कपिल मिश्रा जिनका विवादों से है पुराना नाता : श्री मिश्र पर जिसने उंगली उठायी,समझिये उसकी शामत आयी
कपिल मिश्रा जिनका विवादों से है पुराना नाता : श्री मिश्र पर जिसने उंगली उठायी,समझिये उसकी शामत आयी
शिकायत करने वाला बीएसएनल अधिकारी एक साल से है निलंबित,उंगली उठाने वाले जज साहब का हो गया तबादला
नईदिल्ली 27 फरवरी 2020 ।। दिल्ली हिंसा से विवादों में आए बीजेपी नेता कपिल मिश्रा अपने भड़काऊ बयानों को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर असुददीन ओवैसी तक ने कपिल मिश्रा के बयान को दिल्ली में भड़की हिंसा की वजह बताया. कपिल मिश्रा के खिलाफ पुलिस से बाकायादा दो शिकायतें भी की गई हैं और बुधवार को तो दिल्ली हाई कोर्ट ने कपिल मिश्रा के भड़काऊ भाषण को अदालत में चलवाकर देखा और इस पर एक्शन नहीं होने को लेकर दिल्ली पुलिस को जमकर फटकार लगाई ।
कपिल मिश्रा पहली बार भड़काऊ बयानों को लेकर सुर्खियों में नहीं आए हैं बल्कि विवादों से उनका पुराना नाता रहा है. एक साल पहले पुलवामा हमले के बाद फरवरी 2019 में कपिल मिश्रा ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करते भड़काऊ कविता लिखी थी, जिसे लेकर दूरसंचार विभाग के अधिकारी आशीष जोशी ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को लिखित शिकायत की थी. दिल्ली पुलिस ने तो इस मामले में कपिल मिश्रा के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया बल्कि केंद्र सरकार ने शिकायत करने वाले अधिकारी आशीष जोशी को ही सस्पेंड कर दिया गया है. आशीष जोशी पिछले एक साल से सस्पेंड ही चल रहे हैं ।
कपिल मिश्रा ने 23 फरवरी 2019 को अपने ट्वीटर पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा था, 'मोदी जी तुम देखो जो दुश्मन हैं सीमा पार, बाकी जनता निपटा देगी घर में छिपे हुए गद्दार.' इस ट्वीट के अगले दिन यानी 24 फरवरी को दूरसंचार अधिकारी आशीष जोशी ने ये कहते हुए इसकी शिकायत पुलिस कमिश्नर से की थी कि कपिल मिश्रा ने बेहद भड़काऊ वीडियो शेयर किया है जो देश के नागरिकों को कुछ लोगों पर हमला करने के लिए उकसा रहा है. ये वीडियो भारतीय दंड संहिता और आईटी एक्ट के तहत गैरकानूनी है.'
बता दें कि मंत्रालय ने अशीष को ये कहकर सस्पेंड कर दिया कि उन्होंने अपने अधिकारियों की सलाह के बिना ये सब किया. टेलीकॉम विभाग ने न तो आशीष जोशी को तलब किया और न ही उनसे कोई सफाई मांगी. आशीष जोशी के सस्पेंशन के ऑर्डर दे दिए गए और वह पिछले एक साल से सस्पेंड चल रहे हैं. जोशी का सस्पेंशन अभी अप्रैल तक है, लेकिन पिछले एक साल से हर तीन महीने पर इसे बढ़ा दिया जाता रहा है.
दरअसल दिल्ली के जाफराबाद में मेट्रो स्टेशन के नीचे 22 और 23 फरवरी की आधी रात में सीएए के खिलाफ महिलाएं धरने पर बैठ गई थीं और सड़क जाम कर दी थी. इसके चलते मौजपुर और यमुना विहार जाने वाला रास्ता बंद हो गया. इसके बाद कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि 'जाफराबाद के जवाब में' सड़क पर उतरना जरूरी हो गया है.
कपिल मिश्रा अपने समर्थकों के साथ मौजपुर चौक की रेड लाइट पर पहुंचे और CAA के समर्थन में धरने पर बैठ गए. कपिल मिश्रा ने कहा था, 'ये यही चाहते हैं कि दिल्ली में आग लगी रहे. इसीलिए इन्होंने रास्ते बंद किए और इसीलिए ये दंगे जैसा माहौल बना रहे हैं. डीसीपी साहब, आप सबके सामने खड़े हैं. मैं आप सबकी ओर से ये बात कह रहा हूं कि ट्रंप के जाने तक तो हम शांति से जा रहे हैं. लेकिन उसके बाद हम आपकी भी नहीं सुनेंगे अगर रास्ते खाली नहीं हुए तो. ठीक है? कपिल मिश्रा के इस बयान के दूसरे दिन ही हिंसा भड़क गई, जिसके चलते वो निशाने पर हैं । अब तो एक ही चर्चा है जिसने कपिल मिश्रा पर उंगली उठायी, समझो उसको शामत आयी । दिल्ली हाइकोर्ट के जज के तबादले के बाद तो यह सोलह आने सच्ची लगने लगी है ।