे पहले एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने एनपीए और प्याज किसानों का मुद्दा उठाया था. सुप्रिया सुले ने कहा, 'मैं सरकार से प्याज के बारे में एक छोटा सा सवाल करना चाहती हूं. सरकार मिस्र से प्याज मंगा रही है, प्याज की व्यवस्था कर रही है, मैं सरकार के इस कदम की सराहना करती हूं. मैं महाराष्ट्र से आती हूं और महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर प्याज होता है, लेकिन मैं पूछना चाहती हूं कि प्याज का उत्पादन क्यों गिरा? हम चावल और दूध सहित बहुत सी चीजों को निर्यात करते हैं. छोटे किसान प्याज का उत्पादन करते हैं और उन्हें बचाए जाने की जरूरत है.'

बता दें कि प्याज के आयात से देश के किसानों पर असर पड़ेगा और सुप्रिया सुले इसे लेकर ही सवाल कर रही थीं.
बहरहाल, सुप्रिया सुले के सवाल के बाद निर्मला सीतारमण जवाब देने के लिए खड़ी हुईं, उसी समय उनसे प्याज खाने का सवाल पूछ लिया गया. खुद प्याज खाने को लेकर जवाब देने के बाद वित्त मंत्री ने प्याज किसानों के लिए सरकार की नीतियों के बारे में बताया.
बढ़ती कीमतों को रोकने को उठाए कदम
निर्मला सीतारमण ने बताया, 'प्याज की कीमतों की निगरानी करने वाले मंत्रियों के कुछ समूहों का मैं 2014 से हिस्सा रही हूं. जब कभी ऐसा होता है कि प्याज का उत्पादन सरप्लस हो जाता है तो सरकार किसानों को उनका उत्पादन निर्यात करने में मदद करती है.' वित्त मंत्री ने बताया, 'मैंने प्याज के निर्यात में 5 से 7 फीसदी का मदद दिए जाने को लेकर आदेश दिए हैं.'
सदन में यह वाकया उस समय हुआ जब वित्त मंत्री केंद्र सरकार द्वारा देश में प्याज की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए अपनाए गए विभिन्न उपायों के बारे में बता रही थीं. सरकार के इन उपायों में निर्यात पर प्रतिबंध, स्टॉक सीमा लागू करना, विदेशों से उपज आयात करना और देश के भीतर अधिशेष से घाटे वाले क्षेत्रों में प्याज का स्थानांतरण शामिल है. वित्त मंत्री ने यह भी दावा किया कि सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना के माध्यम से सभी खामियों को दूर किया है, और सदन को आश्वासन दिया है कि "दलाल और बिचौलियों को सिस्टम से समाप्त कर दिया गया है."
किसान खेत में कर रहे पहरेदारी
प्याज की बढ़ती कीमतों का आलम यह है कि यह कोलकाता में 150 रुपये तक बिक रही है. संसद के अंदर और बाहर इस मुद्दे बहुत हंगामा हो रहा है. मध्य प्रदेश के मंदसौर में एक किसान ने भी 30,000 रुपये की प्याज की फसल की चोरी होने की बात कही है. जबकि देश के कई हिस्सों में चोरी की डर की वजह से किसान रात को प्याज के खेत में पहरा दे रहे हैं ।
(साभार)