दिल्ली में हो रही हिंसा पर गृह मंत्री की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न, सीएम केजरीवाल ने कहा-शांति बहाल कराना सभी दलों की जिम्मेदारी
नईदिल्ली 25 फरवरी 2020 ।।नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन और विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा के बाद राष्ट्रीय राजधानी में हालात पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को एक बैठक की। इस बैठक में शांति बहाल करने के उपायों पर चर्चा हुई। उत्तर पूर्वी दिल्ली में अलग अलग स्थानों पर हुई हिंसा में एक हेड कॉन्स्टेबल सहित सात लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
गृह मंत्री अमित शाह की बैठक में उप राज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक, कांग्रेस नेता सुभाष चोपड़ा, भाजपा के नेता मनोज तिवारी और रामवीर बिधूड़ी शामिल हुए। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार भी बैठक में मौजूद थे। इससे पहले शाह ने राष्ट्रीय राजधानी में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए सोमवार रात को भी एक बैठक की थी।
बैठक से निकलने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'हर कोई चाहता है कि हिंसा को रोका जाए। गृह मंत्री ने आज बैठक बुलाई थी, यह सकारात्मक था। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी राजनीतिक दल यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे शहर में शांति बहाल हो।' उन्होंने आगे कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है और गृह मंत्री शाह ने आश्वासन दिया है कि जितने भी बल की जरूरत होगी, उसे मुहैया कराया जाएगा।
गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर भड़की हिंसा में एक हेड कांस्टेबल समेत सात लोगों की मौत हो गई। हिंसा में कम से कम 50 लोग घायल हो गए जिनमें अर्द्धसैन्य एवं दिल्ली पुलिस के कई कर्मी भी शामिल हैं। उग्र प्रदर्शनकारियों ने घरों, दुकानों, वाहनों और एक पेट्रोप पंप में आग लगा दी थी।
कैसे भड़की हिंसा
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने रविवार को सड़क अवरुद्ध कर दी थी जिसके बाद जाफराबाद में सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प शुरू हो गई थी। दिल्ली के कई अन्य इलाकों में भी ऐसे ही धरने शुरू हो गए। मौजपुर में भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने एक सभा बुलाई थी जिसमें मांग की गई थी कि पुलिस तीन दिन के भीतर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को हटाए। इसके तुरंत बाद दो समूहों के सदस्यों ने एक-दूसरे पर पथराव किया, जिसके चलते पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।