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निर्भया के चारो हत्यारो को फांसी से बचने का क्या अभी भी है कानूनी रास्ता ?

निर्भया के चारो हत्यारो को फांसी से बचने का क्या अभी भी है कानूनी रास्ता ?

नईदिल्ली 7 जनवरी 2020 ।। निर्भया गैंगरेप मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में चारों दोषियों को फांसी की सजा सुना दी है। चारों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी। ऐसे में सवाल उठता है कि उनके पास अब क्या विकल्प बचे हैं। क्या डेथ वॉरंट जारी होने के बाद भी चारों फांसी के फंदे से बच सकते हैं?
कानूनी जानकारों के मुताबिक इस मामले में व्यावहारिक तौर पर अब क्यूरेटिव पिटिशन का रास्ता बंद हो गया है पर निर्भया के चारों गुनहगार दया की अर्जी यानी मर्सी पिटिशन दाखिल कर सकते हैं। संसद पर हमले के दोषी मोहम्मद अफजल के मामले में भी डेथ वॉरंट जारी होने के बाद मर्सी पिटिशन दाखिल की गई थी। इसके बाद डेथ वॉरंट के तामील पर रोक लगा दी गई थी। दया याचिका का निपटारा राष्ट्रपति कितने दिनों में करेंगे इसके लिए कोई तय अवधि नहीं है।
   अफजल गुरु को 20 अक्टूबर 2006 को फांसी दी जानी थी लेकिन अफजल की पत्नी की दया याचिका के बाद उसकी फांसी रोक दी गई थी। फिर 3 फरवरी 2013 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अफजल गुरु की दया याचिका ठुकराई और  9 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल में अफजल गुरु को फांसी दी गई थी। चूंकि, निर्भया के चारों गुनहगारों का डेथ वॉरंट जारी हो चुका है ऐसे में अगर इन लोगों ने दया याचिका दायर नहीं की तो उनको फांसी पर चढ़ाया जाना तय है।