गणित के आसान सवाल का उत्तर नहीं दे पाए गुरु जी लोग ,छात्र ने दिया जबाब तो डीएम बलिया ने दिया इनाम
गणित के आसान सवाल का उत्तर नहीं दे पाए गुरु जी लोग ,छात्र ने दिया जबाब तो डीएम बलिया ने दिया इनाम
उच्च प्राथमिक विद्यालय, दुबहड़ का जिलाधिकारी ने किया औचक निरीक्षण
बलिया 28 जनवरी 2020: गंगा किनारे गांवों में लगे कैम्प का निरीक्षण करने पहंचे जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने उच्च प्राथमिक विद्यालय दुबहड़ का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने गणित विषय से एक भिन्न का सवाल हल करने को कहा, जिसे विद्यालय के तीन अध्यापक मिलकर भी नहीं कर पाए। खास बात तो यह रही उस सवाल को उसी कक्षा के एक छात्र ने हल कर डाला। जिलाधिकारी ने उस छात्र की पीठ थपथपाई और उसे पुरस्कृत भी किया। वहीं, अध्यापकों के साथ प्रधानाध्यापक को भी कडे शब्दों में चेतावनी दी। कहा, बच्चों को इसी उम्र में गणित, विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषय के बारे में मिला ज्ञान ताउम्र याद रहता है। अध्यापक गण इसका ख्याल रखें।
उप्रा विद्यालय में पहुंचने के बाद जिलाधिकारी ने पहले तो बच्चों से खूब बातचीत की। फिर पठन-पाठन पर चर्चा की। इसके बाद गणित के भिन्न के एक सवाल हल करने के लिए बच्चों से कहा। बच्चों की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने एक अध्यापिका से सवाल का हल कर बच्चों को समझाने को कहा। लेकिन अध्यापिका भी हल नहीं कर सकी। वहां मौजूद एक और अध्यापक ने कोशिश की, पर सफल नहीं हुए। बगल के भड़सर प्रावि की अध्यापिका संध्या ने उस सवाल को हल किया। इस पर जिलाधिकारी ने अध्यापकों से कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। अगर कोई टॉपिक नहीं आता है तो अपने सहयोगी अध्यापकों से सीख सकते हैं।
दुलार-प्यार से पढ़ाया तो बच्चे हुए खुश
- निरीक्षण के दौरान काफी देर तक तो बच्चे जिलाधिकारी को पहचान नहीं पाए, पर जब उनको पता चला तो बड़े खुश हुए। उसके बाद तो जिलाधिकारी के हर सवाल को लेकर उत्साहित दिखे। जिलाधिकारी ने भी न सिर्फ बच्चों से सवाल किया, बल्कि उनको हल करने के तरह-तरह के तरीके भी समझाए। उन्होंने बच्चों से कहा कि किसी भी सवाल को तब तक पूछें, जब तक कि समझ में ना आ जाए। अध्यापकों को भी पढ़ाने के तरीके समझाए।
बच्चों संग खाया एमडीएम
— उप्रावि दुबहड़ के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने एमडीएम की गुणवत्ता जांची। उन्होंने एमडीएम का भोजन मांगकर बच्चों के साथ खाया। विद्यालय के सभी अध्यापक व सभी स्कूली बच्चे डीएम के साथ भोजन कर काफी उत्साहित दिखे। एमडीएम की गुणवत्ता पर संतोष जाहिर किया।
बीआरसी का किया निरीक्षण
दुबहड बीआरसी परिसर में पहुंचे जिलाधिकारी ने बीआरसी का भी निरीक्षण किया। वहां खण्ड शिक्षा अधिकारी के नहीं होने पर कारण पूछा और बीईओ मोतीचंद चौरसिया से फोन पर बात की। बाँसडीह में उपस्थित रहने की बात पर डीएम ने कहा कि दो ब्लॉक का चार्ज है तो रोस्टर बना लें। दीवाल पर लिखवाएं कि किस दिन कहाँ बैठेंगे। कड़े शब्दों में कहा कि बीआरसी परिसर में सरकार की योजनाओं से सम्बंधित कैम्प लगा है तो यहां रहना चाहिए।
उच्च प्राथमिक विद्यालय, दुबहड़ का जिलाधिकारी ने किया औचक निरीक्षण
बलिया 28 जनवरी 2020: गंगा किनारे गांवों में लगे कैम्प का निरीक्षण करने पहंचे जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने उच्च प्राथमिक विद्यालय दुबहड़ का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने गणित विषय से एक भिन्न का सवाल हल करने को कहा, जिसे विद्यालय के तीन अध्यापक मिलकर भी नहीं कर पाए। खास बात तो यह रही उस सवाल को उसी कक्षा के एक छात्र ने हल कर डाला। जिलाधिकारी ने उस छात्र की पीठ थपथपाई और उसे पुरस्कृत भी किया। वहीं, अध्यापकों के साथ प्रधानाध्यापक को भी कडे शब्दों में चेतावनी दी। कहा, बच्चों को इसी उम्र में गणित, विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषय के बारे में मिला ज्ञान ताउम्र याद रहता है। अध्यापक गण इसका ख्याल रखें।
उप्रा विद्यालय में पहुंचने के बाद जिलाधिकारी ने पहले तो बच्चों से खूब बातचीत की। फिर पठन-पाठन पर चर्चा की। इसके बाद गणित के भिन्न के एक सवाल हल करने के लिए बच्चों से कहा। बच्चों की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने एक अध्यापिका से सवाल का हल कर बच्चों को समझाने को कहा। लेकिन अध्यापिका भी हल नहीं कर सकी। वहां मौजूद एक और अध्यापक ने कोशिश की, पर सफल नहीं हुए। बगल के भड़सर प्रावि की अध्यापिका संध्या ने उस सवाल को हल किया। इस पर जिलाधिकारी ने अध्यापकों से कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। अगर कोई टॉपिक नहीं आता है तो अपने सहयोगी अध्यापकों से सीख सकते हैं।
दुलार-प्यार से पढ़ाया तो बच्चे हुए खुश
- निरीक्षण के दौरान काफी देर तक तो बच्चे जिलाधिकारी को पहचान नहीं पाए, पर जब उनको पता चला तो बड़े खुश हुए। उसके बाद तो जिलाधिकारी के हर सवाल को लेकर उत्साहित दिखे। जिलाधिकारी ने भी न सिर्फ बच्चों से सवाल किया, बल्कि उनको हल करने के तरह-तरह के तरीके भी समझाए। उन्होंने बच्चों से कहा कि किसी भी सवाल को तब तक पूछें, जब तक कि समझ में ना आ जाए। अध्यापकों को भी पढ़ाने के तरीके समझाए।
बच्चों संग खाया एमडीएम
— उप्रावि दुबहड़ के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने एमडीएम की गुणवत्ता जांची। उन्होंने एमडीएम का भोजन मांगकर बच्चों के साथ खाया। विद्यालय के सभी अध्यापक व सभी स्कूली बच्चे डीएम के साथ भोजन कर काफी उत्साहित दिखे। एमडीएम की गुणवत्ता पर संतोष जाहिर किया।
बीआरसी का किया निरीक्षण
दुबहड बीआरसी परिसर में पहुंचे जिलाधिकारी ने बीआरसी का भी निरीक्षण किया। वहां खण्ड शिक्षा अधिकारी के नहीं होने पर कारण पूछा और बीईओ मोतीचंद चौरसिया से फोन पर बात की। बाँसडीह में उपस्थित रहने की बात पर डीएम ने कहा कि दो ब्लॉक का चार्ज है तो रोस्टर बना लें। दीवाल पर लिखवाएं कि किस दिन कहाँ बैठेंगे। कड़े शब्दों में कहा कि बीआरसी परिसर में सरकार की योजनाओं से सम्बंधित कैम्प लगा है तो यहां रहना चाहिए।