काम के बोझ के मारे , बीएसए बलिया बेचारे
काम के बोझ के मारे , बीएसए बलिया बेचारे
मधुसूदन सिंह
बलिया 16 फरवरी 2020 ।। बलिया जनपद के बीएसए काम के बोझ से इतने त्रस्त है, दबे हुए है कि इनको गबन किये जाने की खण्ड शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट भी उन हजारो कागजो की तरह ही दिखती है,जो रोज इनके पास आते है । साहब तीन दिन के अंदर तत्काल आख्या मांगने की बात तो कहते है लेकिन तीन दिन तीन महीने बाद भी आता है कि नही इनको पता करने की फुर्सत ही नही है, बेचारे साहब के ऊपर काम का बोझ ही इतना है । इनके पास काम का बोझ कितना है , आप इसी से अंदाजा लगा लीजिये कि जिला अधिकारी बलिया के यहां से दिनांक को आये पत्र को संज्ञान लेकर कार्यवाही तक करने की इनके पास फुर्सत नही है ।
ताजा मामला प्राथमिक विद्यालय सराक शिक्षा क्षेत्र दुबहड़ से संबंधित है । यहां पर तैनात शिक्षामित्र जितेंद्र कुमार पाठक द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 143 छात्रों के लिए निःशुल्क यूनिफॉर्म वितरण के लिये धनराशि आहरित की गई है जबकि जांच में इनके यहां औसतन 20 से 40 छात्र ही विद्यालय पढ़ने आते हैं,खुलासा करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी दुबहड़ द्वारा अपने 17 जनवरी 2020 के पत्र के द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया को बताया गया है । खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा साफ लिखा गया है कि प्राथमिक पाठशाला सराक शिक्षा क्षेत्र दुबहड़ पर कार्यरत शिक्षा मित्र जितेंद्र कुमार पाठक द्वारा गबन की नियत से 143 छात्रों के लिए निशुल्क यूनिफॉर्म वितरण के नाम पर सरकारी धनराशि आहरित की गई है जबकि इस विद्यालय पर छात्रों की औसत उपस्थिति 20 से 40 के बीच ही रहती है । ऐसे में शिक्षामित्र जितेंद्र कुमार पाठक द्वारा अधिक आहरित धनराशि को इनसे रिकवरी कराई जाए ।अब सवाल यह उठता है जिस शिक्षामित्र ने यूनिफॉर्म के नाम पर सरकारी धन को गमन करने की नियत से आहरित किया है, वह शिक्षामित्र मिड डे मील के नाम पर भी इसी तरह से गबन किया होगा ? लेकिन अब तक जिलाधिकारी बलिया के नवंबर माह में दिए गए आदेश के बावजूद न तो बेसिक शिक्षा अधिकारी और न हीं डीएसओ बलिया द्वारा जांच कराई जा रही है । बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया काम के बोझ के मारे इतने दबे हुए हैं उनके पास यूपी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति के बावजूद गबन जैसे गंभीर आरोपों पर भी कार्रवाई करने का समय नहीं है । इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बेसिक शिक्षा विभाग बलिया में किस तरह से जीरो टॉलरेंस की योगी सरकार की नीति का पालन किया जा रहा है ।
मधुसूदन सिंह
बलिया 16 फरवरी 2020 ।। बलिया जनपद के बीएसए काम के बोझ से इतने त्रस्त है, दबे हुए है कि इनको गबन किये जाने की खण्ड शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट भी उन हजारो कागजो की तरह ही दिखती है,जो रोज इनके पास आते है । साहब तीन दिन के अंदर तत्काल आख्या मांगने की बात तो कहते है लेकिन तीन दिन तीन महीने बाद भी आता है कि नही इनको पता करने की फुर्सत ही नही है, बेचारे साहब के ऊपर काम का बोझ ही इतना है । इनके पास काम का बोझ कितना है , आप इसी से अंदाजा लगा लीजिये कि जिला अधिकारी बलिया के यहां से दिनांक को आये पत्र को संज्ञान लेकर कार्यवाही तक करने की इनके पास फुर्सत नही है ।
ताजा मामला प्राथमिक विद्यालय सराक शिक्षा क्षेत्र दुबहड़ से संबंधित है । यहां पर तैनात शिक्षामित्र जितेंद्र कुमार पाठक द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 143 छात्रों के लिए निःशुल्क यूनिफॉर्म वितरण के लिये धनराशि आहरित की गई है जबकि जांच में इनके यहां औसतन 20 से 40 छात्र ही विद्यालय पढ़ने आते हैं,खुलासा करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी दुबहड़ द्वारा अपने 17 जनवरी 2020 के पत्र के द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया को बताया गया है । खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा साफ लिखा गया है कि प्राथमिक पाठशाला सराक शिक्षा क्षेत्र दुबहड़ पर कार्यरत शिक्षा मित्र जितेंद्र कुमार पाठक द्वारा गबन की नियत से 143 छात्रों के लिए निशुल्क यूनिफॉर्म वितरण के नाम पर सरकारी धनराशि आहरित की गई है जबकि इस विद्यालय पर छात्रों की औसत उपस्थिति 20 से 40 के बीच ही रहती है । ऐसे में शिक्षामित्र जितेंद्र कुमार पाठक द्वारा अधिक आहरित धनराशि को इनसे रिकवरी कराई जाए ।अब सवाल यह उठता है जिस शिक्षामित्र ने यूनिफॉर्म के नाम पर सरकारी धन को गमन करने की नियत से आहरित किया है, वह शिक्षामित्र मिड डे मील के नाम पर भी इसी तरह से गबन किया होगा ? लेकिन अब तक जिलाधिकारी बलिया के नवंबर माह में दिए गए आदेश के बावजूद न तो बेसिक शिक्षा अधिकारी और न हीं डीएसओ बलिया द्वारा जांच कराई जा रही है । बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया काम के बोझ के मारे इतने दबे हुए हैं उनके पास यूपी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति के बावजूद गबन जैसे गंभीर आरोपों पर भी कार्रवाई करने का समय नहीं है । इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बेसिक शिक्षा विभाग बलिया में किस तरह से जीरो टॉलरेंस की योगी सरकार की नीति का पालन किया जा रहा है ।