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तो क्या सीएमओ बलिया भी है घोटाले में संलिप्त ?, अनूप सिंह ने लिखित शिकायत कर प्रभारी मंत्री से कराया जांच का आदेश,समानांतर पीएफएमएस आईडी से हुआ है करोड़ो का भुगतान

तो क्या सीएमओ बलिया भी है घोटाले में संलिप्त ?,  अनूप सिंह ने लिखित शिकायत कर प्रभारी मंत्री से कराया जांच का आदेश,समानांतर पीएफएमएस आईडी से हुआ है करोड़ो का भुगतान


बलिया 6 दिसंबर 2019 ।।  बलिया के स्वास्थ्य विभाग में हुए एनएचएम घोटाले में अब शक की सुई सीएमओ बलिया डॉ पीके मिश्र सीएमओ और पूर्व डैम विवेक श्रीवास्तव की घूमती जा रही है । आरोप है कि इन दोनों लोगों ने तत्कालीन जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत के आदेश के बाद एक फर्जी समानांतर पीएफएमएस आईडी बनाकर 25 मार्च से 30 मार्च 2019 के बीच करोड़ों रुपए का भुगतान किया है ।
 बता देती बता दे कि जब तत्कालीन जिलाधिकारी बलिया को स्वास्थ्य विभाग में घोटाले होने की भनक लगी तो उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में ₹100000 से ऊपर के भुगतान पर रोक लगाते हुए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और ट्रेजरी ऑफिसर की कि त्री स्तरीय कमेटी गठित कर दी जिसके अप्रूवल के बाद ही एक लाख से ऊपर के भुगतान होने थे लेकिन तत्कालीन डैम विवेक श्रीवास्तव और सीएमओ बलिया पीके मिश्र ने साजिशन इस त्रिस्तरीय कमेटी के अप्रूवल के बिना ही करोड़ों रुपए का भुगतान करने की योजना के अंतर्गत एक समानांतर पीएफएमएस आईडी बनाकर करोड़ों रुपए का भुगतान मात्र 5 दिनों में यानी 25 मार्च से 30 मार्च 2019 के बीच कर दिया । इसका खुलासा रत्तोपुर रसड़ा निवासी अनूप सिंह ने प्रभारी मंत्री बलिया एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्ति करण विभाग उत्तर प्रदेश अनिल राजभर को लिखित शिकायत करके किया है । श्री अनूप सिंह की शिकायत पर प्रभारी मंत्री बलिया अनिल राजभर ने जिलाधिकारी बलिया को यथोचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, साथी दूरभाष से स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को बलिया में एक उच्च स्तरीय जांच समिति भेज कर जांच कराने का निर्देश दिया है । अनूप सिंह के शिकायती पत्र पर गौर करे तो वर्तमान सीएमओ के कार्यभार ग्रहण करने के बाद करोड़ो रूपये के भुगतान में घोर अनियमितता हुई है । इसमें तत्कालीन डैम विवेक श्रीवास्तव की महत्वपूर्ण भूमिका बतायी जा रही है । कई शिकायतों के बाद स्थानांतरित हुए डैम विवेक श्रीवास्तव को एक माह तक रिलीव न करने को भी इस घोटाले से जोड़कर देखा जा रहा है ।
  अनूप सिंह द्वारा जिन लोगो को भुगतान किये जाने की बात कही गयी है उनके नाम है ---
आदित्य केमिकल वर्क्स -        40 लाख
 गुंजन फार्मा -                        7.50 लाख
सीआई लेबोरेटरी -                85 .00 लाख
चिपको फार्मास्यूटिकल्स -      25.00 लाख
जीडी फार्मास्यूटिकल -          45.00 लाख
मेडिसिन महल -                  22:50 लाख
भारतेंदु ऑफसेट प्रेस -          25.00 लाख
आरपी एसोसिएट                 51.00 लाख
निर्मल कुमार पांडेय -            13.00 लाख
पार्थो नाथ इंटरप्राइजेज          20.00 लाख
आरपी फार्मासिटिकल -         15.00 लाख
राधा ऑफसेट-                     60.00 लाख
 सरस्वती एसोसिएट -            49.00 लाख
सेर्डिया फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट
 लिमिटेड।                          63.63 लाख
टैबलेट इंडिया लिमिटेड -       15.00 लाख

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बता दे कि इसमें सीआई लेबोरेट्री वही है जिसके यहां से 18 पैसे के कैल्शियम के टैबलेट को 3.24 रुपये प्रति टैबलेट की दर से खरीद की गई है । वही निर्मल पांडेय 51 लाख के फर्जी भुगतान के प्रयास के मामले में वरिष्ठ लिपिक मुन्ना पटेल और डैम पवन वर्मा के साथ जेल की हवा खा रहे है ।
 श्री अनूप सिंह की शिकायत बहुत ही गंभीर है और अगर ऐसा हुआ है तो इसमें सीएमओ बलिया , डैम विवेक श्रीवास्तव और तत्कालीन नोडल अधिकारीगण और स्टोर इंचार्ज के साथ इन बिलो को अग्रसारित करने वाले बाबुओ की जमात को भी जेल जाने से कोई नही बचा सकता है । अब गेंद जिलाधिकारी बलिया और स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के पाले में है , जांच कराकर क्या कार्यवाही करते है , देखने वाली बात होगी ।
वैसे अभी तक महिला अस्पताल और जिला चिकित्सालय के घोटाले की तरफ किसी का भी ध्यान नही गया है । यहां भी कम गुल नही खिलाये गये है ? जांच होगी तो सबकी आंखे चौधियाँ जाएगी ।