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वाराणसी : सी.एम.ई.- 2020 (सतत चिकित्सा शिक्षा /Continuing Medical Education) प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

वाराणसी : सी.एम.ई.- 2020  (सतत चिकित्सा शिक्षा /Continuing Medical Education) प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन




वाराणसी;01 फरवरी 2020 ;पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल चिकित्सालय के तत्वाधान एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ० महेंद्र सिंह नबियाल की अध्यक्षता में पूर्वोत्तर रेलवे अधिकारी क्लब , लहरतारा पर आज दिनांक 01.02.2020 को पूर्वाह्न से सी.एम.ई.- 2020  (सतत चिकित्सा शिक्षा /Continuing Medical Education) प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
जिसका विधिवत उदघाट्न मुख्य अतिथि मंडल रेल प्रबंधक श्री विजय कुमार पंजियार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया । इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) श्री एस. पी.एस. यादव ,मंडलीय शाखाधिकारी समेत सभी चिकित्साधिकारी तथा डीरेका एवं पी डी डी यू के केंद्रीय चिकित्सालयों के 40 डेलीगेट्स उपस्थित थे ।
 सी.एम.ई. में मुख्य वक्ताओं के रूप में प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ०अजय पाण्डेय ने  लाइफस्टाइल मोडिफिकेशन के मध्यम से हृदय रोग से बचाव विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला । उन्होंने हृदय रोग एवं डाइबिटीज के कारक के रूप में मनोवैज्ञानिक वजहों पर प्रकाश डालते हुए इसके रोगियों  पर ध्यान,योग एवं मंत्र ध्वनियों का भी बहुत  पॉजीटिव प्रभावों के विषय मे बताया  , अमेरिकी कार्डियो एजेंसी ने तो इसे कारगर माना है और हृदय रोगियों के लिए इसे अनिवार्य कर दिया है । इसके अतिरिक्त उन्होंने  तम्बाकू का सेवन को भी डाइबटीज व हृदय रोगियों के लिए बहुत खतरनाक माना है औऱ बताया कि इसे प्रतिबंधित करने के लिए बहुत से पश्चिमी देशों ने हार्ट सर्जरी के छः माह पहले तम्बाकू सेवन छोड़ना अनिवार्य कर दिया है । उक्त तथ्यों के बाद भी जीवन शैली में सुधार और उचित व्यायाम से डाइबीटिज पर काबू पाया जा सकता है।
इसके पश्चात वक्ता के रूप में पूर्वोत्तर रेलवे के सहायक चिकित्सा अधीक्षक पद से सेवानिवृत्त डॉ०एस. एन. राय गुर्दा रोग(डायबिटीज) की रोकथाम और बचाव विषय पर विस्तृत जानकारियां दी तथा डाइबटीज को परिभाषित किया । उन्होंने विभिन्न प्रकार के डाइबीटीज और उसके प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया तथा डाइबीटिज के वैश्विक और राष्ट्र पर पड़ने वाले प्रभावों पर प्रकाश डाला । उन्होंने डाइबीटिज के विस्तार को रोकने और इससे जूझ रहे लोगों के लिए व्यापक उपाय बताए । पहला जीवन चर्या में सुधार, दूसरा पौष्टिक भोजन का सेवन खान पान में सुधार,तीसरा दवाओं का समयबद्ध  सेवन कर सार्थक परिणाम प्राप्त कर सकते है ।
इसके पश्चात डॉ०इन्द्रनील बसु MD/medicine BHU & PGCDC/Boston unv. ने अपने वक्तव्य में डाइबीटिज के लिए लगने वाले इन्सुलिन इंजेक्शन के बारे में फैली अफवाहों का खंडन किया और बताया कि डाइबीटिज के प्रथम चरण में रोगी इन्सुलिन नहीं लेना चाहता है और दवाएँ लेता है जिसका लंबे समय तक सेवन करने पर अलग अलग साइड इफेक्ट पड़ते हैं। उन्होंने डाइबीटिज की परम्परागत दवाओं के अतिरिक्त नई दवाओं की विस्तृत जानकारी दी साथ ही इन्सुलिन के नए अविष्कारों यथा ब्रीथ इन्हेलर और स्किन इंजेक्टर के बारे में भी विस्तार से बताया । उन्होंने एडवांस दवाओं डी. पी.पी.4 inhabitor & SGLT2 inhabitor दवाओं की कार्यविधी बताई और डाइबीटिज के रोगियों को रिकमेंड किया ।
इसके अतिरिक्त मंडल चिकित्सालय वाराणसी के वरिष्ठ मंडल  चिकित्साधिकारी डॉ० नीरज कुमार ने नगरीय जीवन और तेज रफ्तार जिंदगी से आम आदमी को  होने वाले तनावों और उसके दुष्प्रभावों के कारण डाइबीटिज और हृदय रोगियों की संख्या बढ़ने की बात की । उन्होंने भाग दौड़ की जिंदगी में  दुःख, अनिद्रा और काम के बोझ से तनाव स्ट्रेस और स्ट्रेस मैनेजमेंट पर विस्तार से प्रकाश डाला और इससे बचने के लिए व्यापक सुझाव दिए । 
तदुपरांत वरिष्ठ मंडल चिकित्साधिकारी डॉ० त्रिभुवन गुप्ता ने मधुमेह के कारण गुर्दा रोग होने की विभिन्न कारणों पर प्रकाश डालते हुए मधुमेह में गुर्दे को बचाने के उपायों पर विस्तृत व्यख्यान दिया । उन्होंने क्रोनिकल किडनी डिजिसेस में डाइबीटिज की भूमिका और उसके प्रबंधन पर व्यख्यान दिया साथ ही मधुमेह कारण होने वाले एक्यूट किडनी इंजरी तथा सीरम क्रेटनीन एवं मूत्रमार्ग में होने वाले अवरोध पर भी प्रकाश डाला ।
इसी क्रम में  वरिष्ठ मंडल चिकित्साधिकारी डॉ०एस. एन. बरनवाल ने मधुमेह के कारण आंखों में होने वाली समस्याओं पर विस्तार से प्रकाश डाला । उन्होंने बताया डाइबीटिज के कारण आँखों के रेटिना और उसकी तंत्रिकाओं पर गहरा प्रभाव पड़ता है जो समय से इलाज न होने पर ब्लाइंड भी बना सकता है ।उन्होंने मधुमेह के कारण आँखों पर भयावह असर से बचने के व्यापक उपाय बताया ।
इस क्रम में अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ० आर.आर.सिंह ने बच्चों पर डाइबीटिज के प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बच्चों में टाइप 1 डाइबीटिज ही होता है जो बहुत रेयर है । बहुत कम बच्चों में यह रोग पाया गया है और इन्सुलिन देकर इसे नियंत्रित किया जाता है । उन्होंने बच्चों को अच्छी आदतें जैसे नियमित जीवनचर्या , नियमित व्यायाम और जंक फूड के स्थान पर पौष्टिक भोजन करने पर बल दिया । उन्होंने बताया संयमित जीवन शैली अपना कर मधुमेह के साथ सामान्य जीवन जिया जा सकता है ।
इसके उपरान्त  सी.एम.ई. में भाग लेने वाले चिकित्सकों  को नवीनतम उपचार तकनीकी एवं नवीनतम औषधियों (मेडिसिन व फार्मक्यूटकिल) से भिज्ञ कराने के लिए वैज्ञानिक सत्र का आयोजन किया गया जिसमें पंडित दिन दयाल उपाध्याय केंद्रीय चिकित्सालय एवं डीजल लोको मोटिव कारखाना
के चिकित्सकों ने भी भाग लिया  । सी.एम.ई. का संचालन अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ० आर.आर.सिंह ने एवं धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ मंडल चिकित्साधिकारी डॉ०नीरज कुमार ने किया ।