जनता कर्फ्यू के अगले ही दिन भूले सुरक्षा की सलाह : 22 घण्टे के बचाव के बाद बढ़ा दिए कई गुना खतरे का अंदेशा : गोरखपुर में खरीदारी को बाज़ारों में उमड़ी भीड़
जनता कर्फ्यू के अगले ही दिन भूले सुरक्षा की सलाह : 22 घण्टे के बचाव के बाद बढ़ा दिए कई गुना खतरे का अंदेशा : गोरखपुर में खरीदारी को बाज़ारों में उमड़ी भीड़
ए कुमार
गोरखपुर 23 मार्च 2020 ।। जनता कर्फ़्यू के बाद शहर ने अपनी खामोशी तोड़ी तो रोज़मर्रा की ज़रूरतें लोगो को बाज़ारों में खींच लायी घर के लिए ज़रूरी सामानों की दुकानों पर लोगों की भीड़ देखी गई, ख़ास कर सब्जी व दूध की दुकानों पर ज़्यादा भींड़ रही। दामों में थोड़ी तेजी रही थोक मंडी में आलू 15 से 18 रुपये तो प्याज़ 20 से 22 रुपये रही लेकिन फुटकर में प्याज 30 से 35 रुपये और आलू 25 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट पर बिके।
हैरानी की बात ये रही कि पिछले 22 घण्टों से कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए घरों में रहने वालों ने सुबह बाज़ारों में जब भीड़ के रूप में इकट्ठा होना शुरू किया तो बचाव के सारे बिंदुओं को सिरे से भुला दिया ।
बीमारी को देख कर निरंतर केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा भीड़ से बचने और मास्क या रुमाल का प्रयोग करने और निर्धारित दूरी बनाकर रहने की सलाह इंसानी जरूरतों पर भारी पड़ती नज़र आयी, एक्का दुक्का लोग ही मास्क का प्रयोग करते दिखाई दिए ।
मजेदार बात यह देखने को मिली कि महेवा की थोक मंडी से लेकर पटेश्वरी बाजार की फुटकर मंडी में इकट्ठा हज़ारो की भीड़ में न तो स्वास्थ्य विभाग दिखा और न ही यहां संक्रमण से बचाव के सरकारी उपाय ही नज़र आये।
गोरखपुर में कोराना वायरस के संकमण से बचाव के लिये लागू किये गये लाकडाउन के दृष्टिगत आम जनता को प्रातः 9.30 बजे तक का समय ही अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए निर्धारित था बता दें कि गोरखपुर मे धारा 144 लागू है ।
वही शहर की थोक मंडी में सामानों की पर्याप्त उपलब्धता है, दाम भी स्थिर है लेकिन सब्जी मंडी में बाहर से आने वाले माल के ट्रांसपोर्टेशन को लेकर थोड़ी हिचकिचाहट है।
सब्जी मंडी में सब्जियों की खपत तो है लेकिन फल मंडी में चहल पहल कम है, यहां खरीददारों की संख्या बहुत सीमित रही।