वाराणसी में बोले पीएम मोदी :भारत में संसाधन और कौशल की कमी नहीं, व्यापक सोच से काम करने की जरूरत
वाराणसी में बोले पीएम मोदी :भारत में संसाधन और कौशल की कमी नहीं, व्यापक सोच से काम करने की जरूरत
ए कुमार
वाराणसी 16 फरवरी 2020 ।। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को तीस से अधिक योजनाओं की सौगात देने के लिए पहुंचे। अपने छह घंटे से अधिक समय तक के प्रवास पर सुबह 10.25 बजे लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बाबतपुर पहुंचे। इसके बाद जंगमबाड़ी मठ में आयोजित समारोह में शामिल होने के बाद चंदौली के पड़ाव में पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का लोकार्पण करने पहुंचे। प्रतिमा का लोकार्पण करने के बाद उन्होंने स्मारक परिसर का भी अवलोकन किया। तत्पश्चात उन्होंने 36 परियोजनाओं का लोकार्पण और 14 परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम 'काशी एक रुप अनेक' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ और टीम की प्रशंसा करता हूं। यूपी के उत्पाद देश विदेश और दुनिया के आनलाइन बाजार पहुंचाने से देश को लाभ मिलेगा। बुनकर हस्तशिल्पियों को जो मशीन मिल रही है जो लोन मिल रहा है उनके जीवन को आसान करने के लिए सुविधा दी जा रही है वह सराहनीय है। जिनको सुविधा मिली है ऐसे साथियों को बधाई और शुभकामनाएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की शक्ति रही है कि हर क्षेत्र और जिले में कोई विशेष कला और उत्पाद जुडा रहा है। सदियों से परंपरा रही है और कारोबारियों ने इसका प्रचार दुनिया में किया है। मसाले शिल्प से भंडार भरा है। हर प्रोडक्ट की अपनी विशेषता और कहानी है। आदिवासी अंचलों में आर्टिस्टिक प्रोडक्ट बनाए जा रहे हैं। उद्योग हैं जो पीढी दर पीढी बढ रहे हैं और यह ओडीओपी की प्रेरणा हैं। भारत को पांच ट्रिलियन अर्थ व्यवस्था में यही सामथ्र्य है। संसाधन और कौशल की कमी नहीं रही है। व्यापक सोच से काम करने की जरूरत है। इसके दुनिया तक पहुंचने की जरूरत है। बताया गया कि यूपी आइडी द्वारा दो वर्षों में तीस जिलों में 3500 से अधिक को डिजाइन में सहायता दी गई। सुधार के लिए 1000 कलाकारों को सुविधा दी गई। टूल किट देकर वर्कशॉप करके यूपीआइडी ने हजारों कलाकारों को कारोबार में नयापन और बढाने में मदद की है। दुनिया में क्राफ्ट शिल्प में जो चल रहा है उसमें यूपी आइडी प्लेटफार्म बन रहा है। ओडीओपी से बनी एक प्रदर्शनी को देखकर आया हूं। इसको आप भी बारीकी से देखिए। शानदार कलेक्शन है। दोना पत्तल वालों को मशीन दी गई है। उनका आत्मविश्वास देखते बन रहा है। सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प खोजा जा रहा है। पूरी दुनिया के साथ इसे साझा किया जा सकता है। पुरातन परंपरा को 21 वीं सदी की आवश्यकताओं के हिसाब से ढालने और परिष्कृत करने की जरूरत है। तभी संभव है जब परंपरा के साथ संस्थागत सपोर्ट चाहिए। बदलते समय और मांग के अनुसार इन उत्पादो में बदलाव करना होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि पारंपरिक उद्योगों को मार्केट और तकनीक देने की जरूरत है। यही प्रयास कर रहे हैं। सोलर चरखा, लूम, चाक उदाहरण हैं। इस संकुल में भी सरकार के प्रयास का परिणाम है। 2014 से पहले बनारस का सामान्य बुनकर और निर्यातक ऑनलाइन संवाद नहीं कर सकता था, क्योंकि मंच नहीं था। सरकारों के पास पैसा या समझ नहीं थी नहीं कह सकता। हर व्यक्ति को सशक्त और स्वावलंबी बनाने की जरूरत है। पूरे देश में अनेक केंद्र बनाए गए हैं जहां सामान्य हस्तशिल्पी उत्पाद प्रदर्शित कर सकें। यूपी में ओडीओपी में केंद्र को यूपी विजन दे रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि आटोमोबाइल, डिफेंस के साथ ही इन सेक्टर में टेक्सटाइल की डिमांड बढी है। कलपना कर सकते हैं कि भारत करोडों से अधिक का टेक्निकल टेक्सटाइल इंपोर्ट करते हैं। इस बजट में पालीमर पर टैक्स में छूट दी गई है। मांग थी मगर सरकार ने अब पूरा कर दिया है। नेशनल टेक्निकल टेक्स्टाइल मिशन शुरू किया है। इस वर्ष के बजट में डिफेंस कारीडोर के लिए 3700 करोड का प्रावधान है। लखनऊ में डिफेंस कंपनियां आई थीं और समझौते हुए इसका लाभ छोटे उद्योगों को मिलेगा। न्यू इंडिया की पहचान और सम्मान भी है। कोशिश की जा रही है कि सामान्य कारोबारी को कागजों से मुक्त किया जाए। योजना रास्ता दिखाने वाली हो। एमएसएमई के साथियों को शिकायत रहती है कि एक करोड टर्न ओवर पर कागजों में उलझना पड़ता था। कितना अनावश्यक खर्च और समय की बर्बादी थी। अब बजट में मुक्ति मिली है। अब आडिट पांच करोड़ से अधिक वालों के लिए रखा गया है। अलग विभागों में लंबी प्रक्रिया से छोटे लोगों को कैश की दिक्कत आई है। अब आपके सामान के बिल इन्वाइस के आधार पर लोन मिलेगा। सुविधा आसान करने के लिए मोबाइल आधारित लोन की तैयारी है।
उन्होंने कहा कि सरकार अब एमएसएमई के लिए नई योजनाएं बन रही है। सरकारी खरीद से लॉजिस्टिक तक का लाभ छोटे कारोबारी को मिलेगा। जेम के बनने से सामान बेचने में छोटे उद्यमियों को लाभ मिलेगा। इस सिस्टम को आसान बनाने के लिए नई घोषणा की गई है। छोटे कारोबारियों को एक प्लेटफार्म से जोडा गया है। डिजिटल व्सवस्था से निर्यातकों को रिफंड की सुविधा मिलेगी। जीएसटी से लॉजिस्टिक में बदलाव हुआ है। देश में नेशनल लॉजिस्टिक की तैयारी की जा रही है। रोजगार में भी मदद मिलेगी। ऐसे उत्पादों का आयात कम होगा जिनका निर्माण भारत में हो रहा है। टैक्स को लेकर व्यापक लाभ आपको देश के हर साथी को होगा। वेल्थ क्रिएटर को परेशानी न हो उसके लिए टैक्सपेयर चार्टर बनाया जा रहा है। इससे टैक्स पेयर के अधिकार तय होंगे। टैक्स कलेक्शन को फेसलेस किया जा रहा है। निर्माण के लिए टैक्स15 फीसद किया गया है। दुनिया के उन कम देशों में है जहां कारपोरेट दरें कम हैं। क्लियरेंस की सुविधा ऑनलाइन होगी। तमाम कदम हर भारतीय के लिए निवेशक के लिए उद्यमी के हित में 5 ट्रिलियन के लिए जो कदम होंगे आगे उठाए जाएंगे। छोटे उद्यमियों के हित में फैसले लिए जाएंगे। हमारी तरफ से कोई कसर नहीं रहेगी। भारत को निर्माण पावर हाउस बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे। इस आयोजन के लिए फोकस इनिशिएटिव और आयोजन के लिए आप सभी का आभार। कुछ दिनों के बाद बनारस का सबसे प्यारा महाशिवरात्रि के लिए बधाई।
इससे पहले उन्होंने कहा कि काशी में मेरा तीसरा कार्यक्रम है पहले मैं अध्यात्म के कुंभ में था फिर आधुनिकता के कुंभ गया और अब स्वरोजगार के कुंभ में पहुंच गया। शिल्पकार कलाकार यहां एक छत के नीचे दर्शन करने का सौभाग्य मिला। एक-एक धागा जोड़कर माटी को जोड़कर दुनिया की सबसे बडी कंपनियों को चलाने वाले एक छत के नीचे बैठे हैं। यह मन को आनंदित करता है। काशी एक है लेकिन इसके रुप अनेक हैं। बीते दो वर्षों में यूपी से बढोतरी हो रही है। एमएसएमई के कारण संभव हो पा रहा है। ई कामर्स पोर्टल मदद करेगा। बजट ने प्राथमिकता तय कर दी है। छोटे और मझले उद्योग का खाका खींचा है। निर्माण और ईज आफ ग्रोइंग बिजनेस रोजगार निर्माण के माध्यम है। पूरा क्षेत्र बुनकर और कालीन वालों का केंद्र है। लाखों का जीवन कपडा और कालीन पर चलता है। इसी को मदद का प्रयास बजट में किया है।
पडाव में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का लोकार्पण करने के बाद पीएम ने जनसभा को संबोधित करते हुए समाज के आखिरी पंक्ति में मौजूद लोगों के लिए केंद्र सरकार की योजना की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने बुनकरों और हस्तशिल्पियों से काशी के उत्पादों के बारे में जानकारी हासिल की। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत हैंडलूम, गुलाबी मीनाकारी, लकड़ी के खिलौने, चंदौली का काला चावल, कन्नौज का इत्र, मुरादाबाद का धातु शिल्प, आगरा चमड़े के जूते, लखनऊ की चिकनकारी, आज़मगढ़ ब्लैक पॉटरी के स्टाल पर जाकर पीएम ने अवलोकन किया और शिल्पियों का सम्मान किया। वहीं सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन करने के लिए छोटे उद्योगों को सरकारी सहायता का वायदा किया।
इससे पूर्व जंगमबाड़ी मठ में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि काशी का जनप्रतिनिध हूं और काशाी की धरती पर संतों का आशीर्वाद का सौभाग्य मिला। पीएम मोदी ने कहा कि संस्कृति और संस्कृत की संगम स्थली में आप सभी के बीच आना, मेरा लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है। बाबा विश्वनाथ के सानिध्य में, मां गंगा के आंचल में, संत वाणी का साक्षी बनने का अवसर बार-बार नहीं मिलता। आपका स्वागत करता हूं। संस्कृत और संस्कृति के संगम स्थली में आना सौभाग्य है। बाबा विश्वनाथ गंगा के आंचल में संतवाणी का मौका हमेशा नहीं आता। पत्र मिला था और पत्र में राष्ट्र की चिंता थी। युवा भारत के लिए पुरातन भारत के गौारवगान का मौका था। संतों के ज्ञान सत्संग का मौका मिले छोडना नहीं चाहिए। पूरे देश के लोग कोने-कोने से यहां आए। कर्नाटक महाराष्ट्र से हैं और भोले की नगरी का प्रतिनिधितव है। आपका स्वागत है। तुलसी दास ने कहा है- संत समागम हरि कथा तुलसी दुर्लभ दोऊ। ऐसे में वीर शैव की संत परंपरा के शताब्दी वर्ष का आयोजन सुखद है। वीर शब्द का अर्थ वीरता का नहीं बल्कि वीर शैव परंपरा में वीर को आध्यात्मिक अर्थ से परिभाषित किया गया है। मानवता का महान संदेश नाम से जुडा है जिससे समाज को भय विरोध और विकारों से निकालने के लिए परंपरा का आग्रह और नेतृत्व रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि वीरशैव परंपरा वो है, जिसमें वीर शब्द को आध्यात्म से परिभाषित किया गया है। जो विरोध की भावना से ऊपर उठ गया है वही वीरशैव है। यही कारण है कि समाज को बैर, विरोध और विकारों से बाहर निकालने के लिए वीरशैव परंपरा का सदैव आग्रह रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि जंगमवाड़ी मठ भावात्मक और मनोवैज्ञानिक रूप से वंचित साथियों के लिए प्रेरणा का माध्यम है। संस्कृत भाषा और दूसरी भारतीय भाषाओं को ज्ञान का माध्यम बनाते हुए, टेक्नॉलॉजी का समावेश आप कर रहे हैं, वो भी अद्भुत है। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार का भी यही प्रयास है कि संस्कृत सहित सभी भारतीय भाषाओं का विस्तार हो, युवा पीढ़ी को इसका लाभ हो।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में राष्ट्र का यह मतलब कभी नहीं रहा कि किसने कहां जीत हासिल की, किसकी कहां हार हुई। हमारे यहां राष्ट्र सत्ता से नहीं, संस्कृति और संस्कारों से सृजित हुआ है, यहां रहने वालों के सामर्थ्य से बना है। मोदी ने कहा कि भारत में राष्ट्र का मतलब जीत और पराजय नहीं रहा। राष्ट्र सत्ता नहीं संस्कृति और संस्कारों से बना है। सामर्थ्य से बना है। ऐसे में देश की पहचान को पीढी तक पहुंचाने का जिम्मा हम सभी पर है। मंदिर बाबा विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग पीठ और चार धाम हों। यह दिव्य व्यवस्था हैं। यह एक और श्रेष्ठ भारत के मार्गदर्शक हैं। जनजन को विविधता को आपस में जोड़ते हैं। संयोग है कि गुरुकुल का शताब्दी वर्ष समारोह 21 वीं सदी के मौके पर भारत को विश्व पटल पर स्थापित करने वाला है। पुरातन ज्ञान और दर्शन को सिद्धांत शिखामणि का अभिनंदन। भक्ति से मुक्ति का मार्ग दिखाने वाले दर्शन को भावी पीढी तक पहुंचाना चाहिए। एप से ज्ञान को युवाओं को और बल देगा प्रेरणा बनेगा। आगे चलकर इस एप के द्वारा इसी ग्रंथ के संबंध में क्विज कंपटीशन करना चाहिए। तीन को इनाम देना चाहिए। सब आनलाइन हो सकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि संतों के ज्ञान को जन जन तक पहुंचाना मानवता की बड़ी सेवा है। जो बन पडे करना चाहिए। लिंगायत, वीरशैव के लोगों ने शिक्षा संस्कृति को बढाया है। मठों के जरिए अज्ञानता दूर की जा रही है। जंगमबाडी मठ तो भावातमक और मनोवैज्ञानिक तरीके से प्रेरणा और आजीविका का जरिया है। संस्कृत और दूसरे भाषाओं संग तकनीक का समावेश कर रहे हैं। सरकार का प्रयास है संस्कृत और दूसरी भाषाओं का युवाओं को लाभ हो। चंद्रशेखर महास्वामी जी का आभार जिन्होंने दर्शन कोष बनाया। उनकी लिखी किताबें राष्ट्र निर्माण का संस्कार दे रही है। नागरिक के संस्कार से देश बनता है। संस्कार कर्तव्य भावना श्रेष्ठ बनाती है।
पीएम मोदी ने जंगमबाड़ी मठ में कहा कि आचरण नए भारत की दिशा तय करेगा। सनातन परंपरा में धर्म कर्तव्य का पर्याय रहा है। वीरशैव ने धर्म की शिक्षा कर्तव्यों के साथ दी है। पांच आचरण का जिक्र है। मठों के जरिए जीवन का संकल्प और राष्ट्र निर्माण करना है। दूसरों की सेवा के लिए करुणा भाव से आगे बढना है संकल्पों से खुद को जोडना है। स्वच्छता में मठों गुरुकुलों की भूमिका रही। स्वच्छ भारत अभियान को आगे बढाया है। भारत में बने सामान को, बुनकरों शिल्पियों को सम्मान देना है। हम सब लोकल सामान को खरीदें। लोगों कों भारत में बने सामान के उपयोग पर बल देना है। मानसिकता बदला है कि इंपोर्टेड श्रेष्ठ है। जल जीवन पर आपकी भूमिका भी अहम है। पानी के बचत और सूखा मुक्त और जलयुक्त करना है। देश में बडे अभियानों को सरकारों के जरिए नहीं होगा। जनभागीदारी करना होगा। गंगा के जल में सुधार इसका परिणाम है। आज गंगा के पास बसे जगहों पर दायितवबोध कर्तव्यबोध ने गंगा को साफ करने में योगदान दिया है। नमामि गंगे का काम प्रगति पर है। आगे भी तेज कार्य होगा। मदद मिलेगी तो सहयोग से काम होगा। कुंभ में गंगा की स्वच्छता पर संतोष व्यक्त किया था। वीरशैव संतों ने जो संदेश दिया वह सरकारों को प्रेरणा देता है। आज देश में पुरानी समस्याओं पर फैसला आ रहा है। राम मंदिर प्रकरण फंसा था अब राम मंदिर का मार्ग साफ हो गया। राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट की घोषणा की है। अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्णय लेगा। संतों के आशीर्वाद से शुरू हुआ और पूरा होगा। राम मंदिर से जुडा फैसला लिया है। 67 एकड भूमि ट्रस्ट को मिलेगी। इतनी जमीन रही तो मंदिर की भव्यता बढेगी। राम मंदिर और काशी विश्वनाथ धाम का कालखंड ऐतिहासिक है। इसके बाद मेरे और दो कार्यक्रम हैं। यह सभी काशी और नए भारत को मजबूत करेंगे। संकल्प लें कि नए भारत के निर्माण में खुद जिम्मेदारी लेंगे। राष्ट्र हित में बेहतर और कर्तव्य के लिए जिम्मा निभाएंगे। आपका आभार।
जंगमबाड़ी मठ में बोले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
जंगमबाड़ी मठ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि - पीएम का उनकी ही काशी में आप सबकी ओर से स्वागत करता हूं। भारत को विश्व गौरव की अनुभूति कराया जाना चाहिए। 2014 के बाद दुनिया के सामने भारत के गौरव को आपने देखा है। गुरुकुल के शताब्दी वर्ष में पीएम आए हैं। पीएम का काशी में उन्हीं के क्षेत्र में इसलिए स्वागत है क्योंकि राम जन्म भूमि के आहवान के बाद समयबद्ध करने के बाद प्रथम आगमन है। प्रदेश की जनता की ओर से भी स्वागत और अभिनंदन है। कर्नाटक की इस परंपरा में जाति भेद और भारत के आदर्शों की स्थापना की है वह हिंदू धर्म को गुरुकुल मजबूत कर रहा है। धर्म ग्रंथ को अलग अलग भाषा में किया गया है। बंधन और मोक्ष का साक्षी ग्रंथ लोगों के लिए सहायक है। पीएम का सानिध्य मिलना परंपरा और उपासना विधियों के लिए महत्वपूर्ण है। शैवाचार्य की परंपरा के मौके पर सभी जगतगुरुओं संन्यासियों और संतों व भक्तों को शुभकामनाएं। कर्नाटक के आए सीएम, संतों और प्रतिनिधियों का काशी में स्वागत।
काला झंडा दिखाने का प्रयास
पीएम के दाैरे में रविदास गेट के पास अचानक काफिले के सामने एक युवक काला झंडा लेकर आ गया। हालांकि तुरंत ही सुरक्षा कर्मियों ने उसे पकड़ा लिया। जंगमबाड़ी से बीएचयू लौटते समय सपा नेता सतीश फौजी के बेटे अजय ने पीएम मोदी के काफिले को काला झंडा दिखाने का प्रयास किया तो भीड़ ने दौड़ा लिया और मौके पर मौजूद पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लिया।
प्रधानमंत्री की सौगात से 20 करोड़ जनता होगी लाभान्वित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को अपने संसदीय क्षेत्र में 977.10 करोड़ की 34 परियोजनाओं और काशी- महाकाल एक्सप्रेस की सौगात देंगे। इसमें बीएचयू में नवनिर्मित 430 शैय्या वाले सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल, 74 शैय्या युक्त मनोरोग अस्पताल और पीपीपी माडल पर जिला महिला चिकित्सालय में 100 शैय्यायुक्त मैटरनिटी विंग काशी को चिकित्सा हब के रूप में विकसित करेगा। इन योजनाओं से पूर्वांचल, पड़ोस के सात राज्यों समेत नेपाल के करीब 20 करोड़ लोगों को इसका लाभ मिलेगा। इसमें 16 सड़कें, विद्युत सबस्टेशन आस-पास के जिलों को भी लाभांवित करेंगे। प्रधानमंत्री काशी दौरे में 198.20 करोड़ की 14 सड़क, बिजली, पानी आदि से संबंधित परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे।
गंभीर रोगों से बचाव के लिए नहीं जाना होगा दिल्ली-मुम्बई
बीएचयू में नवनिर्मित 430 शैय्या वाले सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के निर्माण पर कुल 183.73 करोड़ खर्च हुए हैं। रेडियोलॉजी, न्यूरोशल्य चिकित्सा, गैस्ट्रो, किडनी, प्लास्टिक सर्जरी व हृदय रोग में सुपर स्पेशिलिटी सेवाएं आदि क्षेत्र में जटिल रोगों को इलाज प्रदान करेगा।
74 शैय्या युक्त मनोरोग अस्पताल
बीएचयू में नवनिर्मित 74 शैय्यायुक्त मनोरोग अस्पताल के निर्माण पर कुल 1800 लाख रुपये खर्च हुआ है। उच्च स्तर की मनोचिकित्सा सुविधा कम लागत में उपलब्ध होगी। इलाज के साथ शोध की भी सुविधा मिलेगी। इससे बीएचयू को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के समकक्ष बनाने में सहयोग मिलेगा।
चिकित्सक व कर्मचारियों के लिए आवासीय भवन
महामना पं. मदनमोहन मालवीय कैंसर सेंटर, बीएचयू के अंतर्गत आवासीय भवनों का निर्माण (लागत -5814 लाख) हुआ है। कैंसर अस्पताल में कार्यरत सैकड़ों डॉक्टर व कर्मचारियों को होगा लाभ।
वेदों के खुलेंगे रहस्य
बीएचयू में वैदिक विज्ञान केंद्र का निर्माण (लागत-1129.21लाख) हुआ है। इस केंद्र का उद्देश्य इस परम्परा का संरक्षण, व्यवस्थित शिक्षण, अनुसंधान तथा प्रकाशन द्वारा संवर्धन, प्रचार एवं प्रसार करना है।
खेती और घरेलू कटौती से मुक्ति
सिंचाई हेतु लक्षित नलकूप के 35 फीडरों का निर्माण 11706 लाख रुपये में हुआ है। पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत लाइट एवं पंखे के संयोजनों को पुराने फीडर से अलग कर कृषि कार्य के लिए नए 35 फीडरों का निर्माण किया गया है। इस कार्य से 447 ग्रामों के लगभग 3894 किसान लाभान्वित होंगे।
राजातालाब विद्युत उपकेंद्र
220 केवी उपकेंद्र राजातालाब का निर्माण (लागत-12050 लाख)। ग्रामीण क्षेत्रों को अनवरत गुणवत्तायुक्त विद्युत आपूर्ति के लिए हुई है। औराई (भदोही) तहसील से संबंधित क्षेत्र को भी विद्युत आपूर्ति होगी।
100 शैय्यायुक्त मैटरनिटी विंग
जिला महिला चिकित्सालय, कबीरचौरा में 100 शैय्यायुक्त मैटरनिटी विंग का निर्माण (लागत-1999.79 लाख) हुआ है। पीपीपी माडल पर आधुनिक सुविधा मिलेगी।
-श्री शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय का उच्चीकरण कार्य ( लागत -855.48 लाख )। इससे स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य संबंधि सुविधा बेहतर होगी।
-स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत मंदाकिनी कुंड का जीर्णोद्धार (लागत 680 लाख)। विरासत और प्राकृतिक विशेषता को महत्व प्राप्त होगा। स्वस्थ जीवन शैली व मनोरंजन को मिलेगा बढ़ावा।
-डेवलपमेंट एंड कंस्ट्रक्शन ऑफ कान्हा उपवन (गौशाला) कुल 1245 लाख खर्च तय है। बेसहारा मवेशियों को आश्रय मिलेगा। चारा, कर्मचारी, आवास की सुविधा होगी।
-श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में अन्नक्षेत्र का निर्माण (लागत-1310.07 लाख) हुआ है। भीड़ का नियंत्रण कर प्रसाद वितरण और भोजन की सुविधा मिलेगी।
-पुलिस लाइन वाराणसी में 200 व्यक्तियों की क्षमता का बहुमंजिला बैरक का निर्माण हुआ है। इस पर कुल 702. 56 लाख खर्च हुआ है। सुरक्षा कर्मियों को हर प्रकार की सुविधा।
-राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कपसेठी, राजातालाब का निर्माण। खर्च 689. 95 लाख रुपये। वाराणसी और भदोही के छात्रों को मिलेगा अवसर।
-चौकाघाट लहरतारा मार्ग पर फोर लेन उपरगामी सेतु का निर्माण। खर्च हुआ 17149.88 लाख रुपये। प्रतिदिन इस रूट पर आने वाले करीब दो लाख लोगों को जाम से प्रतिदिन राहत मिलेगी।
-लालपुर चट्टी से भिखमपुर होते हुए तक्खु की बौली तक मार्ग पर कुल 864 लाख खर्च। करीब दो दर्जन गांवों के लोगों का रास्ता होगा निष्कंटक।
-जक्खिनी त्रिमहानी शहंशाहपुर बेलवां का निर्माण लागत कुल 484.80 लाख रुपये।
-छित्तुपुर टिकरी आइआइटी मार्ग से डाफी बाईपास से टिकरी होते हुये नुआंव बाईपास तक (लागत -796 . 79 लाख)। क्षेत्र को सरकारी आइटीआइ की सुविधा।
-क्षेत्रीय जनविश्लेषक प्रयोगशाला , शिवपुर, वाराणसी के सुदृढ़ीकरण का कार्य (लागत 492.68 लाख)। खाद्य पदार्थ तथा ड्रग के नमूने बाजार से एकत्रित कर जांच की सुविधा।
-बुद्धा थीम पार्क में आडिटोरियम भवन की फर्नीशिंग एवं साज -सज्जा (लागत -585.16 लाख)। पर्यटन की दृष्टि से बढ़ावा मिलेगा।
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