वाराणसी : माँ अन्नपूर्णा के दरबार में विश्वकल्याणार्थ हेतु हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रम : तमिलनाडु से आयी कलाकार ने दी प्रस्तुति
वाराणसी : माँ अन्नपूर्णा के दरबार में विश्वकल्याणार्थ हेतु हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रम : तमिलनाडु से आयी कलाकार ने दी प्रस्तुति
वाराणसी 20 फरवरी 2020 ।। बुधवार को माँ अन्नपूर्णा के दरबार में विशेष सिंगार किया गया था मन्दिर के उप महंत शंकर पूरी ने सविधि पूजन कर आम भक्तो के लिए पट खोल दिया गया । माँ के दरबार मे पहुंची तमिलनाडु से भरत नाट्यम की भावना और बालमिका वलिप्पन ने अपने नृत्य से माँ अन्नपूर्णा की स्तुति की इसके बाद नित्यानंदकरी वराभयकरी...अन्नपूर्णा विशालाक्षी...महादेव शिव शम्भॉ..गीत पर अपनी नृत्य प्रस्तुति से सभी दक्षिण भारतीय भक्तों के साथ ही अन्य भक्तो को भी आनंदित कर दिया । इसके बाद गायन डा.सरला की सुंदर गायन हुआ जिसमें वायलिन पर श्री निवासन, मृदंग पर आनँद कृष्णन ने कुशल संगत किया ।नारकोट क्षेत्रम के वी एन रामास्वामी और तमिल नाडु से पधारे सभी कलाकारों को महंत रामेश्वर पूरी प्रसाद अंगवस्त्रम मोती की माला देकर आशीर्वाद दिया ।
इसके बाद अमलेश शुक्ल ने नागेंद्र हाराय...मेरी मईया लगती प्यारी..जो बिष का पान करे उसे महादेव कहते है, सहित अनेक भजन सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया ।तबले पर सुधांशु, आर्गन पर संतोष, पैड पर विवेक, ढोलक पर विशाल ने कुशल संगत किया।
वाराणसी 20 फरवरी 2020 ।। बुधवार को माँ अन्नपूर्णा के दरबार में विशेष सिंगार किया गया था मन्दिर के उप महंत शंकर पूरी ने सविधि पूजन कर आम भक्तो के लिए पट खोल दिया गया । माँ के दरबार मे पहुंची तमिलनाडु से भरत नाट्यम की भावना और बालमिका वलिप्पन ने अपने नृत्य से माँ अन्नपूर्णा की स्तुति की इसके बाद नित्यानंदकरी वराभयकरी...अन्नपूर्णा विशालाक्षी...महादेव शिव शम्भॉ..गीत पर अपनी नृत्य प्रस्तुति से सभी दक्षिण भारतीय भक्तों के साथ ही अन्य भक्तो को भी आनंदित कर दिया । इसके बाद गायन डा.सरला की सुंदर गायन हुआ जिसमें वायलिन पर श्री निवासन, मृदंग पर आनँद कृष्णन ने कुशल संगत किया ।नारकोट क्षेत्रम के वी एन रामास्वामी और तमिल नाडु से पधारे सभी कलाकारों को महंत रामेश्वर पूरी प्रसाद अंगवस्त्रम मोती की माला देकर आशीर्वाद दिया ।
इसके बाद अमलेश शुक्ल ने नागेंद्र हाराय...मेरी मईया लगती प्यारी..जो बिष का पान करे उसे महादेव कहते है, सहित अनेक भजन सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया ।तबले पर सुधांशु, आर्गन पर संतोष, पैड पर विवेक, ढोलक पर विशाल ने कुशल संगत किया।