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बलिया स्वास्थ्य विभाग से बड़ी खबर : प्रभारी मंत्री, स्थानीय मंत्री सांसद विधायकों और कमिश्नर के आदेश के बावजूद आखिर मनोज यादव को क्यो नही हटा रहे है सीएमओ बलिया ?

बलिया स्वास्थ्य विभाग से बड़ी खबर : प्रभारी मंत्री, स्थानीय मंत्री सांसद विधायकों और कमिश्नर के आदेश के बावजूद आखिर मनोज यादव को क्यो नही हटा रहे है सीएमओ बलिया ?

बलिया 10 दिसम्बर 2019 ।। लगभग 51 लाख के फर्जी तरीके से एनएचएम खाते से भुगतान के प्रयास में वरिष्ठ सहायक मुन्ना पटेल के साथ लगभग 4 घण्टे तक हवालात की सैर करने वाले कनिष्ठ सहायक (डिप्टी सीएमओ 3 का बाबू) मनोज यादव में वो कौन सी खूबियां है जो सीएमओ बलिया अपने पास रखने के लिये पहली तहरीर में नाम देने के बाद दूसरी तहरीर देकर हवालात से बाहर निकाल लाते है । जबकि हवालात के अंदर ही मुन्ना पटेल और मनोज यादव में जोरदार नोकझोंक हुई थी और ये दोनों एक दूसरे को घोटाले के लिये जिम्मेदार ठहरा रहे थे ।
  अब सवाल यह उठता है कि आखिर वो कौन सी जांच थी जिसमे सीएमओ बलिया को मनोज यादव गुनाहगार दिखा था और उसका नाम तहरीर में दे दिये थे और दो घण्टे बाद उनको किस जांच एजेंसी ने जांच रिपोर्ट सौंपी जिसमे मनोज यादव पाक साफ दिखा । कहावत है कि दूध का जला ,मट्ठा भी फूंक फूंक कर पीता है , पर यहां तो घोटाला होने के बावजूद सीएमओ साहब की सेहत पर कोई असर ही नही दिख रहा है । साहब को न तो प्रभारी मंत्री अनिल राजभर के आदेश न मानने का खौफ है , न स्थानीय मंत्रियों व विधायक गणों की शिकायतों की परवाह है , यही नही इनको कमिश्नर आजमगढ़ के आदेश की ही परवाह है । अगर इनको परवाह होती , मंत्रियों , सांसदों, विधायक गणों का डर होता तो जिसको हटाने के लिये इन सभी लोगो ने आदेश दिया था , उसको सीएमओ बलिया अपने गले का हार बनाकर सभी महत्वपूर्ण कार्य नही कराते ? सबसे बड़ा सवाल आखिर डिप्टी सीएमओ 3 के बाबू जो  कनिष्ठ लिपिक है उससे वरिष्ठ लिपिक का कार्य तब लिये जा रहे है जब उस पर एनएचएम में हुए घोटाले में संलिप्तता का संदेह व्यक्त हो रहा है ।