फतेहपुर : मालिक की मौत से इतना दुखी हुआ बंदर कि उसने भी त्यागे प्राण
मालिक की मौत से इतना दुखी हुआ बंदर कि उसने भी त्यागे प्राण
ए कुमार
फतेहपुर 14 फरवरी 2020 ।।यह इत्तेफाक है या मालिक से कोई पूर्व जन्म का रिश्ता कि एक पालतू बंदर ने अपने पालक बुजुर्ग शिक्षक की मौत के बाद उसने भी अपने प्राण त्याग दिए यह घटना फतेहपुर जिले के किशनपुर कस्बे के पाखरतर मुहल्ले की है। परिजनों ने दोनों के शव को एक ही चिता में रखकर अंतिम संस्कार कर दिया। बुजुर्ग शिक्षक शिवराज सिंह 75 की मौत बीमारी के चलते हो गई। घर में परिजनों के रोने की आवाज सुन पालतू बंदर भी शव के पास पहुंच गया और शव के पास बैठे-बैठे ही उसकी भी मौत हो गई। शिक्षक और बंदर के शव को एक ही चिता में रखकर परिजनों ने अग्निदाह कर दिया। मृतक शिक्षक के भतीजे देवपाल ने बताया कुछ साल पहले बीमार होने की वजह से बंदर की देखभाल न कर पाने के कारण उसे तीन साल पहले खागा कस्बे छोड़ आए थे। बंदर दस दिन पूर्व ही वापस उनके पास लौटा था। बुधवार की शाम चाचा की मौत पर पूरा परिवार गमगीन था। इसी बीच बंदर भी छत से उतर कर उनके शव के पास आकर बैठ गया। और कुछ ही देर बाद उसकी भी मौत हो गई। उसने बताया कि चाचा के शव के लिए बनाई गई चिता में बंदर के भी शव का अग्निदाह किया गया है। अब उसका तेरहवीं संस्कार करने की तैयारी है ।
ए कुमार
फतेहपुर 14 फरवरी 2020 ।।यह इत्तेफाक है या मालिक से कोई पूर्व जन्म का रिश्ता कि एक पालतू बंदर ने अपने पालक बुजुर्ग शिक्षक की मौत के बाद उसने भी अपने प्राण त्याग दिए यह घटना फतेहपुर जिले के किशनपुर कस्बे के पाखरतर मुहल्ले की है। परिजनों ने दोनों के शव को एक ही चिता में रखकर अंतिम संस्कार कर दिया। बुजुर्ग शिक्षक शिवराज सिंह 75 की मौत बीमारी के चलते हो गई। घर में परिजनों के रोने की आवाज सुन पालतू बंदर भी शव के पास पहुंच गया और शव के पास बैठे-बैठे ही उसकी भी मौत हो गई। शिक्षक और बंदर के शव को एक ही चिता में रखकर परिजनों ने अग्निदाह कर दिया। मृतक शिक्षक के भतीजे देवपाल ने बताया कुछ साल पहले बीमार होने की वजह से बंदर की देखभाल न कर पाने के कारण उसे तीन साल पहले खागा कस्बे छोड़ आए थे। बंदर दस दिन पूर्व ही वापस उनके पास लौटा था। बुधवार की शाम चाचा की मौत पर पूरा परिवार गमगीन था। इसी बीच बंदर भी छत से उतर कर उनके शव के पास आकर बैठ गया। और कुछ ही देर बाद उसकी भी मौत हो गई। उसने बताया कि चाचा के शव के लिए बनाई गई चिता में बंदर के भी शव का अग्निदाह किया गया है। अब उसका तेरहवीं संस्कार करने की तैयारी है ।