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बलिया के बेसिक विभाग से बड़ी खबर : चोर चोरी से जाय हेराफेरी से नही ........143 छात्रों के लिये आहरित की स्वेटर की धनराशि, जांच में मिले 20 बच्चे, अब मिड डे मील की भी होनी चाहिये जांच ? -पंकज पाठक

 चोर चोरी से जाय हेराफेरी से नही ........143 छात्रों के लिये आहरित की स्वेटर की धनराशि, जांच में मिले 20 बच्चे, अब मिड डे मील की भी होनी चाहिये जांच ?
मधुसूदन सिंह

बलिया 23 जनवरी 2020 ।। भाजपा के युवा नेता पंकज कुमार पाठक का कहना है कि चोरी करने वाला व्यक्ति कभी भी अपनी फितरत से बाज नही आता है ,चोरी बन्द करेगा तो हेराफेरी करेगा ।चोर चोरी से जाय पर हेराफेरी से नही , वाली कहावत बलिया के एक प्राथमिक विद्यालय पर तैनात शिक्षामित्र के कारनामो से एक बार फिर चरितार्थ हुई है । यह रहस्योद्घाटन भाजपा के युवा नेता पंकज कुमार पाठक के द्वारा 6 नबम्बर 2019 को जिलाधिकारी बलिया को शपथ पत्र के साथ दिये गये शिकायती पत्र के आधार पर हुई जांच से पता चला है । श्री पाठक ने आरोप लगाया है कि पटखौली निवासी व प्राथमिक विद्यालय सराक शिक्षाक्षेत्र दुबहड़ पर कार्यरत शिक्षा मित्र जितेंद्र कुमार पाठक शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित होने से पहले तक ग्राम सभा पटखौली के राशन की दुकान के दुकानदार भी थे ।जिन्होंने विभागीय मिलीभगत से शिक्षामित्र के साथ साथ कोटेदार का भी लाभ लेते रहे । जब समायोजन की बात आयी तो फिर विभागीय मिलीभगत से राशन दुकान को अपने भाई के नाम गुपचुप तरीके कराकर संचालन स्वयं करते रहे । इसी कोटे की दुकान से दो स्वर्गवासी कार्डधारकों ने लगभग 4 वर्ष से अधिक समय तक राशन का उठान भी किया है । इसकी खबर बलिया एक्सप्रेस में प्रकाशित होने के बाद यह फर्जीवाड़ा रुका । बता दे कि जितेंद्र कुमार पाठक की नियुक्ति शिक्षामित्र के रूप में 8 जुलाई 2005 को प्राथमिक विद्यालय पटखौली पर हुई थी । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के रूप में समायोजित करने के आदेश के कारण जितेंद्र कुमार पाठक का 23 अप्रैल 2015 को सहायक अध्यापक के रूप में प्राथमिक विद्यालय सराक शिक्षाक्षेत्र दुबहड़ पर तैनाती की गयी । यहां कोई अन्य अध्यापक न होने के कारण इस विद्यालय का वित्तीय प्रभार भी इन्ही के द्वारा संचालित होता रहा । माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज के द्वारा शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक के रूप में समायोजन रद्द किये जाने के बाद से इनको इसी विद्यालय पर 26 जुलाई 2017 को शिक्षामित्र के रूप में तैनाती दी गयी । चूंकि यह विद्यालय एकल शिक्षक/शिक्षामित्र के द्वारा ही संचालित होता है इस लिये सारे वित्तीय लेन देन इनके द्वारा ही संपादित हुए है । श्री पंकज कुमार पाठक की जिलाधिकारी बलिया से की गयी शिकायत के क्रम में खण्ड शिक्षा अधिकारी दुबहड़ बलिया द्वारा जब इनकी जांच की गयी तो वित्तीय वर्ष 2019-20 में इनके द्वारा बच्चो को निःशुल्क वितरित होने वाले स्वेटर में घोटाला किये जाने की बाते सामने आयी है । खण्ड शिक्षा अधिकारी दुबहड़ बलिया ने अपनी जांच रिपोर्ट ( पत्रांक 203/2019-20 दिनांक 17 जनवरी 2020) में साफ लिखा है कि इनके द्वारा 143 छात्रों को स्वेटर बांटने के लिये धनराशि आहरित की गयी है जबकि स्थलीय जांच में मात्र 20 बच्चे ही विद्यालय में उपस्थित पाये गये । यही नही जांच अधिकारी ने यह भी लिखा है कि इस विद्यालय में छात्रों की औसत उपस्थिति भी मात्र 40 ही पायी गयी है । इससे साबित होता है कि इनके द्वारा गलत संख्या दिखलाकर सरकारी धन को आहरित किया गया है, जो गबन है । जांच अधिकारी ने अपनी जांच आख्या में जितेंद्र कुमार पाठक द्वारा अधिक आहरित धनराशि की वसूली किये जाने की अपनी संस्तुति भेजी है ।
  इस जांच रिपोर्ट ने एक बात तो साफ कर दिया है कि जिस आदमी की राशन की दुकान से मुर्दे राशन उठाते रहे हो, उस व्यक्ति के द्वारा बच्चो के स्वेटर मद की धनराशि गबन करना कौन सी बड़ी बात है । अब तो इस जांच रिपोर्ट से यह साबित हो गया है कि यहां 143 बच्चे नही पढ़ते है , फिर अब एक जांच अब मिड डे मील की भी होनी चाहिये,कि कितने दिनों से 143 बच्चो का मिड डे मील बन रहा है ? इसमें ग्राम प्रधान की भी संलिप्तता की जांच जरूरी है क्योंकि अकेले अध्यापक मिड डे मील में घोटाला नही कर सकता है ?



बलिया से बड़ी खबर : मुर्दे भी उठाते है प्रतिमाह राशन की दुकान से चावल व गेहूं ,बलिया डीएसओ की मेहरबानी, मुर्दो की कट रही है खूब चांदी
मधुसूदन सिंह की रिपोर्ट

बलिया 5 नवम्बर 2019 ।। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पात्र गृहस्थी और अंत्योदय कार्ड धारकों को जीवन यापन के लिये सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों से चावल व गेहूं सस्ते दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है । सरकार की मंशा से भी आगे की सोच बलिया के डीएसओ और इनके मातहतों की है जिन्होंने जीवितों के साथ साथ मुर्दो के भी जीवन मे भी खानपान की परेशानी न हो इसका प्रबन्ध ही नही किये है , प्रतिमाह इनके घर स्वर्गलोक तक पहुंचा भी रहे है । बता दे कि ऐसे कारनामो को करने में बलिया के अधिकारियों को काफी अनुभव है । कुछ साल पहले बलिया के प्राथमिक शिक्षा विभाग के द्वारा लगभग ढाई सौ  प्राइवेट प्राथमिक विद्यालयों को मान्यता देकर मंगल ग्रह पर प्राथमिक शिक्षा की अलख जगाने के लिये भेजकर प्रति वर्ष करोड़ो की छात्रवृत्ति दी गयी थी । वही हाल ही में बिना शौचालयों का निर्माण कराये ही बलिया को ओडीएफ घोषित करने का कारनामा यहां के निलम्बित डीपीआरओ साहब कर चुके है । वही वर्तमान डीएसओ साहब पर भी एक राशन की दुकान से प्रतिमाह 55 कुंतल गलत तरीके से अधिक खाद्यान्न निकालने के कारण न्यायालय के आदेश पर एफआईआर दर्ज है , फिर भी साहब अपने खिलाफ जांच को अपने मार्गदर्शन में ही कराने के लिये पद पर जमे हुए है । अब। यह इनके कार्यकाल का दूसरा खुलासा है । यह तो मात्र बानगी भर है , अगर ठीक से जांच हो गयी तो ऐसी एक भी दुकान नही मिलेगी जहां मुर्दो को राशन नही दिया जा रहा है ।
नीचे उदाहरण के लिये दो मुर्दो का मृत्यु प्रमाण पत्र और कोटेदार द्वारा दिये जा रहे राशन के कागजात है । जरा गौर से देखिये ---




  यह मामला ग्राम सभा पटखौली विकासखंड दुबहड़ जनपद बलिया से संबंधित है। यहां पर कमला और रामनारायण दोनों वर्ष 2015 में स्वर्ग सिधार गये है परन्तु विभागीय अधिकारियों और कोटेदार की देखरेख में वर्ष 2015 से आज तक राशन उठा रहे हैं ।दोनों व्यक्ति के नाम से एक एक अंत्योदय कार्ड है और उस कार्ड में परिवार के किसी सदस्य का नाम नहीं है शिवाय इनके। यानी यह दोनों मृतक खुद ही अपना राशन हर महीने उठाते हैं - 35 किलो कमला और 35 किलो रामनारायण यानी 70 किलो अनाज प्रति महीने मुर्दों को दे दिया जाता है, मुर्दे स्वर्ग से आते हैं और राशन लेकर चले जाते हैं। शासन स्तर से भ्रष्टाचार रोकने के लिए बहुत ही प्रयास किया जा रहा है, बहुत सारे लोगों को वेरिफिकेशन के लिए लगाया गया है, जांच पड़ताल के लिए लगाया गया है, पता नहीं कौन सी जांच होती है कि हर महीने मुर्दे को राशन वितरण किया जाता है और उसका सत्यापन उसके अधिकारियों द्वारा कर दिया जाता है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि हर महीने जितना राशन आवंटित होता है उतना बांट दिया जाता है, कभी बचता नहीं है मुर्दे भी ले जाते हैं, यही नही कुछ तो ऐसे है जो नोएडा रहते हैं लेकिन वो लोग भी आकर अपना राशन  ले जाते हैं, जो दिल्ली रहते हैं वह भी राशन अपना लेकर चले जाते हैं। अब योगी जी लाख प्रयास करे कि भ्रष्टाचार रुक जाए , कैसे रुकेगा , जब मुर्दे भी सरकारी अनाज खाकर मस्त है ।