बलिया एक्सप्रेस की खबर पर लगी मुहर : डीएम बलिया के सामने खुली ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल,डीएम बलिया ने दिया आदेश- सम्बंधित तहसीलो में जाकर 9 बजे हाजिरी लगाएंगे चिकित्सक, मचा हड़कम्प
बलिया एक्सप्रेस की खबर पर लगी मुहर : डीएम बलिया के सामने खुली ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल,डीएम बलिया ने दिया आदेश- सम्बंधित तहसीलो में जाकर 9 बजे हाजिरी लगाएंगे चिकित्सक, मचा हड़कम्प
मधुसूदन सिंह
बलिया 23 मार्च 2020 ।। बलिया एक्सप्रेस की भविष्यवाणी कि आज डीएम बलिया के सामने खुल जाएगी स्वास्थ्य सेवाओं की पोल , एक दम सही साबित हुई । जनपद की 10 क्रियाशील सीएचसी और 80 पीएचसी , एडिशनल पीएचसी पर तैनात 150 स्थायी चिकित्सको (49 विभिन्न कारणों से अरसे से गायब रहते है, इनमें से कुछ पीजी कोर्स कर रहे है) में से क्रियाशील 101 में से आज जिलाधिकारी बलिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में मात्र 29 ने प्रतिभाग किया और 15 चिकित्सको ने ग्रामीण क्षेत्रो के अस्पतालों में आकस्मिक ड्यूटी की । यानी 101 चिकित्सको में से मात्र 44 चिकित्सक ही इस महामारी के समय मे उपस्थित रहे , शेष 56 लोग वेतन तो सरकार का लेते है लेकिन अस्पताल न आकर अपने अपने घरों पर प्राइवेट प्रैक्टिस करते है । ऐसे चिकित्सको के चलते ही बलिया के ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल है । चिकित्सको को धरती का भगवान कहा जाता है लेकिन सीएम योगी द्वारा शासनादेश जारी करने के वावजूद अगर ये लोग यहां के मरीजो की जिंदगियों को बचाने से घर पर पैसा कमाने को वरीयता दे रहे है तो इनको स्वास्थ्य विभाग का खून (वेतन) चूसने वाला कोरोना वायरस कहा जाय तो कोई अतिश्योक्ति नही होगी ।
जनपद में डॉक्टरों की गायब होने की बीमारी के राज खुलते ही जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने वर्षो से स्वास्थ्य विभाग में काम न करने वाले चिकित्सको पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है । श्री शाही ने आज एक आदेश जारी कर सीएचसी पीएचसी के सभी डॉक्टरों को आदेश दिया है कि प्रत्येक दिवस के 9 बजे सभी चिकित्सक अपने अपने क्षेत्र के तहसीलो में जाकर उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर बनायेगे उसके बाद अस्पताल । वही सभी नोडल व एडिशनल सीएमओ, डिप्टी सीएमओ , सीएमओ बलिया के कैम्प कार्यालय पर रिपोर्टिंग करेंगे ।
इस आदेश के जारी होते ही अस्पताल की नौकरी को खाला का घर समझने वालों में हड़कम्प मच गया है । वही आज की बैठक में अनुपस्थित सभी 56 चिकित्सको का 1 दिन का वेतन काटने के साथ अन्य कठोर विभागीय कार्यवाही होने की सूत्रों ने खबर दी है ।
बतादे कि बलिया में स्थायी चिकित्सको का 203 पद है जिसमे से मात्र 101 तैनात है ।
मधुसूदन सिंह
बलिया 23 मार्च 2020 ।। बलिया एक्सप्रेस की भविष्यवाणी कि आज डीएम बलिया के सामने खुल जाएगी स्वास्थ्य सेवाओं की पोल , एक दम सही साबित हुई । जनपद की 10 क्रियाशील सीएचसी और 80 पीएचसी , एडिशनल पीएचसी पर तैनात 150 स्थायी चिकित्सको (49 विभिन्न कारणों से अरसे से गायब रहते है, इनमें से कुछ पीजी कोर्स कर रहे है) में से क्रियाशील 101 में से आज जिलाधिकारी बलिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में मात्र 29 ने प्रतिभाग किया और 15 चिकित्सको ने ग्रामीण क्षेत्रो के अस्पतालों में आकस्मिक ड्यूटी की । यानी 101 चिकित्सको में से मात्र 44 चिकित्सक ही इस महामारी के समय मे उपस्थित रहे , शेष 56 लोग वेतन तो सरकार का लेते है लेकिन अस्पताल न आकर अपने अपने घरों पर प्राइवेट प्रैक्टिस करते है । ऐसे चिकित्सको के चलते ही बलिया के ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल है । चिकित्सको को धरती का भगवान कहा जाता है लेकिन सीएम योगी द्वारा शासनादेश जारी करने के वावजूद अगर ये लोग यहां के मरीजो की जिंदगियों को बचाने से घर पर पैसा कमाने को वरीयता दे रहे है तो इनको स्वास्थ्य विभाग का खून (वेतन) चूसने वाला कोरोना वायरस कहा जाय तो कोई अतिश्योक्ति नही होगी ।
जनपद में डॉक्टरों की गायब होने की बीमारी के राज खुलते ही जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने वर्षो से स्वास्थ्य विभाग में काम न करने वाले चिकित्सको पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है । श्री शाही ने आज एक आदेश जारी कर सीएचसी पीएचसी के सभी डॉक्टरों को आदेश दिया है कि प्रत्येक दिवस के 9 बजे सभी चिकित्सक अपने अपने क्षेत्र के तहसीलो में जाकर उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर बनायेगे उसके बाद अस्पताल । वही सभी नोडल व एडिशनल सीएमओ, डिप्टी सीएमओ , सीएमओ बलिया के कैम्प कार्यालय पर रिपोर्टिंग करेंगे ।
इस आदेश के जारी होते ही अस्पताल की नौकरी को खाला का घर समझने वालों में हड़कम्प मच गया है । वही आज की बैठक में अनुपस्थित सभी 56 चिकित्सको का 1 दिन का वेतन काटने के साथ अन्य कठोर विभागीय कार्यवाही होने की सूत्रों ने खबर दी है ।
बतादे कि बलिया में स्थायी चिकित्सको का 203 पद है जिसमे से मात्र 101 तैनात है ।