बीएचयू-आइआइटी के छात्रों को 21 मार्च को रात आठ बजे तक छात्रावास छोडऩे का आदेश
बीएचयू-आइआइटी के छात्रों को 21 मार्च को रात आठ बजे तक छात्रावास छोडऩे का आदेश
ए कुमार
वाराणसी 18 मार्च 2020 ।।कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव और रोकथाम के लिए आइआइटी (बीएचयू) में छात्रों को 21 मार्च रात 8 बजे तक छात्रावास खाली करने का आदेश आ चुका है। मेस की सुविधा भी शनिवार के लंच के बाद बंद कर दिया जाएगा। सभी छात्रों को सलाह दी जा रही है कि भारत सरकार व संस्थान द्वारा जारी नियमों का पालन करे। वहीं जो छात्र घर चले गए हैं उन्हें अगले आदेश तक छात्रावास में वापस आने की अनुमति न दी जाए।यही नहीं संस्थान स्थित कैफे कॉफी डे और आइआइटी कैफेटेरिया को भी अगली सूचना तक बंद कर दिया गया है। साथ ही छात्रों व कर्मचारियों को मेस, टी-स्टाल, पुस्तकालय व अन्य सार्वजनिक जगहों पर समूह में न रहने के की भी सलाह दी गई है। यह निर्णय बुधवार को कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए गठित टास्क फोर्स की बैठक में ली गई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि शोधार्थियों और एम.टेक के छात्रों को अपना शोध कार्य ईमेल के माध्यम से अपने सुपरवाइजर से संपर्क करके किया जाए। बैठक में सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एस के माथुर, कुलसचिव डा. एसपी माथुर व स्टूडेंट पार्लियामेंट के वाइस प्रेसीडेंट हर्षित चौधरी सहित आइआइटी के कई बड़े पदाधिकारी व प्रोफेसर मौजूद थे।कोरोना के संक्रमण से बचाव के चलते बीएचयू प्रशासन ने रेजीडेंट डाक्टरों के अलावा सभी छात्रों से छात्रावास खाली कर घर चले जाने की अपील की है। छात्रों व कर्मचारियों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए अब छात्रावासों में मेस चलाना संभव नहीं है। कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए यह अपील विवि के कुलसचिव की ओर से जारी की गई है। हालांकि शोधार्थियों को कुछ दिशा-निर्देशों के साथ शोध आधारित गतिविधियां करने की छूट दी गई है। इस संबंध में शोध छात्रों या पोस्ट डॉक्टोरल शोधार्थियों को फैलोशिप भुगतान के लिए उपस्थिति बाध्यता से भी छूट दी जाएगी।कुलसचिव की ओर से जारी इस अपील में बताया गया कि भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सोशल डिसटेन्सिंग के बारे में दिशानिर्देश व परामर्श जारी किये हैं। इन दिशानिर्देशों के आलोक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी सलाह में विश्वविद्यालयों को बंद करने और छात्रों को घरों पर रहने की सलाह दी गई है। 31 मार्च तक बीएचयू में पठन-पाठन व अन्य शैक्षणिक गतिविधियां खत्म कर दी गई हैं। अगर इस तारीख को बढ़ाया गया तो उसकी सूचना भविष्य में दी जाएगी। विवि की ओर से सरकारी कर्मचारियों के स्वास्थ्य हित को ध्यान में रखते हुए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देशों को भी अधिसूचित किया है।कोरोना के संक्रमण पर नियंत्रण व इस के संभावित मामलों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए वाराणसी जिला प्रशासन और बीएचयू के बीच बुधवार को एक बैठक की गई। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोविड-19 के संदिग्ध मामलों की जांच को लेकर अस्पताल द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी जिला प्रशासन को दी। एडीएम सिटी विनय कुमार सिंह व सीएमओ डा. बीबी सिंह ने विश्वविद्यालय को आश्वस्त किया कि कोविड-19 से निपटने में बीएचयू को हर जरूरी मदद दी जाएगी। बैठक में आने वाले समय में कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए तैयारियों की समीक्षा की गई और जिला प्रशासन व बीएचयू ने एक दूसरे को हर संभव सहयोग देने को आश्वस्त किया। बैठक में विवि की ओर से रेक्टर प्रो. वीके शुक्ला, कुलसचिव डा. नीरज त्रिपाठी, आइएमएस के निदेशक प्रो. आर के जैन सहित विवि के कई पदाधिकारी इस बैठक में उपस्थित रहे।
ए कुमार
वाराणसी 18 मार्च 2020 ।।कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव और रोकथाम के लिए आइआइटी (बीएचयू) में छात्रों को 21 मार्च रात 8 बजे तक छात्रावास खाली करने का आदेश आ चुका है। मेस की सुविधा भी शनिवार के लंच के बाद बंद कर दिया जाएगा। सभी छात्रों को सलाह दी जा रही है कि भारत सरकार व संस्थान द्वारा जारी नियमों का पालन करे। वहीं जो छात्र घर चले गए हैं उन्हें अगले आदेश तक छात्रावास में वापस आने की अनुमति न दी जाए।यही नहीं संस्थान स्थित कैफे कॉफी डे और आइआइटी कैफेटेरिया को भी अगली सूचना तक बंद कर दिया गया है। साथ ही छात्रों व कर्मचारियों को मेस, टी-स्टाल, पुस्तकालय व अन्य सार्वजनिक जगहों पर समूह में न रहने के की भी सलाह दी गई है। यह निर्णय बुधवार को कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए गठित टास्क फोर्स की बैठक में ली गई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि शोधार्थियों और एम.टेक के छात्रों को अपना शोध कार्य ईमेल के माध्यम से अपने सुपरवाइजर से संपर्क करके किया जाए। बैठक में सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एस के माथुर, कुलसचिव डा. एसपी माथुर व स्टूडेंट पार्लियामेंट के वाइस प्रेसीडेंट हर्षित चौधरी सहित आइआइटी के कई बड़े पदाधिकारी व प्रोफेसर मौजूद थे।कोरोना के संक्रमण से बचाव के चलते बीएचयू प्रशासन ने रेजीडेंट डाक्टरों के अलावा सभी छात्रों से छात्रावास खाली कर घर चले जाने की अपील की है। छात्रों व कर्मचारियों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए अब छात्रावासों में मेस चलाना संभव नहीं है। कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए यह अपील विवि के कुलसचिव की ओर से जारी की गई है। हालांकि शोधार्थियों को कुछ दिशा-निर्देशों के साथ शोध आधारित गतिविधियां करने की छूट दी गई है। इस संबंध में शोध छात्रों या पोस्ट डॉक्टोरल शोधार्थियों को फैलोशिप भुगतान के लिए उपस्थिति बाध्यता से भी छूट दी जाएगी।कुलसचिव की ओर से जारी इस अपील में बताया गया कि भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सोशल डिसटेन्सिंग के बारे में दिशानिर्देश व परामर्श जारी किये हैं। इन दिशानिर्देशों के आलोक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी सलाह में विश्वविद्यालयों को बंद करने और छात्रों को घरों पर रहने की सलाह दी गई है। 31 मार्च तक बीएचयू में पठन-पाठन व अन्य शैक्षणिक गतिविधियां खत्म कर दी गई हैं। अगर इस तारीख को बढ़ाया गया तो उसकी सूचना भविष्य में दी जाएगी। विवि की ओर से सरकारी कर्मचारियों के स्वास्थ्य हित को ध्यान में रखते हुए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देशों को भी अधिसूचित किया है।कोरोना के संक्रमण पर नियंत्रण व इस के संभावित मामलों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए वाराणसी जिला प्रशासन और बीएचयू के बीच बुधवार को एक बैठक की गई। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोविड-19 के संदिग्ध मामलों की जांच को लेकर अस्पताल द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी जिला प्रशासन को दी। एडीएम सिटी विनय कुमार सिंह व सीएमओ डा. बीबी सिंह ने विश्वविद्यालय को आश्वस्त किया कि कोविड-19 से निपटने में बीएचयू को हर जरूरी मदद दी जाएगी। बैठक में आने वाले समय में कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए तैयारियों की समीक्षा की गई और जिला प्रशासन व बीएचयू ने एक दूसरे को हर संभव सहयोग देने को आश्वस्त किया। बैठक में विवि की ओर से रेक्टर प्रो. वीके शुक्ला, कुलसचिव डा. नीरज त्रिपाठी, आइएमएस के निदेशक प्रो. आर के जैन सहित विवि के कई पदाधिकारी इस बैठक में उपस्थित रहे।