वाराणसी : नाबालिग से गैंग रेप के मुख्य आरोपी रेलवे के निलम्बित टीसी की जमानत हुई खारिज
नाबालिग से गैंग रेप के मुख्य आरोपी रेलवे के निलम्बित टीसी की जमानत हुई खारिज
ए कुमार
वाराणसी 21 फरवरी 2020 ।। वाराणसी की बेटी के साथ फिल्मी दुनिया में काम दिलाने के नाम पर झूठी कहानी से बहलाकर मुम्बई ले जाकर गैंग रेप करने वाले गैंग के मुख्य आरोपी और लड़कियों को गुमराह करके गायब करने वाले गिरोह के सरगना वाराणसी रेलवे से निलंबित टीसी जमील आलम की जमानत याचिका को गुरुवार को विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) वाराणसी कक्ष सं 10 नें सुनवाई के बाद खारिज कर दी। जिला शासकीय अधिवक्ता और पीड़ित नाबालिग के अधिवक्ता अनुज गौड़ व अभिषेक पाठक और बचाव पक्ष के अधिवक्ता के दलीलों को न्यायालय ने सुना और आदेश में कहा की आरोपी पर बहुत गंभीर प्रकृति के आरोप हैं और बच्ची अभिलेखों से नाबालिग साबित है। आरोपी ने अपने बचाव में मुख्य रूप से कहा है की पीड़िता बालिग है किन्तु ये सिद्ध नहीं होता है। पीड़िता ने अपने 161 व 164 के बयान में इस घटना के बारे में सब बताया है। ये अपराध गंभीर है और जमानत याचिका खारिज किये जाने योग्य है ओर इसे खारिज किया जाता है। वहीं जमील आलम के दोस्त और इसी घटना से संबंधित मामले के दूसरे आरोपी उत्कर्ष तिवारी की जमानत याचिका पर भी आज ही बहस होनी थी किन्तु न्यायालय की कार्यवाही शुरु होते ही आरोपी उत्कर्ष के अधिवक्ता नें किन्हीं कारणों से जमानत अर्जी पर आज बहस करने से इंकार कर दिया और आज की अर्जी पर सुनवाई न करने का न्यायालय से आग्रह किया। कोर्ट में इस मुकदमें में आरोपपत्र(चार्जशीट) पुलिस के द्वारा अभी तक न दाखिल किए जाने से पीड़िता के अधिवक्ता नाराज दिखे।उनका कहना है की पुलिस की मंशा समझ से परे है। नाबालिग बच्चियों से होने वाले अपराधों के प्रति न्यायालय से लेकर सरकारें तक सख्त हैं और इस प्रकार के वादों में 2 माह में चार्जशीट दाखिल करनें के लिर्देश/गाइडलाइंस जारी हैं किंतु इस संगीन प्रकरण में अभी भी वाराणसी पुलिस की जांच चल ही रही है जबकि एफआईआर दर्ज हुए 3 महीने बीत गए।
ए कुमार
वाराणसी 21 फरवरी 2020 ।। वाराणसी की बेटी के साथ फिल्मी दुनिया में काम दिलाने के नाम पर झूठी कहानी से बहलाकर मुम्बई ले जाकर गैंग रेप करने वाले गैंग के मुख्य आरोपी और लड़कियों को गुमराह करके गायब करने वाले गिरोह के सरगना वाराणसी रेलवे से निलंबित टीसी जमील आलम की जमानत याचिका को गुरुवार को विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) वाराणसी कक्ष सं 10 नें सुनवाई के बाद खारिज कर दी। जिला शासकीय अधिवक्ता और पीड़ित नाबालिग के अधिवक्ता अनुज गौड़ व अभिषेक पाठक और बचाव पक्ष के अधिवक्ता के दलीलों को न्यायालय ने सुना और आदेश में कहा की आरोपी पर बहुत गंभीर प्रकृति के आरोप हैं और बच्ची अभिलेखों से नाबालिग साबित है। आरोपी ने अपने बचाव में मुख्य रूप से कहा है की पीड़िता बालिग है किन्तु ये सिद्ध नहीं होता है। पीड़िता ने अपने 161 व 164 के बयान में इस घटना के बारे में सब बताया है। ये अपराध गंभीर है और जमानत याचिका खारिज किये जाने योग्य है ओर इसे खारिज किया जाता है। वहीं जमील आलम के दोस्त और इसी घटना से संबंधित मामले के दूसरे आरोपी उत्कर्ष तिवारी की जमानत याचिका पर भी आज ही बहस होनी थी किन्तु न्यायालय की कार्यवाही शुरु होते ही आरोपी उत्कर्ष के अधिवक्ता नें किन्हीं कारणों से जमानत अर्जी पर आज बहस करने से इंकार कर दिया और आज की अर्जी पर सुनवाई न करने का न्यायालय से आग्रह किया। कोर्ट में इस मुकदमें में आरोपपत्र(चार्जशीट) पुलिस के द्वारा अभी तक न दाखिल किए जाने से पीड़िता के अधिवक्ता नाराज दिखे।उनका कहना है की पुलिस की मंशा समझ से परे है। नाबालिग बच्चियों से होने वाले अपराधों के प्रति न्यायालय से लेकर सरकारें तक सख्त हैं और इस प्रकार के वादों में 2 माह में चार्जशीट दाखिल करनें के लिर्देश/गाइडलाइंस जारी हैं किंतु इस संगीन प्रकरण में अभी भी वाराणसी पुलिस की जांच चल ही रही है जबकि एफआईआर दर्ज हुए 3 महीने बीत गए।