बलिया : सफलता के लिए सतत् प्रयास जरूरी - डा० गणेश पाठक
सफलता के लिए सतत् प्रयास जरूरी - डा० गणेश पाठक
डॉ सुनील कुमार ओझा की रिपोर्ट
बलिया 7 फरवरी 2020 ।। आज महर्षि वाल्मीकि विद्या मंदिर इंटरमीडिएट कालेज काजीपुरा, बलिया में सत्र 2019 - 20 के द्वादश कक्षा के भैया- बहनों के लिए अभिन्नदन समारोह का आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा, बलिया के पूर्व प्राचार्य पर्यावरणविद् डा० गणेश कुमार पाठक ने किया, जबकि मुख्य अतिथि कुँवर सिंह कालेज बलिया के पूर्व प्राचार्य डा० गजेन्द्र पाल सिंह रहे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर नसीरपुर से पधारे बालकदास बाबा द्वारा मंत्रोच्चार भी किया गया। इसके बाद विद्यालय के निदेशक श्री एस० डी० सिंह ने अतिथियों का परिचय कराते हुए अपने उद्बोधन में कहाकि इस विद्यालय की एक परम्परा है, उसी के तहत प्रति वर्ष अभिनन्दन समारोह का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन से भैया- बहनों में एक नये उत्साह का सृजन होता है।
कार्यक्रम में भैया - बहनों को आशिर्वचन प्रदान करते हुए बालकदास बाबा ने भैया- बहनों को अनुशासन में रहते हुए कठिन परिश्रम करने हेतु प्रेरित किया और कहा कि भैया- बहनों में संस्कार पैदा करने हेतु आज ऐसे ही विद्यालयों एवं आचार्यों की आवश्कता है। मुख्य अतिथि डा० गजेन्द्र पाल सिंह ने अपने उद्बोधन में कहाकि विद्यार्थियों के पाँच लक्षण होते हैं ,जिनका अनुसरण कर ही सफलता पायी जा सकती है। ये लक्षण हैं- काक चेष्टा बको ध्यानम् , श्वान निद्रा तथैव च। अल्पाहारी गृह त्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणः।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डा० गणेश कुमार पाठक ने कहा कि कोई भी सफलता प्राप्त करने हेतु सतत् प्रयास करना जरूरी होता है। गुरू शिष्य को अनुशासन में रखकर शिष्य के समग्र विकास हेतु अपने गुणों को अपने शिष्य पर न्यौछावर कर देता है और गुरू को सबसे अधिक प्रसनन्नता तब होती है , जब शिष्य गुरू से भी आगे निकल जाता है। गुरू अपने योग्य शिष्य में अपना प्रतिबिम्ब देखता है। इसलिए गुरू अपने शिष्य का ऐसा सृजन करता है कि उसका समग्र विकास हो सके ।
इस अभिनन्दन समारोह में विद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाएँ तथा एकादश तथा द्वादश के सभी भैया- बहन उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंतमें विद्यालय के प्रधानाचार्य ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया।
डॉ सुनील कुमार ओझा की रिपोर्ट
बलिया 7 फरवरी 2020 ।। आज महर्षि वाल्मीकि विद्या मंदिर इंटरमीडिएट कालेज काजीपुरा, बलिया में सत्र 2019 - 20 के द्वादश कक्षा के भैया- बहनों के लिए अभिन्नदन समारोह का आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा, बलिया के पूर्व प्राचार्य पर्यावरणविद् डा० गणेश कुमार पाठक ने किया, जबकि मुख्य अतिथि कुँवर सिंह कालेज बलिया के पूर्व प्राचार्य डा० गजेन्द्र पाल सिंह रहे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर नसीरपुर से पधारे बालकदास बाबा द्वारा मंत्रोच्चार भी किया गया। इसके बाद विद्यालय के निदेशक श्री एस० डी० सिंह ने अतिथियों का परिचय कराते हुए अपने उद्बोधन में कहाकि इस विद्यालय की एक परम्परा है, उसी के तहत प्रति वर्ष अभिनन्दन समारोह का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन से भैया- बहनों में एक नये उत्साह का सृजन होता है।
कार्यक्रम में भैया - बहनों को आशिर्वचन प्रदान करते हुए बालकदास बाबा ने भैया- बहनों को अनुशासन में रहते हुए कठिन परिश्रम करने हेतु प्रेरित किया और कहा कि भैया- बहनों में संस्कार पैदा करने हेतु आज ऐसे ही विद्यालयों एवं आचार्यों की आवश्कता है। मुख्य अतिथि डा० गजेन्द्र पाल सिंह ने अपने उद्बोधन में कहाकि विद्यार्थियों के पाँच लक्षण होते हैं ,जिनका अनुसरण कर ही सफलता पायी जा सकती है। ये लक्षण हैं- काक चेष्टा बको ध्यानम् , श्वान निद्रा तथैव च। अल्पाहारी गृह त्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणः।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डा० गणेश कुमार पाठक ने कहा कि कोई भी सफलता प्राप्त करने हेतु सतत् प्रयास करना जरूरी होता है। गुरू शिष्य को अनुशासन में रखकर शिष्य के समग्र विकास हेतु अपने गुणों को अपने शिष्य पर न्यौछावर कर देता है और गुरू को सबसे अधिक प्रसनन्नता तब होती है , जब शिष्य गुरू से भी आगे निकल जाता है। गुरू अपने योग्य शिष्य में अपना प्रतिबिम्ब देखता है। इसलिए गुरू अपने शिष्य का ऐसा सृजन करता है कि उसका समग्र विकास हो सके ।
इस अभिनन्दन समारोह में विद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाएँ तथा एकादश तथा द्वादश के सभी भैया- बहन उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंतमें विद्यालय के प्रधानाचार्य ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया।