बलिया : जिला पुरुष अस्पताल में नि:शुल्क डायलिसिस यूनिट शुरू, सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त व मंत्री आनंद शुक्ल ने किया शुभारम्भ
जिला पुरुष अस्पताल में नि:शुल्क डायलिसिस यूनिट शुरू, सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त व मंत्री आनंद शुक्ल ने किया शुभारम्भ
बलिया 22 फरवरी 2020 ।। लंबे इंतजार के बाद जिला पुरुष अस्पताल की नई बिल्डिंग में नि:शुल्क डायलिसिस यूनिट उत्तर प्रदेश सरकार एवं हेरिटेज हॉस्पिटल लिमिटेड ,लंका वाराणसी द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप(पी पी पी) प्रोजेक्ट के अंतर्गत शुरू किया गया। नि:शुल्क डायलिसिस यूनिट का उद्घाटन सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त एवं उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पी के मिश्र ने बताया कि अब किडनी रोगियों को B के लिए दूरदराज नहीं जाना पड़ेगा। जिले में यह सुविधा हो जाने के बाद यहां पर सभी किडनी रोगियों की डायलिसिस नि:शुल्क होगी।
क्या है डायलिसिस तथा क्यों पड़ती है आवश्यकता।
डायलिसिस रक्त शोधन की एक कृत्रिम विधि होती है। इसमें रोगी के खून को डायलाइजर द्वारा पंप किया जाता है ।इसमें खून साफ करने में 3 से 4 घंटे लगते हैं ।इसे सप्ताह में दो-तीन बार कराना पड़ता है ।इसमें मशीन से रक्त को शुद्ध किया जाता है ।डायलिसिस की प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है जब किसी व्यक्ति के बृक्क़ यानी गुर्दे सही से काम नहीं कर रहे होते हैं। गुर्दे से जुड़े रोगों ,लंबे समय से मधुमेह के रोगी, उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों में कई बार डायलिसिस की आवश्यकता पड़ती है। डायलिसिस यूनिट के सीईओ ब्रिगेडियर आर बी सिंह ने बताया कि डायलिसिस केंद्र में अत्याधुनिक तकनीकी से युक्त 10 डायलिसिस बेड हैं ।जिसमें से 1 डायलिसिस बेड सेरो पॉज़िटिव मरीज के लिए अलग व्यवस्थित है । 4 -4 घंटे की 3 शिफ्ट में होने वाली डायलिसिस हेतु कुशल एवं प्रशिक्षित डॉक्टर, डायलिसिस टेक्निशियन एवं स्टाफ नर्स मरीजों को सेवाएं देंगे। वातानुकूलित डायलिसिस केंद्र में मरीजों को संक्रमण मुक्त डायलिसिस देने हेतु पेक्स पाइपिंग का प्रयोग किया गया है जिससे होने वाले संक्रमण को रोका जा सके । डायलिसिस में प्रयोग होने वाले अति शुद्ध जल के लिए जर्मनी से आयातित आर.ओ. प्लांट लगाया गया है। डायलिसिस के सभी कार्यों को ऑनलाइन उत्तर प्रदेश सरकार के एच ०डी० आई ०एस (हीमोडायलिसिस इनफार्मेशन सिस्टम )पोर्टल पर देखा जा सकता है।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर बी पी सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ के डी प्रसाद, डॉ जे पी चौधरी,डॉक्टर राजनाथ ,हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संतोष चौधरी, डॉक्टर ए के सिंह, डॉक्टर मिथिलेश सिंह आदि चिकित्सक उपस्थित रहे।
बलिया 22 फरवरी 2020 ।। लंबे इंतजार के बाद जिला पुरुष अस्पताल की नई बिल्डिंग में नि:शुल्क डायलिसिस यूनिट उत्तर प्रदेश सरकार एवं हेरिटेज हॉस्पिटल लिमिटेड ,लंका वाराणसी द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप(पी पी पी) प्रोजेक्ट के अंतर्गत शुरू किया गया। नि:शुल्क डायलिसिस यूनिट का उद्घाटन सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त एवं उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पी के मिश्र ने बताया कि अब किडनी रोगियों को B के लिए दूरदराज नहीं जाना पड़ेगा। जिले में यह सुविधा हो जाने के बाद यहां पर सभी किडनी रोगियों की डायलिसिस नि:शुल्क होगी।
क्या है डायलिसिस तथा क्यों पड़ती है आवश्यकता।
डायलिसिस रक्त शोधन की एक कृत्रिम विधि होती है। इसमें रोगी के खून को डायलाइजर द्वारा पंप किया जाता है ।इसमें खून साफ करने में 3 से 4 घंटे लगते हैं ।इसे सप्ताह में दो-तीन बार कराना पड़ता है ।इसमें मशीन से रक्त को शुद्ध किया जाता है ।डायलिसिस की प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है जब किसी व्यक्ति के बृक्क़ यानी गुर्दे सही से काम नहीं कर रहे होते हैं। गुर्दे से जुड़े रोगों ,लंबे समय से मधुमेह के रोगी, उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों में कई बार डायलिसिस की आवश्यकता पड़ती है। डायलिसिस यूनिट के सीईओ ब्रिगेडियर आर बी सिंह ने बताया कि डायलिसिस केंद्र में अत्याधुनिक तकनीकी से युक्त 10 डायलिसिस बेड हैं ।जिसमें से 1 डायलिसिस बेड सेरो पॉज़िटिव मरीज के लिए अलग व्यवस्थित है । 4 -4 घंटे की 3 शिफ्ट में होने वाली डायलिसिस हेतु कुशल एवं प्रशिक्षित डॉक्टर, डायलिसिस टेक्निशियन एवं स्टाफ नर्स मरीजों को सेवाएं देंगे। वातानुकूलित डायलिसिस केंद्र में मरीजों को संक्रमण मुक्त डायलिसिस देने हेतु पेक्स पाइपिंग का प्रयोग किया गया है जिससे होने वाले संक्रमण को रोका जा सके । डायलिसिस में प्रयोग होने वाले अति शुद्ध जल के लिए जर्मनी से आयातित आर.ओ. प्लांट लगाया गया है। डायलिसिस के सभी कार्यों को ऑनलाइन उत्तर प्रदेश सरकार के एच ०डी० आई ०एस (हीमोडायलिसिस इनफार्मेशन सिस्टम )पोर्टल पर देखा जा सकता है।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर बी पी सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ के डी प्रसाद, डॉ जे पी चौधरी,डॉक्टर राजनाथ ,हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संतोष चौधरी, डॉक्टर ए के सिंह, डॉक्टर मिथिलेश सिंह आदि चिकित्सक उपस्थित रहे।