जिलाधिकारी बलिया ने किया मिशन इंद्रधनुष 2.0 के चौथे चरण(अंतिम चरण) का शुभारंभ,2 मार्च से 16 मार्च तक चलेगा यह अभियान
जिलाधिकारी बलिया ने किया मिशन इंद्रधनुष 2.0 के चौथे चरण(अंतिम चरण) का शुभारंभ,2 मार्च से 16 मार्च तक चलेगा यह अभियान
बलिया, 02 मार्च 2020 ।। जनपद के आनंद नगर मोहल्ले मे सोमवार को जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0 चौथे चरण (अंतिम चरण )अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने दो साल तक के बच्चों को पोलियो ओ0पी0वी0 ड्रॉप पिलाई। वहीं जिला प्रतिरक्षण अधिकारी/एसीएमओ डॉ ए के मिश्रा बच्चों ने बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाते हुये उनके अभिभावकों को प्रोत्साहित किया। जनपद में दो वर्ष तक छूटे हुये बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को वर्ष 2020 तक 90 फीसदी प्रतिरक्षित करने के उद्देश्य से अभियान की शुरुआत की गयी।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ ए के मिश्रा ने बताया कि नवजात शिशुओं और बच्चों में होने वाली जानलेवा बीमारियों जैसे- पोलियो, खसरा-रूबेला, रोटा वायरस, डिप्थीरिया, टिटनेस, काली खांसी आदि से बचाने के लिए संपूर्ण टीकाकरण बेहद जरूरी है। सरकार नवजात शिशुओं और बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है ।
उन्होंने बताया कि इंद्रधनुष के सात रंगों को प्रदर्शित करने वाले इस मिशन का उद्देश्य है कि वर्ष 2020 तक सभी बच्चों का टीकाकरण करना है जिन्हें टीके नहीं लगे हैं। अभियान लगातार चार चरणों मे चलाया जायेगा। जिसका पहला चरण चरण 02 दिसंबर से 12 दिसंबर 2019 तक चलाया गया। अभियान का दूसरा 6 जनवरी से 16 जनवरी तक चलाया गया। तीसरा चरण 3 फरवरी से 12 फरवरी तक चलाया गया। चौथा एवं अंतिम चरण 16 मार्च तक चलाया जायेगा। यह अभियान जिले के नगरीय इलाकों, मुरली छपरा, हनुमानगंज, बांसडीह, रसड़ा ब्लॉक में चलाया जा रहा है।
डॉ ए के मिश्रा ने बताया कि अपने घर परिवारों में कोई गर्भवती महिला एवं जन्म से लेकर दो वर्ष तक के बच्चे जो किसी कारणवश टीकों से वंचित रह गए हैं। इस अभियान के तहत निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों में जाकर टीके लगवाकर जानलेवा बीमारियों से बचाव करें। यदि बच्चों का टीकाकरण समय से कराते हैं तो बच्चे जीवन भर स्वस्थ और खुशहाल रहेंगे। अभियान में विशेष रूप से ईट-भट्ठों और निर्माण साइटों पर रहने वाले परिवारों के टीकाकरण पर जोर दिया जाएगा, क्योंकि इन दोनों स्थानों पर रहने वाले परिवार एक से दूसरे जगह स्थानांतरित करते रहते हैं। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के दौरान इनके छूटे जाने की आशंका बनी रहती है। टीकाकरण न होने वाले या फिर आंशिक टीकाकरण वाले बच्चों को मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत दस तरह की बीमारियों से बचाने वाले टीके लगाए जाते हैं।
इस मौके पर कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ के डी प्रसाद,WHO के प्रतिनिधि, यूनिसेफ से डीएमसी नसीम खान, BMC शब्बा ,अपर शोध अधिकारी रामहित, यूएनडीपी से जिला कोल्ड चैन मैनेजर बहादुर प्रसाद आदि लोग उपस्थित रहे।
बलिया, 02 मार्च 2020 ।। जनपद के आनंद नगर मोहल्ले मे सोमवार को जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0 चौथे चरण (अंतिम चरण )अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने दो साल तक के बच्चों को पोलियो ओ0पी0वी0 ड्रॉप पिलाई। वहीं जिला प्रतिरक्षण अधिकारी/एसीएमओ डॉ ए के मिश्रा बच्चों ने बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाते हुये उनके अभिभावकों को प्रोत्साहित किया। जनपद में दो वर्ष तक छूटे हुये बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को वर्ष 2020 तक 90 फीसदी प्रतिरक्षित करने के उद्देश्य से अभियान की शुरुआत की गयी।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ ए के मिश्रा ने बताया कि नवजात शिशुओं और बच्चों में होने वाली जानलेवा बीमारियों जैसे- पोलियो, खसरा-रूबेला, रोटा वायरस, डिप्थीरिया, टिटनेस, काली खांसी आदि से बचाने के लिए संपूर्ण टीकाकरण बेहद जरूरी है। सरकार नवजात शिशुओं और बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है ।
उन्होंने बताया कि इंद्रधनुष के सात रंगों को प्रदर्शित करने वाले इस मिशन का उद्देश्य है कि वर्ष 2020 तक सभी बच्चों का टीकाकरण करना है जिन्हें टीके नहीं लगे हैं। अभियान लगातार चार चरणों मे चलाया जायेगा। जिसका पहला चरण चरण 02 दिसंबर से 12 दिसंबर 2019 तक चलाया गया। अभियान का दूसरा 6 जनवरी से 16 जनवरी तक चलाया गया। तीसरा चरण 3 फरवरी से 12 फरवरी तक चलाया गया। चौथा एवं अंतिम चरण 16 मार्च तक चलाया जायेगा। यह अभियान जिले के नगरीय इलाकों, मुरली छपरा, हनुमानगंज, बांसडीह, रसड़ा ब्लॉक में चलाया जा रहा है।
डॉ ए के मिश्रा ने बताया कि अपने घर परिवारों में कोई गर्भवती महिला एवं जन्म से लेकर दो वर्ष तक के बच्चे जो किसी कारणवश टीकों से वंचित रह गए हैं। इस अभियान के तहत निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों में जाकर टीके लगवाकर जानलेवा बीमारियों से बचाव करें। यदि बच्चों का टीकाकरण समय से कराते हैं तो बच्चे जीवन भर स्वस्थ और खुशहाल रहेंगे। अभियान में विशेष रूप से ईट-भट्ठों और निर्माण साइटों पर रहने वाले परिवारों के टीकाकरण पर जोर दिया जाएगा, क्योंकि इन दोनों स्थानों पर रहने वाले परिवार एक से दूसरे जगह स्थानांतरित करते रहते हैं। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के दौरान इनके छूटे जाने की आशंका बनी रहती है। टीकाकरण न होने वाले या फिर आंशिक टीकाकरण वाले बच्चों को मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत दस तरह की बीमारियों से बचाने वाले टीके लगाए जाते हैं।
इस मौके पर कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ के डी प्रसाद,WHO के प्रतिनिधि, यूनिसेफ से डीएमसी नसीम खान, BMC शब्बा ,अपर शोध अधिकारी रामहित, यूएनडीपी से जिला कोल्ड चैन मैनेजर बहादुर प्रसाद आदि लोग उपस्थित रहे।