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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया भारत के वित्तीय इतिहास में पहली बार दो विकल्पों वाली टैक्स व्यवस्था का प्रस्ताव

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया भारत के वित्तीय इतिहास में  पहली बार दो विकल्पों वाली टैक्स व्यवस्था का प्रस्ताव

नईदिल्ली 1 फरवरी 2020 ।। यानी करदाता चाहें तो पिछले वित्तीय वर्ष के टैक्स स्लैब और कर छूट के साथ साल 2020-21 के लिए रिटर्न दाखिल कर सकते हैं या फिर बिना किसी कर छूट के नए टैक्स स्लैब के तहत भी कर दे सकते हैं.
इसके साथ ही निर्मला सीतारमण ने कहा, "हम एक टैक्सपेयर चार्टर बनाएंगे, जिसे क़ानूनी कवच दिया जाएगा. हमारी सरकार करदाताओं को भरोसा दिलाना चाहती है कि हम उनका किसी भी तरह से उत्पीड़न नहीं होने देंगे."
मुंबई का स्टॉक एक्सचेंज शनिवार को बंद रहता है मगर आज बजट के मौक़े पर कारोबार हो रहा है. इससे पहले साल 2015 में शनिवार के दिन बजट पेश किया गया था और तब भी शेयर बाज़ार ख़ुला था.
वित्त मंत्री ने ज़ोर देते हुए कहा कि नर्सों, पैरामेडिकल स्टॉफ़ की देश में काफ़ी माँग है, उनका कौशल सुधारने के लिए एक ब्रिज कोर्स शुरू किया जाएगा, विदेशी भाषाओं को भी इसमें शामिल किया जाएगा.

सीतारमण ने बड़ी घोषणा की है. अर्फोडेबल हाउसिंग स्‍कीम में लोगों को मिलने वाली डेढ़ लाख तक की छूट एक साल के लिए बढ़ा दी है. यह छूट मार्च 2021 तक बढ़ा दी गई है. 

नई दिल्ली 1 फरवरी 2020: नया घर खरीदने वालों के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी घोषणा की है. अर्फोडेबल हाउसिंग स्‍कीम में लोगों को मिलने वाली डेढ़ लाख तक की छूट एक साल के लिए बढ़ा दी है. 
वित्त मंत्री ने बजट में घोषणा की है कि अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम मार्च 2021 तक लागू रहेगी. यानी अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम का दायरा एक साल बढ़ा दिया गया है. सस्ते मकान की खरीद के लिए 1,50,000 रुपये तक अतिरिक्त कटौती को एक साल और बढ़ाने का प्रस्ताव है.
LIC में अपनी हिस्सेदारी बेेचेगी सरकार
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में सरकार आईपीओ के जरिए अपनी हिस्सेदारी कम करेगी। वित्तमंत्री ने लोकसभा में आम बजट 2020-21 पेश करते हुए कहा, "सरकार एलआईसी को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करेगी।"
हाल के दिनों में यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफर) हो सकता है। सरकार अगले वित्त वर्ष के आरंभ में अप्रैल में एलआईसी को सूचीबद्ध करेगी। एलआईसी को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करने का यह फैसला सरकार का राजस्व बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
एक अधिकारी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 18,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम जुटाने की उम्मीद नहीं है। एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी को सूचीबद्ध करना कठिन हो सकता है, क्योंकि इसका बड़ा निवेश रियल स्टेट, आर्ट व इक्विटी मार्केट में है, जिसके मूल्य निर्धारण में समय लग सकता है। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी का सरप्लस 2018-19 में 9.9 फीसदी बढ़कर 532.14 अरब रुपये हो गया। यह पहला मौका था जब एलआईसी का सरप्लस 500 अरब रुपये के स्तर को पार कर गया।