नईदिल्ली : 24 घण्टे बाद चुनाव आयोग ने जारी किया वोटिंग प्रतिशत,लोगों ने कहा- कोई साजिश तो नही ?
नईदिल्ली : 24 घण्टे बाद चुनाव आयोग ने जारी किया वोटिंग प्रतिशत,लोगों ने कहा- कोई साजिश तो नही ?
ए कुमार
नईदिल्ली 10 फरवरी 2020 ।। चुनाव आयोग ने आज शाम बताया कि 8 फरवरी को हुए दिल्ली चुनाव में 62. 59 फीसदी वोट पड़े। यह पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़े से करीब 5 फीसदी कम है।यह बताने में आयोग को 24 घंटे से भी ज़्यादसोचने की बात है कि हमारे देश में ऐसा चुनाव आयोग है जो मतदान के 24 घंटे बाद तक यह आंकड़ा नहीं बता पाता कि कितने वोट पड़े। ऐसी संस्था की स्वायत्तता और काबिलियत पर संदेह क्यों न किया जाए? केंद्र में बीजेपी की सरकार आने के बाद से चुनाव आयोग की साख लगातार घटी है। ईवीएम से चुनाव कराने के बावजूद छोटे राज्यों में भी नतीजे आने में कितनी देर लगती है यह सबने देखा है। फिर मशीन का फायदा क्या ? टेक्नोलॉजी बेकार है या आयोग पर केंद्र में सत्ताधारी पार्टी का ज़बरदस्त दबाव है?
यह सारे सवाल निस्संदेह केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी के चाल, चरित्र और चेहरे से भी जुड़े हैं। बीजेपी अपने मक़सद को लेकर किस क़दर खूंख़ार है और चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती है, यह हम पहले भी देख चुके हैं। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी कल एक्ज़िट पोल के तमाम आंकड़ों के बीच दावा कर रहे थे कि सब सर्वे ग़लत साबित होंगे और सरकार बीजेपी की ही बनेगी। मनोज तिवारी ने 48 सीटों की भविष्यवाणी भी की थी।
सवाल यह भी उठना चाहिए कि यह सब दबाव बनाने या हवा बनाने के लिए किया जा रहा है या इसके पीछे कोई सोचा-समझा पूर्व-निर्धारित गणित है...!
ए कुमार
नईदिल्ली 10 फरवरी 2020 ।। चुनाव आयोग ने आज शाम बताया कि 8 फरवरी को हुए दिल्ली चुनाव में 62. 59 फीसदी वोट पड़े। यह पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़े से करीब 5 फीसदी कम है।यह बताने में आयोग को 24 घंटे से भी ज़्यादसोचने की बात है कि हमारे देश में ऐसा चुनाव आयोग है जो मतदान के 24 घंटे बाद तक यह आंकड़ा नहीं बता पाता कि कितने वोट पड़े। ऐसी संस्था की स्वायत्तता और काबिलियत पर संदेह क्यों न किया जाए? केंद्र में बीजेपी की सरकार आने के बाद से चुनाव आयोग की साख लगातार घटी है। ईवीएम से चुनाव कराने के बावजूद छोटे राज्यों में भी नतीजे आने में कितनी देर लगती है यह सबने देखा है। फिर मशीन का फायदा क्या ? टेक्नोलॉजी बेकार है या आयोग पर केंद्र में सत्ताधारी पार्टी का ज़बरदस्त दबाव है?
यह सारे सवाल निस्संदेह केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी के चाल, चरित्र और चेहरे से भी जुड़े हैं। बीजेपी अपने मक़सद को लेकर किस क़दर खूंख़ार है और चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती है, यह हम पहले भी देख चुके हैं। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी कल एक्ज़िट पोल के तमाम आंकड़ों के बीच दावा कर रहे थे कि सब सर्वे ग़लत साबित होंगे और सरकार बीजेपी की ही बनेगी। मनोज तिवारी ने 48 सीटों की भविष्यवाणी भी की थी।
सवाल यह भी उठना चाहिए कि यह सब दबाव बनाने या हवा बनाने के लिए किया जा रहा है या इसके पीछे कोई सोचा-समझा पूर्व-निर्धारित गणित है...!