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सीतापुर लखनऊ में पड़े 2 से 3 इंच के ओले, किसानों को हुई भारी क्षति,फसल बीमा का अबतक नही मिला मुआवजा

  सीतापुर लखनऊ में पड़े 2 से 3 इंच के ओले, किसानों को हुई भारी क्षति,फसल बीमा का अबतक नही मिला मुआवजा
ए कुमार

लखनऊ 13 मार्च 2020 ।। सीतापुर लखनऊ जनपद के कई हिस्सों में 2 इंच 3 इंच के बड़े-बड़े ओलो  से  किसानों की फसल जो कि लगभग तैयार थी, पूरी तरह से नष्ट हो गई है ।।
 अब देखना यह है कि सरकार की किसान फसल बीमा योजना के तहत कितनों को और  कितनी राहत दिलवाती है क्योंकि किसान फसल बीमा योजना का प्रत्यक्ष लाभ अभी तक देखने को नहीं मिला।
 बीमा कंपनियों के पास किसान के खाते से सीधे रकम काटकर बैंकों द्वारा पहुंचा दी जाती है और किसान के पास इसकी कोई भी जानकारी नहीं होती है ,सरकार अब इस पर कैसा रुख तैयार करती है यह देखने की बात होगी।
 बहुत ही बड़ी त्रासदी
 पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के अलग अलग जगहों पर हो रही ओलावृष्टि से किसानों को बहुत ही भारी नुकसान उठाना पड़ा है जनपद के किसान इस बार मौसम में अनचाहे बदलाव से बहुत ही परेशान है हालांकि योगी सरकार ने जिले से किसानों के नुकसान की रिपोर्ट मंगवाई है लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है किसानों को कोई भी मदद सरकार द्वारा सीधे नहीं मिल पाती और जो भी सूखा राहत के नाम पर मिलता था  वह एक भीख से ज्यादा कुछ भी नहीं क्योंकि किसानों को प्रति एकड़ 500 ₹600 रुपए दिए जाते हैं ।
 किसान फसल बीमा योजना बीजेपी का एक बहुत ही बड़ा मुद्दा.. और योजना थी जिसका प्रत्यक्ष लाभ अभी तक किसी किसान को नहीं मिला लेकिन हर साल किसान के खाते से और उसके किसान कार्ड से बगैर पूछे रुपए काटकर बीमा कंपनियों को दे दिए जाते हैं उसके बाद किसी भी किसान को कोई भी लाभ कंपनियों द्वारा नहीं दिया जाता लेकिन इस बार त्रासदी बहुत बड़े पैमाने पर हुई है और सरकार को यह चाहिए कि इसको आपदा घोषित कर किसान फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को दिलवाए बीमा कंपनियों से  योजना का लाभ किसानों के हित में सुनिश्चित करें।

बारिश के साथ गिरे ओले, फसलों को नुकसान

बढ़नी सिद्धार्थनगर 13 मार्च 2020 ।।तेज हवा के साथ हुई हल्की बारिश के बीच जिले के कुछ क्षेत्रों में शुक्रवार को ओला गिरे। इससे सबसे गेहूं की फसल के साथ सरसो की फसल को व्यापक नुकसान हुआ। इससे अच्छी फसल की किसानों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा। उधर शुक्रवार सुबह से ही बादल छाए रहने के बीच हवाएं चलने का जो सिलसिला शुरू हुआ । आसमान पर काले बादल उमड़ने के साथ ही हवाएं चलने लगीं। मध्यरात्रि करीब तेज हवा के बीच बूंदाबांदी शुरू हो गई। गरज चमक के बीच तेज बारिश तो नहीं हुई, लेकिन जिले के क्षेत्रों में ओले गिरे। इससे सबसे अधिक समास्या गेहूं की फसल को नुकसान हुआ। हवा के साथ ओले गिरने से खेतों में खड़ी  गेहूं की फसल धराशायी हो गई। क्षेत्र के किसानो  ने कहा कि अचानक मौसम में आए परिवर्तन गेहूं की फसल को व्यापक नुकसान पहुंचाया है।ओले व बारिस से कुछ जगह गेहूं व सरसों की फसल खेतों में धराशायी हो गई।