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लखनऊ :एएनएमएस सॉफ्टवेयर लगा रहा रेलवे की सुरक्षा में सेंध , लगा रहा है करोड़ो की चपत

लखनऊ :एएनएमएस सॉफ्टवेयर लगा रहा रेलवे की सुरक्षा में सेंध , लगा रहा है करोड़ो की चपत
ए कुमार

लखनऊ 24 जनवरी 2020 ।।  बाहरी सॉफ्टवेयर इंजीनियर आइआरसीटीसी की वेबसाइट में जो करना चाहते हैं, वह आसानी से कर रहे हैं। वहीं, रेलवे के काबिल इंजीनियरो की फौज हैकरों के सामने बेबस नजर आ रही है। अब नए साफ्टवेयर का नाम सामने आया है जिसके जरिये टिकट बनाने वाले दलाल बिना कैप्चा कोड और बैंक ओटीपी को बाईपास करके दस सेकेंड के भीतर टिकट बना रहे हैं। एक मिनट में छह लैपटॉप से यह सॉफ्टवेयर कनेक्ट करके छह टिकट निकाले जा सकते हैं। कह सकते हैं कि एक मिनट में करीब 36 टिकट। ऐसे में रेलवे काउंटरों पर तत्काल टिकट के लिए घंटों खड़े होने वाले यात्री अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं और जालसाज बेखौफ होकर विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर से टिकट बना कर फर्जीवाड़ा कर अपनी जेबें गर्म करते हैं और इतना ही नहीं वे रेलवे को नुकसान पहुंचा रहे हैं।चेन्नई में पकड़े गए युवक ने खुलासा करते हुए बताया कि एएनएमएस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हो रहा है। इस सॉफ्टवेयर को 2600 रुपये में ऑनलाइन बेचा जा
रहा है । जांच टीमों ने लखनऊ सहित कई जिलों में ऐसे दलाल पकड़े, जो ओटीपी व कैप्चा को बाईपास करके टिकट बनाने का गोरखधंधा कर रहे थे। आरपीएफ के मुताबिक आइआरसीटीसी के होम पेज पर बैंक डिटेल और यात्री की जानकारी पहले ही भर दी जाती है।पिछले एक साल में 286 फर्जी परिचय पत्र पकड़े गए। करीब 1.42 करोड़ रुपये की लागत के टिकट जब्त हुए और 19 दलालों को जेल की हवा खानी पड़ी। हालांकि आइआरसीटीसी व आरपीएफ द्वारा प्रतिबंधित साफ्टवेयर एएनएमएस और मिर्ची सहित कई साफ्टवेयर अब भी सक्रिय हैं।