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यूपी में बारिश झमाझम , कहीं खुशी कही गम : मिर्जापुर, प्रयागराज, जौनपुर,वाराणसी में ओले पड़े झमाझम,सैकड़ो एकड़ खेतो में नही हो सकी बुवाई

 बारिश झमाझम , कहीं खुशी कही गम : मिर्जापुर, प्रयागराज, जौनपुर,वाराणसी में ओले पड़े झमाझम,सैकड़ो एकड़ खेतो में नही हो सकी बुवाई


लखनऊ 9 जनवरी 2020 ।। प्रदेश के लखनऊ के आसपास और पूर्वांचल क्षेत्र में मंगलवार को कड़ी धूप के बाद बुधवार को अचानक मौसम ने  करवट बदली और अधिकांश क्षेत्र में झमाझम बारिश होने लगी। इस बारिश से जहां कुछ असिंचित क्षेत्रों की फसलों को फायदा हुआ  तो वही पहले से सिंचाई और खाद दे चुके किसान मायूस हो गए। कुछ जगह जलभराव से फसलें पूरी तरह नष्ट होने की कगार पर हैं तो कुछ जगह अतिवृष्टि से किसानों को भारी नुकसान होने की संभावना है। मिर्जापुर, प्रयागराज, जौनपुर और वाराणसी में जमकर ओले भी पड़े ।
       ज्ञात हो कि सूबे के लखनऊ , मिर्जापुर, प्रयागराज, जौनपुर,वाराणसी और इन जनपदों के आसपास के जनपदों में दो दिन पहले तक कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। गलन इतनी ज्यादा रहती थी कि जिला प्रशासन को स्कूल कालेजों में लंबी छुट्टी करनी पड़ी थी। धीरे धीरे मौसम का मिजाज कुछ गरम हुआ और सोमवार व मंगलवार को कड़ी धूप निकल आई। ठंड की मार झेल रहे लोगों ने धूप और बढ़े तापमान से कुछ राहत की सांस ली ही थी कि अचानक बुधवार की सुबह आसमान में काले काले बादल छा गए। देखते ही देखते पूरे इलाके में झमाझम बारिश होने लगी। एक पखवाड़े पहले भी इसी तरह की बारिश और ओले पड़े थे जिससे किसानों की फसलों को बहुत नुकसान हुआ था, लेकिन सरकार की तरफ से अभी किसानों के हुए इस नुकसान के लिये कोई सहायता की पहल भी नही हुई थी कि मंगलवार रात से मौसम ने करवट बदलते हुए बारिश के साथ ओले बरसा कर बचे हुए किसानों की भी कमर तोड़ दी ।
   
   हाल ही में जिन किसानों ने अपनी फसलों को सींचकर खाद दिया था उनके माथे पर चिंता की लकीरें साफ़ नजर आईं।  कुछ किसानों ने बताया कि बरसात के कारण हमारी पूरी बुवाई भी नही हो पाई थी। जो हुई भी थी, पिछली बरसात के कारण बिजमरी हो गई थी। मटियार पहले से गीला था अब बरसात के कारण इन जनपदों के हजारो गावो में अभी भूमि गीली होने के कारण  बुवाई नहीं हुई कि फिर बारिश शुरू हो गई। जिन जमीनों  में चना, मसूर आदि तिलहन फसल की बुवाई हुई थी उसमें पानी भर जाने से वह सड़ गई। स्थित यह है कि इस वर्ष इंसान के साथ पशुओं के चारा की समस्या पैदा हो गई है। अब इन जनपदों के प्रभावित किसानों ने अपने अपने जिलाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कर फसल नुकसानी का सही सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है।