बलिया : मनुष्यता के पक्ष में जब कोई नही बोलता तब कवि की बोलती है कविताएं : प्रो यशवंत सिंह
मनुष्यता के पक्ष में जब कोई नही बोलता तब कवि की बोलती है कविताएं : प्रो यशवंत सिंह
बलिया 3 जनवरी 2020 ।। कविता हमेशा मनुष्यता के पक्ष में खड़ी होती है। जब आप के पक्ष से कोई नहीं बोलता कविता बोलती है। मानवीय संवेदना को बचाए रखने के लिए जरूरी है कि हम कविता से जुड़ें। कविता का मतलब सिर्फ कविता नहीं बल्कि संपूर्ण साहित्य से है। उक्त बातें वरिष्ठ कवि और साहित्यकार प्रोफेसर यशवंत सिंह ने काव्य पाठ एवं परिचर्चा कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कही । संकल्प साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था बलिया द्वारा शुक्रवार को दिन में अमृत पाली स्थित अमृत पब्लिक स्कूल में संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत काव्य पाठ एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में हिंदी जगत के दो युवा हस्ताक्षर कवि श्री अदनान कफ़ील दरवेश और श्री संदीप कुमार का काव्य पाठ हुआ और फिर इन कवियों की कविताओं पर केंद्रित परिचर्चा हुई। परिचर्चा को आगे बढ़ाते हुए प्रोफेसर यशवंत सिंह ने कहा कि अदनान की कविताओं में गहरी संवेदना है वर्तमान सामाजिक राजनीतिक विडम्बना को केंद्र में रखकर लिखी गई इनकी कविताएं बेहतर समाज बनाने की दिशा में एक जरूरी पहल है । वही संदीप कुमार की कविताएं आक्रामक तेवर के साथ इस सामाजिक और राजनीतिक विडम्बना पर आघात करती हैं। परिचर्चा में भाग लेते हुए टीडी कालेज हिंदी विभाग के प्रवक्ता डा० जैनेन्द्र पांण्डेय ने कहा कि कविता को सिर्फ एक ही कसौटी पर कसा जा सकता है और वो यह कि कविता मनुष्यता के पक्ष में किस तरह से खड़ी होती है। उन्होंने कहा कि कविता मनुष्य की मातृभाषा है श्री पांण्डेय ने कहा की इस कसौटी पर संदीप की कविताएं व्यापक कैनवास पर लिखी गई है। आम जनता की आवाज बनकर खड़ी होती है। वहीं अदनान की कविताओं में सामाजिक राजनीतिक अंतर्द्वंद है। और हाशिए के समाज की चिंता को व्यक्त करती हैं। अजय पाण्डेय ने कहा कि दोनों कवियों की कविताएं राजनीतिक चेतना से लैश हैं । अशोकजी ने कहा अदनान की कविताएं आधी आबादी के पक्ष में खड़ी होती है और गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल कायम करती हैं। वही संदीप कुमार की कविताएं विडम्बना से भरे वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था पर चोट करती हैं। श्री रामजी तिवारी ने कवियों का परिचय कराते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि इतने महत्वपूर्ण कवि बलिया में पैदा हुए हैं।
अदनान कफील दरवेश ने किबला , मेरी दुनिया के तमाम बच्चे, अपने गांव को याद करते हुए ,बांसवाड़ा, ठिठकते लैंपोस्ट, पुन्ंनु मिस्त्री, 1992 , बारिश में एक पाव का जूता, और प्रथम मिलन समेत 20 कविताओं का पाठ किया जबकि संदीप कुमार ने नियति, अ मेट्रो पॉइंट एंड विकेट ,छोटे शहर के बेरोजगार, सब कुछ खर्च ,गुमशुदा चीजों के लिए शोकगीत जैसे 20 कविताओं का पाठ किया।
बता दे कि अदनान कफील गड़वार के रहने वाले हैं जबकि हल्दी नन्द पुर के रहने वाले संदीप कुमार कविता के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम कर रहे हैं । उन्होंने दोनों कवियों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी।इस अवसर पर डॉ गणेश पाठक श्री शशि प्रेम देव , डा०अशोक कंचन जमालपुरी कवि शिवजी पाण्डेय रसराज, डॉ कादम्बिनी सिंह श्वेतांक, मोहन जी श्रीवास्तव, आनंद कुमार चौहान ,अरजुन गोविंदा , रोहित, राहुल, सोनी इतिहास सैकड़ों लोग उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन संकल्प के सचिव रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने किया जबकि आभार व्यक्त संजय मौर्य ने किया।