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बलिया जहां भ्रष्टाचार मुक्त नही भ्रष्टाचार युक्त होते है सरकारी कार्य : निर्भया के गांव में निर्भया के नाम की योजनाओं में जमकर हुई लूट, निर्भया के दादा के अनुसार 17 दिन में टूट गयी करोड़ो की लागत से बनी सड़क, अस्पताल बना जंगल

बलिया जहां भ्रष्टाचार मुक्त नही भ्रष्टाचार युक्त होते है सरकारी कार्य : निर्भया के गांव में निर्भया के नाम की योजनाओं में जमकर हुई लूट, निर्भया के दादा के अनुसार 17 दिन में टूट गयी करोड़ो की लागत से बनी सड़क, अस्पताल बना जंगल
मधुसूदन सिंह





बलिया 6 जनवरी 2020 ।। बलिया एक ऐसा जनपद है जहां सरकार किसी भी दल पार्टी हो सरकारी धन की लूट में कोई कमी नही होती है । दिल्ली में निर्भयाकांड और निर्भया की मौत के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा बिटिया के गांव को विकास के रास्ते चलाने के लिये जहां पक्की सड़क की घोषणा की, पढ़ने के लिये प्राथमिक विद्यालय और चिकित्सा के लिये अस्पताल बनवाने की घोषणा ही नही की थी, इस पर काम अमल भी शुरू करा दिया था । अस्पताल की बिल्डिंग भी बनी,प्राथमिक विद्यालय का भी कायाकल्प हुआ , पर आज भी अस्पताल चिकित्सको के न होने के कारण जंगल मे तब्दील हो गया है । तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का बिटिया के गांव आगमन पर विरोध करने वाले तत्कालीन विधायक उपेंद्र तिवारी जी आज सूबे के मंत्री है , इन्ही के नाम का शिलापट्ट लगा कर करोड़ो की लागत से सड़क जिला पंचायत बलिया द्वारा बनवायी गयी है जो मात्र बनने के 17 दिन के अंदर टूट गयी, लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने अब तक इस तरफ कोई कार्यवाही करने की जहमत ही नही उठायी है ।
निर्भया का गांव होने के कारण इस गांव को 230 शौचालय मिले लेकिन बने एक भी नही है । अस्पताल की बिल्डिंग तो खड़ी है लेकिन उसमें बिजली नही है, डॉक्टरों कर्मचारियों के लिये आवास ऐसी हालत में है जिसमे जानवर भी रहना नही चाहेंगे । पानी की टंकी है पर उसमें पानी भरने की कोई व्यवस्था नही, सरकारी आवासों में न शौचालय है न बिजली है । या यूं कहें कि बिटिया के गांव में बिटिया के नाम आये हुए सरकारी धन व योजनाओ में जमकर लूट हुई है । सरकार यहां सुविधाएं देने चली थी लेकिन यहां तो पूरी तरह से अव्यवस्था का ही बोलबाला है । ऐसे में कैसे कह दे कि बलिया में भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का दावा सिर्फ दावा नही है ?






 उत्तर प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था की कहानी बयां करता बलिया के नरही थाना क्षेत्र का मेंड़वरा कला यानी निर्भया  का उपेक्षित व लूटतंत्र का शिकार गांव। बता दे कि  नईदिल्ली में 16 दिसम्बर 2012 में निर्भया के मरने के बाद यह गांव देश की सुर्खियों में आ गया और देश विदेश के मीडिया के लोग इस गांव में पहुँच गए । उस समय इस गांव में पहुंचना आसान नही था । यह गांव जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर स्थित गड्ढो में तब्दील सड़क से मेंड़वरा गांव के लिए जाना कठिन  था ।सुविधा विहीन गांव में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी पहुँचे और गांव में निर्भया के इच्छानुसार गांव के चौमुखी विकास का वादा किया ।
 गांव के विकास के लिए पैसे भी अवमुक्त होने लगे पर विकास उसी चौराहे पर खड़ा होकर नजरें झुकाए आज भी  सिस्टम के कोड़े सहने को मजबूर है । निर्भया को भले ही  8 वर्ष बाद अब न्याय पाने के समय आ गया हो पर गांव के विकास की राहें अभी भी कठिन दिख रही ।
हॉस्पिटल बना आधा अधूरा ,सड़क बनी और टूट गयी ।
1करोड़ की लागत से सीसी रोड बनी पर 17 दिन में टूट गयी । 230 शौचालय मिला पर बना एक भी नही ।
गांव का वह विद्यालय जहाँ कभी निर्भया का बचपना गुजरा वह आज भी  निर्भया के गांव के विकास कि कहानी बयां कर रहा है । पी 0 डब्लू डी ने सड़क बनाई ,स्वास्थ्य विभाग का हॉस्पिटल बना जिलापंचायत ने सी सी रोड बनाया लेकिन ये कार्य लोकार्पण से पहले ही दम तोड़ दिए । लोकार्पण के शिलापट्ट कि धुंधली तस्वीर खुलकर बोल रही हैं ।शिलापट्ट लगाने से पहले ही सच्चाई मिटा दी गयी ।
मैने गांव में निर्भया के दादा लालजी सिंह सेवानिवृत्त शिक्षक से बात कि तो गांव के विकास और भ्रष्टाचार की कहानी बयां किये --