प्रयागराज : कण कण मे भक्त को दिखते हैं गोविंद :डॉ रामेश्वर प्रपन्नाचार्य शास्त्री जी महाराज
कण कण मे भक्त को दिखते हैं गोविंद :डॉ रामेश्वर प्रपन्नाचार्य शास्त्री जी महाराज
प्रयागराज 25 जनवरी 2020 ।। श्री देवराहा बाबा सेवाश्रम शिविर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन
कथावाचक स्वामी डॉ रामेश्वर प्रपन्नाचार्य शास्त्री जी ने कहा कि कण-कण में भक्तों को गोविंद भगवान के दर्शन होते हैं निरसा-भगवान का भजन करने से परमानन्द की अनुभूति होती है।प्रभु के भक्त मे इतनी शक्ति है कि प्रभु को अपने भक्तों से मिलने आना ही पड़ता है। जड़ चेतन मे गोविंद आज भी दिखता है जिसे श्रद्धा और समर्पण के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।
धर्म अर्थ काम मोक्ष मे प्रथम स्थान धर्म का है।भक्तों ने सदैव भगवद् नाम का आश्रय एवं नाम का प्रचार प्रसार करके धर्म की पताका फहराई है।आज जिस प्रकार धरातलमे भौतिकता बढ़ रही है ऐसे समय मे हरिनाम संकीर्तन तथा श्रीमद्भागवत के श्रवण से ही मन शुद्ध हो सकता है ,मनुष्य को मुक्तिप्राप्त करने के लिए प्रभु का भजन ही एक मात्र उपाय है।
उक्त उद्गार ज्योतिषाचार्य डॉक्टर रामेश्वर प्रपन्नाचार्य शास्त्री जी महाराज ने शिविर मे चल रहे श्रीमद्भागवत सप्ताह मे भक्तों को संम्बोधित करते हुए कहा कि मनु पुत्र ,उत्तानपाद ने सुरुचि एवं सुनीति से विवाह किया था ,जो क्रमश: कुमति और सुमति की परिचायक हैं,इसीलिये सुनीति भगवान के भक्त ध्रुव को पुत्र रूप मे जन्म देकर हरि भक्ति का मार्ग बताया। अर्थात जहाँ प्रेम है प्रभू वहीं प्रगट हो जाते हैं। हम यदि मन को एकाग्र कर भगवान का स्मरण करेंगे तो वह हमारे पास दौडते चले आएगें। श्रीमद् भागवत कथा में प्रतिदिन हजारों श्रोताओं की भीड़ उमड़ रही है ।