बलिया : युवाओं को बंदिशों ने किया धर्म से दूर,साहब ने शिव गुरु को मंदिर से निकाल कर शौचालय तक पहुंचाकर, बताया हर जगह मौजूद है गुरु :अनुनीता
युवाओं को बंदिशों ने किया धर्म से दूर,साहब ने शिव गुरु को मंदिर से निकाल कर शौचालय तक पहुंचाकर, बताया हर जगह मौजूद है गुरु :अनुनीता
वैश्विक शिव शिष्य परिवार का "आस्था रखें, अंधविश्वास नहीं"विषयक एक दिवसीय महात्सव सम्पन्न
मधुसूदन सिंह
बलिया 16 फरवरी 2020 ।। वैश्विक शिव शिष्य परिवार रांची के तत्वावधान में "आस्था रखें, अंधविश्वास नहीं' विषयक एक दिवसीय महोत्सव का आयोजन टाउन पॉलीटेक्निक, बलिया, उत्तर प्रदेश में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि शिव शिष्या अनुनिता ने आलोच्य विषय पर बोलते हुए कहा कि आस्था सकारात्मक है और इसके विपरीत अंधविश्वास जीवन मे कुंठा व निराशा उतपन्न करता है । जीवन के हर पहलू पर व्यक्ति को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना
अंधविश्वास जीवन में कुण्ठा एवं निराशा उत्पन्न करता है। जीवन के हर पहलू पर व्यक्ति को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। अंधविश्वास और अफवाहें सचमुच में एक व्याधि है जिसके निदान के लिए सभी को सजग रहना होगा और समाज में जागरूकता फैलानी होगी। सही गुरु का सानिध्य व्यक्ति को अंधविश्वास से मुक्त करता है। गुरु शिव होगे तो समस्त संकीर्णताएँ स्वयं स्वतः समाप्त हो जाएंगी ।उन्होंने बताया कि समाज में फैली कुरीतियों, कुसंस्कारों, अंधविश्वासी, अफवाहों के प्रति स्वच्छ जागरूकता पैदा करना एक एक व्यक्ति का नैतिक कर्तव्य है । भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51(क)में वर्णित मौलिक कर्तव्यों में "प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण और ज्ञानार्जन की भावना का विकास करे।"
कहा कि युवाओं को धार्मिक बंदिशों ने धर्म से दूर किया है । लोगो ने भगवान व शिव को मंदिरों में कैद कर लिया था जिसको शिव शिष्य हरिन्द्रानंद साहब जी ने मंदिर से निकाल कर शौचालय तक पहुंचाकर यह साबित किया कि अपने आराध्य व गुरु से मिलने के लिये मंदिर में जाना और शुद्ध होकर ही जाना जरूरी नही है । आप शौचालय में भी सच्चे मन से याद करके अपनी फरियाद पहुंचा सकते है । पटना से आये डॉ. अमित कुमार द्वारा बताया गया कि वैश्विक शिव शिष्य परिवार में किसी भी अंधविश्वास या आडम्बर का कोई स्थान नहीं है। न्यास देश की एकता और अखंडता को बनाए रखते हुए संवैधानिक दायरे में तमाम सामाजिक कुरीतियों और अंधविश्वास का विरोध करता है।
महोत्सव में बलिया एवं आस-पास से लगभग बीस हजार लोग आए थे। महिलाओं की संख्या अधिक थी। स्थानीय आयोजक निर्मल सिंह,सतीश के साथ अमित जायसवाल वाराणसी,ब्रजेश सिंह पटना,मंगल सिंह व सरजू सिंह बक्सर,अजय गुप्ता व उमेश गुप्ता भोजपुर आरा, नंद किशोर छपरा,शम्भू गुप्ता व गुड्डी देवी गाजीपुर, लक्ष्मण प्रसाद रांची, सुघोष श्रीवास्तव पटना ,कन्हैया जी उप मीडिया प्रभारी वैश्विक शिव शिष्य परिवार रांची ने भी अपने विचार रख कर शिव शिष्यों को शिव गुरु के और सन्निकट कैसे पहुंचा जा सकता है, के सम्बंध में चर्चा की।
वैश्विक शिव शिष्य परिवार का "आस्था रखें, अंधविश्वास नहीं"विषयक एक दिवसीय महात्सव सम्पन्न
मधुसूदन सिंह
बलिया 16 फरवरी 2020 ।। वैश्विक शिव शिष्य परिवार रांची के तत्वावधान में "आस्था रखें, अंधविश्वास नहीं' विषयक एक दिवसीय महोत्सव का आयोजन टाउन पॉलीटेक्निक, बलिया, उत्तर प्रदेश में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि शिव शिष्या अनुनिता ने आलोच्य विषय पर बोलते हुए कहा कि आस्था सकारात्मक है और इसके विपरीत अंधविश्वास जीवन मे कुंठा व निराशा उतपन्न करता है । जीवन के हर पहलू पर व्यक्ति को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना
अंधविश्वास जीवन में कुण्ठा एवं निराशा उत्पन्न करता है। जीवन के हर पहलू पर व्यक्ति को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। अंधविश्वास और अफवाहें सचमुच में एक व्याधि है जिसके निदान के लिए सभी को सजग रहना होगा और समाज में जागरूकता फैलानी होगी। सही गुरु का सानिध्य व्यक्ति को अंधविश्वास से मुक्त करता है। गुरु शिव होगे तो समस्त संकीर्णताएँ स्वयं स्वतः समाप्त हो जाएंगी ।उन्होंने बताया कि समाज में फैली कुरीतियों, कुसंस्कारों, अंधविश्वासी, अफवाहों के प्रति स्वच्छ जागरूकता पैदा करना एक एक व्यक्ति का नैतिक कर्तव्य है । भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51(क)में वर्णित मौलिक कर्तव्यों में "प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण और ज्ञानार्जन की भावना का विकास करे।"
कहा कि युवाओं को धार्मिक बंदिशों ने धर्म से दूर किया है । लोगो ने भगवान व शिव को मंदिरों में कैद कर लिया था जिसको शिव शिष्य हरिन्द्रानंद साहब जी ने मंदिर से निकाल कर शौचालय तक पहुंचाकर यह साबित किया कि अपने आराध्य व गुरु से मिलने के लिये मंदिर में जाना और शुद्ध होकर ही जाना जरूरी नही है । आप शौचालय में भी सच्चे मन से याद करके अपनी फरियाद पहुंचा सकते है । पटना से आये डॉ. अमित कुमार द्वारा बताया गया कि वैश्विक शिव शिष्य परिवार में किसी भी अंधविश्वास या आडम्बर का कोई स्थान नहीं है। न्यास देश की एकता और अखंडता को बनाए रखते हुए संवैधानिक दायरे में तमाम सामाजिक कुरीतियों और अंधविश्वास का विरोध करता है।
महोत्सव में बलिया एवं आस-पास से लगभग बीस हजार लोग आए थे। महिलाओं की संख्या अधिक थी। स्थानीय आयोजक निर्मल सिंह,सतीश के साथ अमित जायसवाल वाराणसी,ब्रजेश सिंह पटना,मंगल सिंह व सरजू सिंह बक्सर,अजय गुप्ता व उमेश गुप्ता भोजपुर आरा, नंद किशोर छपरा,शम्भू गुप्ता व गुड्डी देवी गाजीपुर, लक्ष्मण प्रसाद रांची, सुघोष श्रीवास्तव पटना ,कन्हैया जी उप मीडिया प्रभारी वैश्विक शिव शिष्य परिवार रांची ने भी अपने विचार रख कर शिव शिष्यों को शिव गुरु के और सन्निकट कैसे पहुंचा जा सकता है, के सम्बंध में चर्चा की।