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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने देवरिया के डीएम को किया तलब, गरीब महिला को रास्ता न दिलवाना बना कारण

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने देवरिया के डीएम को किया तलब, गरीब महिला को रास्ता न दिलवाना बना कारण
कुलदीपक पाठक

देवरिया 14 जनवरी 2020 ।।राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के निर्देश के बाद भी एक गरीब विधवा को मकान तक रास्ता नहीं दिलाने पर जिलाधिकारी को 28 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।

गौरी बाजार के रामपुर नवकी बाजार निवासी भगवानी देवी को वर्षो पूर्व इंदिरा आवास मिला। लेकिन आवास तक रास्ता न होने से उसे मेड़ों और पगडंडी से होकर जाना पड़ता। वर्ष 2012 में एक व्यक्ति ने इनके घर के सामने वाली जमीन खरीद लिया और डीह की जो जमीन रास्ते की थी उस पर कब्जा कर लिया। इससे भगवानी के परिवार के आने-जाने का रास्ता बंद हो गया। वर्ष 2013 में कानून पीड़ित न्याय मंच के फाउंडर शमीम इकबाल और सचिव अविनाश कुमार सिंह ने पीड़ित परिवार की तरफ से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में तथ्यों के साथ याचिका दाखिल की। इसमें कहा कि रास्ते का अधिकार सुखाधिकार है और संविधान के अनु. 21 के तहत मर्यादापूर्ण जीवन जीने का अधिकार है। रास्ता बंद होने से परिवार जल जमाव, गंदगी के बीच रहने को मजबूर है। इस पर आयोग ने डीएम से रिपोर्ट मांगी। डीएम ने रिपोर्ट में कहा कि रास्ता दिलाना संभव नहीं हैं। इस पर आयोग ने जांच में पाया कि यह मामला संविधान के अनुच्छेद 21 का उलंघन है और रास्ते पर कब्जा करना शासन की उदासीनता व उपेक्षा का नतीजा है। आयोग ने महिला को दूसरी जगह भूमि आवंटित करने और मकान बनाने को आर्थिक मदद देने का निर्देश दिया। लेकिन आयोग के निर्देशों का पालन नहीं किया। इस पर आयोग ने 28 जनवरी को जिलाधिकारी को तलब किया है। आयोग ने अपनी नोटिस में कहा है कि निर्देश का अनुपालन नहीं करने पर सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 16 के नियम 10 और 12 के तहत कार्रवाई की जायेगी।